गांव मलहाका महिला सरपंच की मुश्किले बढीं, जिला अदालत ने अग्रिम जमानत की खारिज

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: सर्टिफिकेट में स्केन कर बदली आयू, सर्टिफिकेट कर्नाटक से हुआ जारी

 यूनुस अलवी

 
मेवात:    मल्लाहाका गांव कि महिला सरपंच को फर्जी सर्टिफिकेट पर चुनाव लडना भारी पडता नजर आ रहा है। नूंह जिला के अतिरिक्त शैषन जज राजकुमार यादव ने महिला सरपंच कि अग्रिम जमानत रद्द कर दी है। पुन्हाना पुलिस ने गांव मल्लाहका कि सरपंच हीना बेगम के खिलाफ दिनांक 13 जून 2016 को धारा 420/467/468/471 और 120 के तहत मामला दर्ज किया था।
  शिकायतकर्ता के अधिवक्ता एंव मेवात बार के पूर्व प्रधान ताहिर हुसैन रूपडिया ने बताया कि गांव मल्लाहका कि सरपंच हीना बेगम ने नूंह में अतिरिक्त शैषन जज राजकुमार यादव कि अदालत में अपने मुकदमें में अग्रिम जमानत लगाई थी। अदालत ने दोनो पक्षों कि बहस के बाद पाया कि सरपंच ने चुनाव लडने के लिये कागजातों से छेडछाड कि है। जो एक गंभीर मामला है। इसी वजह से अदालत ने सरपंच कि जमानत कि अग्रिम जमानत को 14 मार्च को रद्द कर दिया है।
        गांव मलहाका निवासी इकरामुल हसन पुत्र सफात खां ने 17 जनवरी 2016 को समपन्न हुऐ पंचायत के चुनाव में हीना बेगम सहित तीन अन्य उम्मीदवार थे। हीना बेगम ने अपने नामांकन के साथ एक स्थानांतरण प्रमाण पत्र  जो 17 जून 2010 को शिवाजी प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ आर्ट, साईंस एवं कोमर्स भालकी जिला बिदर कर्नाटका द्वारा जारी साथ लगाया था। इस सर्टिफिकेट में उसकी जन्म तिथि 21 मार्च 1993 दरशाई गई है जबकी हिना की असली जन्म तिथि 21 मार्च 1997 की है। सर्टिफिकेट में भी हिना आठवीं पास नहंीं है उसे आठवीं की छात्रा ही दिखाया गया है और हायर ऐजूकेशन के लिये उसे नाट क्वालीफाईड दिखाया गया है। उन्होने आरोप लगाया कि हिना ने अपने स्थानांतरण प्रमाण पत्र को स्केन करके जन्म तिथि को 21-3-1997 की जगह 21-3-1993 कर रखा है। उन्होने आरटीआई से मांगी जानकारी के बाद इसका खुलासा हो सका था।
   वरिष्ट एडवोकेट ताहिर हुसैन रूपडयिा ने बताया कि फिरोजपुर झिरका के एसडीएम भी आपनी जांच में सरपंच हीना बेगम के सर्टिफिकेट को फेक मान चुके है जिसकी रिपोर्ट एसडीएम ने मेवात के डीसी को भेज दी थी।
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