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वन राज्यमंत्री कर्णदेव कंबोज ने किया उद्यान का निरीक्षण
गुरुग्राम। हरियाणा के खाद्य, आपूर्ति एवं वन राज्यमंत्री कर्णदेव कंबोज ने आज गुरुग्राम के सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान का निरीक्षण किया व मौके पर उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। श्री कंबोज ने सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान का भ्रमण कर पर्यटकों को पहले से अधिक बेहतर सुविधा देने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे पर्यटकों के लिए बनाए गए ट्रेक को ठीक करवाएं क्योंकि ट्रेक उबड़-खाबड़ होने के कारण पर्यटकों को असुविधा होती है।
सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान का एरिया बहुत ही बड़ा है और यहां पर भ्रमण करने के लिए बच्चों से लेकर बुजुर्ग प्रत्येक आयु वर्ग के लोग आते है, इसलिए यह जरूरी है कि पर्यटकों के भ्रमण के लिए बैटरी ओप्रेटिड वाहन की व्यवस्था की जाए ताकि जो लोग ज्यादा दूर तक पैदल चलने में असमर्थ हैं वे इस उद्यान का पूर्णतया: लुत्फ उठा सकें।
निरीक्षण के दौरान श्री कंबोज ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे पक्षियों की सुविधानुसार झीलों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान में इंटरप्रेटेशन सैंटर को भी देखा। इस इंटप्रेटेशन सैंटर में पक्षियों की आवाज रिकॉर्ड की गई है ताकि यहां आने वाले पर्यटकों व स्कूली बच्चों को पक्षियों की आवाज सुनाई जा सके। इसके अलावा, उन्होंने सैंटर में प्रवासी पक्षियों का रूट मैप भी देखा।
इस अवसर पर मण्डलीय वन्य प्राणी अधिकारी गुरुग्राम श्याम सुंदर ने बताया कि फिलहाल सुल्तानपुर नेशनल पार्क में पक्षियों की 300 किस्म की प्रजातियां हैं जिनमें से लगभग 70 से 75 प्रजातियां प्रवासी है। इसके अलावा करीब 20 से 25 हज़ार पक्षी तथा नील गाय, जंगली बिल्ली तथा जकाल जैसे अन्य जानवर भी यहां पर रह रहे है। उन्होंने बताया कि सुल्तानपुर नेशनल पार्क 352 एकड़ में बनाया गया है। राजस्थान के भरतपुर के बाद यह देश का सबसे बड़ा पार्क है जहां इतनी बड़ी संख्या में पक्षी रहते है। यहां पर विदेशी पक्षी भी मीलों दूरी तय करके भारत आते है। साइबेरिया ,रूस, अफगानिस्तान, यूरोप व अन्य क्षेत्रों में भारी बर्फ बारी के चलते जब वहां जीवन दूभर हो जाता है तो मेहमान परिंदे हमारी मेहमानवाजी का लुत्फ उठाने हमारे यहां आते है।
श्याम सुंदर ने कहा कि सुल्तानपुर झील प्रवासी पक्षियों को इतनी रास आती है कि उन्होंने सर्दियों के मौसम में इस झील को अपना स्थाई निवास बना लिया है। आजकल सुल्तानपुर झील में विदेशी परिंदे पिंनटेल डक, शावलर, युरेशियन वीजन, रोजी पैलीकॉन, पट्ट शीर्ष राजहंस, भूरी टांग हंस, सामान्य पौचार्ड, टफटड पोचार्ड, लाल कलगी पोचार्ड, सनाईप, करलयू, सुरखाव,वाईट टेल्ड लैपविंग व मार्श हैरीयर आदि निवास कर रहे है। इसके अलावा, देसी परिंदे जैसे सारस के्रन, पेंडिड स्टार्क, व्हाईट आईबिश, लाल मुनिया, धब्बेदार छाती वाला मुनिया,पिपिट, प्रीनिया रैड स्टार्ट, सामान्य किंगफिशर, पाईड किंगफिशर, धब्बेदार उल्लू, बार्न आऊल, काला तीतर, भूरा तीतर, मैगपाई रौबिन साल भर देखे जा सकते हैं।