आर्ची यादव करेगी हरियाणा का नेतृत्व

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विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल की छात्रा ने किया जिले का नाम रौशन

मध्य प्रदेश में होगा स्कूल नेशनल आर्चरी चैम्पियनशिप

संदीप पराशर

फरीदाबाद। लगता है हरियाणा प्रदेश खिलाडियों के लिए नर्सरी बन गया है. यहाँ बड़े तो क्या अब स्कूली बच्चे भी खेल कि दुनिया में अपना जौहर दिखा कर अपनी धमक का एहसास कराने लगे हैं. इस श्रेणी में एक और नाम जुड़ गया है. जी हाँ हम बात कर रहें हैं प्रदेश की शान और स्कूल का अभिमान, आर्ची यादव की. फरीदाबाद स्थित विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल की दसवीं कक्षा की यह छात्रा मध्य प्रदेश में होने वाली स्कूल नेशनल आर्चरी चैम्पियनशिप में हरियाणा की टीम का नेतृत्व करेगी . बचपन से ही मेधावी आर्ची को यह अवसर हाल ही frd-3-aमें हिसार में हुए स्कूल आर्चरी चैम्पियनशिप में उसके बेहतरीन प्रदर्शन को frd-4-aदेखते हुए दिया गया है . विद्यासागर इंटरनेशनल स्कूल के डायरेक्टर दीपक यादव के अनुसार आर्ची ने टीम -17 रिकर्व स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल कर अपने जिले व स्कूल का नाम रौशन किया है। उसके इस जीत के आधार पर ही आर्ची यादव का चयन स्कूल नेशनल आर्चरी चैम्पियनशिप के लिए हुआ है। उनका कहना है कि उन्हें उस पर भरोसा है कि वह एक दिन अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मैडल देश के नाम करेगी.

उनके अनुसार विद्यासागर इन्टरनेशनल स्कूल के ही अन्य विद्यार्थी रितिका यादव तथा शिवा सैफी ने हिसार में हुई स्कूल स्टेट आर्चरी चैम्पियनशिप में -19 टीम रिकर्व स्पर्धा में रजत पदक प्राप्त हासिल किया है। इसी श्रृंखला में नवीन शर्मा ने भी -19 टीम रिर्कव स्पर्धा में रजत पदक जीता । ये तीनों इसी स्कूल के कक्षा ग्यारह के छात्र हैं. कक्षा सात के सन्नी ने -14 टीम इंडियन राउन्ड में रजत पदक हासिल किया । इन सभी विद्यार्थियों को विद्यालय के डायरेक्टर दीपक यादव, एकेडमिक डायरेक्टर सी एल गोयल , एवं प्रिंसिपल शिवानी श्रीवास्तव ने बधाई दी। उन्होंने आर्ची यादव की तीरंदाजी के प्रति रूचि व लगन को देखते हुए उन्हे पूरा सहयोग दिया है। आज से तीन साल पहले जब डायरेक्टर दीपक यादव को आरची की इस प्रतिभा का पता चला तो उन्होनें तुरन्त स्कूल में ही तीरंदाजी के प्रशिक्षण की व्यवस्था करने का निर्णय लिया और कोच नीरज वशिष्ठ को इसके प्रशिक्षण हेतु नियुक्त कर दिया। साथ ही सभी आवश्यक सुविधाएं भी मुहैया कराई गई.

अपनी इस उपलब्धि पर आर्ची का कहना है कि मेरी इस सफलता के पीछे सबसे बड़ा योगदान मेरी माता कविता यादव, कोच नीरज वशिष्ठ तथा मेरे विद्यालय के निदेशक एवं प्राचार्य का है। उनके निर्देशन में मेहनत का यह प्रतिफल है. उसका कहना है कि वह इस क्षेत्र में देश का प्रतिनिधित्व कर्ण छाती है और देश कि झोली में गोल्ड मैडल डालना उसके जीवन का लक्ष्य है.

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