उपायुक्त व पुलिस आयुक्त को ज्ञापन सौंप कर की मांग
कंपनी प्रबंधन के खिलाफ हो कार्रवाई
गुडग़ांव, 9 अप्रैल (अशोक): आईएमटी मानेसर स्थित एसपीएम ऑटो कॉम कंपनी प्रबंधन द्वारा विभिन्न टे्रड यूनियनों के नेताओं के खिलाफ पुलिस में विभिन्न आपराधिक धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई हुई है, जिससे श्रमिक संगठनों में रोष व्याप्त हो गया है। इसको लेकर मिनी सचिवालय परिसर में विभिन्न ट्रेड यूनियनों के नेताओं की बैठक ट्रेड यूनियन काउंसिल ने आयोजित की, जिसमें एटक, इंटक, एचएमएस, सीटू, स्वतंत्र श्रमिक यूनियनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
ट्रेड यूनियन काउंसिल के प्रवक्ता कामरेड अनिल पंवार ने बताया कि बैठक को संबोधित करते हुए श्रमिक संगठन एटक के जिलाध्यक्ष कामरेड सुरेश गौड, सीटू के कामरेड सतबीर, एचएमएस के बीएस यादव, इंटक से सतपाल गिल, रामकुमार, मारुति कामगार यूनियन के कुलदीप जांघू, जसपाल राणा आदि ने कंपनी प्रबंधन द्वारा श्रमिक नेताओं के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर को खत्म करने की मांग जिला प्रशासन से की। इन नेताओं का कहना था कि यदि इस प्रकार श्रमिक नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज होते रहे तो कोई भी श्रमिक संगठन श्रमिकों की आवाज उठा नहीं पाएगा और कंपनी प्रबंधनों के हौंसले बुलंद हो जाएंगे और वे अपनी मनमानी करेंगे। बैठक में निर्णय लिया गया कि उपायुक्त व पुलिस आयुक्त को ज्ञापन देकर मांग की जाए कि दर्ज की गई एफआईआर वापिस ली जाए और पुलिसकर्मियों द्वारा श्रमिक नेताओं के साथ जो अभद्र व्यवहार किया गया है, उसकी जांच कर दोषी कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए।
ट्रेड यूनियन काउंसिल के सदस्य उपायुक्त व पुलिस आयुक्त से मिले और उन्हें घटित हुई घटना की पूरी जानकारी भी दी। दोनों उच्चाधिकारियों से श्रमिक नेताओं को आश्वस्त किया है कि मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। श्रमिक नेताओं का कहना है कि यदि जिला प्रशासन ने इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की तो श्रमिक संगठनों को मजबूर होकर आंदोलन छेडऩा पड़ेगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी जिला प्रशासन की ही होगी। इस बैठक में राजकुमार, वीएस यादव, अजमेर सिंह, मुकेश शर्मा, सतीश खटखड़, मनोज कुमार, हरजीत ग्रोवर, सतीश गुर्जर, रोहताश सहारण, रमेश समोता आदि शामिल थे।
गौरतलब है कि गत दिवस एसपीएम ऑटो कॉम कंपनी में मशीन की चपेट में आने से श्रमिक शत्रुघ्र प्रसाद की दर्दनाक मौत हो गई थी। विभिन्न श्रमिक संगठनों के नेताओं ने दुर्घटना पर रोष व्यक्त करते हुए कंपनी प्रबंधन के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग पुलिस से भी की थी। श्रमिक नेताओं ने आरोप लगाया था कि थाना पुलिस के कर्मियों ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया था। कंपनी प्रबंधन ने करीब 2 दर्जन श्रमिक नेताओं के खिलाफ मानेसर पुलिस थाना में मामला दर्ज करा दिया था।