” बैंक खाते में न्‍यूनतम राशि न रखने वालों से जुर्माना वसूल सकते हैं “

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एक अप्रेल से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने ग्राहकों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने  मंगलवार को स्पष्ट कर दिया है कि बैंक खातों में न्यूनतम अधिशेष नहीं रखने के लिए बैंक दंडात्मक शुल्क लगा सकते हैं. इसके लिए शर्त यह है कि यह लेवी उपयुक्त स्तर की और खाता सेवाओं की औसत लागत के अनुरूप ही होनी चाहिए. केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार ने राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.

 

उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार बैंकों को अपने मौजूदा खाताधारकों को कम से कम एक माह पहले ही न्यूनतम निर्धारित शेष बचत में बदलाव के बारे में जानकारी देनी चाहिए. इसके अलावा उस पर लगाए जाने वाले शुल्क के बारे में भी उपभोक्ताओं को सूचित करना चाहिए.

 

मिडिया में आई खबर के अनुसार देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने ग्राहकों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है. . खबर है कि एसबीआई आगामी एक अप्रैल से ही बैंक खाते में न्‍यूनतम राशि न रखने वालों से जुर्माना वसूलने का फरमान जारी कर चुकी है.. ध्यान देने वाली बात यह है कि बैंक ने मिनिमम बैलेंस की सीमा शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के हिसाब से तय की है.

खबर में दावा किया गया है कि एसबीआई ने तय किया है कि महानगरों में बैंक अकाउंट रखने वालों को 5000 रुपए मिनिमम बैलेंस रखना होगा. शहरी क्षेत्रों में यह सीमा 3 हजार रुपए, सेमी अरबन क्षेत्र 2 हजार रुपए और गांव की शाखाओं में बैंक खाता रखने वालों को एक हजार रुपए मिनिमम बैलेंस रखना होगा. एक अप्रैल से ऐसा नहीं करने वालों पर पेनल्‍टी लगाई जाएगी।

 

स्टेट बैंक ग्राहकों द्वारा इसी प्रकार एक माह में अन्य बैंक के एटीएम से तीन बार से ज्यादा निकासी पर 20 रुपए का शुल्क देय होगा. एसबीआई के एटीएम से पांच से ज्यादा आहरण करने पर हर बार 10 रुपए का शुल्क लिया जाएगा. हालांकि, एसबीआई खुद के एटीएम से तब कोई शुल्क नहीं लगाएगी जबकि संबंधित व्यक्ति के खाते में 25,000 रुपए से अधिक बकाया रहता है. वहीं खाते में एक लाख रुपए से अधिक बकाया रहने पर स्टेट बैंक ग्राहक यदि दूसरे बैंकों के एटीएम से कितनी भी बार निकासी करता है तो कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. डेबिट कार्डधारकों से एसएमएस अलर्ट भेजने के लिए एसबीआई हर तिमाही 15 रुपए का शुल्क लेगा जो त्रैमासिक आधार पर औसत 25,000 रुपए की बकाया राशि खाते में रखते हैं. बैंक यूपीआई के माध्यम से 1,000 रुपए तक के लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं लेगा.
मिडिया की कह्ब्रों में आरबीआई के हवाले से कहा गे है कि  एक अप्रैल 2017 से स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर (एसबीबीजे), स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद और भारतीय महिला बैंक का विलय हो जाएगा. साथ ही उनके कस्टमर एसबीआई के बन जाएंगे. पांच बैंकों के विलय से एसबीआई का एसेट बेस करीब 37 लाख करोड़ रुपए (555 अरब डॉलर) होगा. साथ ही 22500 ब्रांच और 58 हजार एटीएम होंगे. नए बैंक के 50 करोड़ से ज्यादा ग्राहक होंगे. इससे वह दुनिया के टॉप-50 बैंकों में शामिल हो जाएगा.

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