तब्लीगी जमाअत का जलसा शुरू, मौलाना साद को सुनने लाखों लोग पहुचे  

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मेवात में पहले से ही काम कर रही हैं  दो सौ तब्लीगी जमात 

यूनुस अलवी

मेवात:    तब्लीगी जमात के राष्ट्रीय अमीर मोलाना साद बुधवार को मेवात जिला के गांव तिगांव में तब्लीगी जमात के जलसे में शिकत करने के लिये शाम करीब 6 बजे पहुंचे। मोलाना साद को सुनने के लिये करीब दो लाख लोग पहुंचे। वहीं बृहस्पतिवार को मोलाना साद कि दुआ में शामिल होने के लिये करीब एक लाख और लोगों के पहुंचने कि संभावना हैं।
 
मगरिब कि नमाज के बाद यानि करीब सात बजे से मोलाना साद ने उपस्थित लोगो को इसलाम धर्म और तब्लीगी जमात के बारे में विस्तार से बताया। मोलाना साद ने अपने सम्बोधन में कहा कि जिस मुसलमान कि वजह से उसका पडौसी दुखी रहे तो उसको मुसलमान कहलाने का कोई हक नहीं है। मुसलमान का काम लोगों की सहायता करना है ना कि किसी को तखलीफ देना। इसलाम धर्म दुनिया में अमन-शांति का पैगाम देता है। 
 
मोलाना साद ने कहा कि नमाज कायम रखे, नमाज इसलाम पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब कि आंखों कि डंडक है। उन्होने कहा मुहम्मद साहब ने सबसे पहले बेटियों को कत्ल होने से रोका और जिस घर में बेटी पैदा होती है, अल्लाह उससे खुश होता है। उन्होने कहा कि मुसलमान जब किसी से वादा करे उसे पूरा करे, किसी से कर्ज से उसको समय पर अदा करे। उन्होने कहा इसलाम धर्म में सूद (ब्याज) लेना हराम है। नमाज, रोजा, जकाअत, हज के उसूलों को जानने के लिये और एक दीनी जिंदगी जीने के लिये तब्लीगी जमात में निकलना जरूरी है क्योंकि घर कि मशगूलियतों कि वजह से आदमी घर पर रहकर इनको सीख नही सकता।
 
जलसे में हरियाणा, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, बिहार प्रदेशों के अलावा विदेशों से तब्लीग-ए-जमाअत से जुडे लाखों लोग और बडे-बडे उलेमाओं ने जलसे में भाग लिया।। जलसा का आयोजन तब्लीग-ए- जमाअत से जुडे पिनगवां हल्का के करीब दो दर्जन गावों के लोग कर रहे हैं। जलसा के प्रचार और प्रसार के लिये करीब दो सौ तब्लीगी जमात मेवात में पहले से ही काम कर रही हैं। 
 
तब्लीगी जमात मे आने वाले लोगों के खाने-पीने का इंतजाम आसपास के गांव ढाणा्र बूबलहेडी, चांदडाका,तिगांव सहित दो दर्जन गावों के लोगों ने किया। गांव चंादडाका निवासी एंव जिला प्रमुख अनीसा बानो के ससुर आलम उर्फ उंडल और तिगांव निवासी एंव इनेलो विधायक नसीम अहमद ने जलसे में आने वाले लोगों को खाने पीने का इंतजाम कराया और महमाननवाजी की।

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