बैंक ऋण डिफाल्टर के प्रत्यर्पण का रास्ता अब साफ होने के आसार
ब्रिटिश गृह विभाग ने भारत के अनुरोध को सत्यापित किया
नई दिल्ली : देश छोड़ कर भागे शराब उत्पादक विजय माल्या को शीघ्र ही भारत लाया जाना संभव हो सकता है. मिडिया की ख़बरों के अनुसार उनके प्रत्यर्पण का रास्ता अब साफ होता जा रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि भारतीय जाँच एजेंसियों के हाथ जल्द ही माल्या तक पहुँच जायेंगे और उन पर कानूनी शिकंजा कस जाएगा.
ख़बरों में यह दावा किया गया है कि ब्रिटेन ने भारत को जानकारी दी है कि उसके गृह मंत्री ने माल्या के प्रत्यर्पण के उसके अनुरोध को सत्यापित किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले के हवाले कहा गया है कि उन्होंने बाते है कि ब्रिटिश गृह विभाग ने 21 फरवरी को जानकारी दी कि माल्या के प्रत्यर्पण के लिए भारत के अनुरोध को उनके मंत्री ने सत्यापित किया है और इसे वारंट जारी करने के मुद्दे पर विचार हेतु जिला न्यायाधीश के लिए वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत भेजा गया है.
मन जा रहा है कि नौ हजार करोड़ रुपये से अधिक की ऋण के डिफाल्टर शराब कारोबारी का प्रत्यर्पण हासिल करने की दिशा में यह बेहद महत्वपूर्ण घटनाक्रम है .
बागले ने बताया है कि भारत और ब्रिटेन के बीच प्रत्यर्पण संधि के अनुसार माल्या के संबंध में औपचारिक प्रत्यर्पण अनुरोध इसी वर्ष आठ फरवरी को यहां ब्रिटिश उच्चायोग को सौंपा गया था. खबर है कि अनुरोध सौंपते हुए भारत ने तब कहा था कि माल्या के खिलाफ ‘वैध’ मामला है. भारत ने स्पष्ट किया है कि अगर प्रत्यर्पण अनुरोध को स्वीकार किया जाता है तो यह भारत की चिंताओं के प्रति ब्रिटेन की संवेदनशीलता को दिखाएगा.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले इस साल जनवरी में सीबीआई की एक अदालत ने 720 करोड़ रुपये के आईडीबीआई बैंक ऋण चूक मामले में माल्या के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया था. माल्या ने दो मार्च 2016 को अचानक और चुपके से देश छोड़ दिया था.