नई दिल्ली। परमाणु ऊर्जा विभाग, विशिष्ट वैज्ञानिकों/प्रोफेसरों के लिए डीएई–होमी भाभा चेयर नामक एक योजना का संचालन कर रहा है, जिसका उद्देश्य उन उत्कृष्ट वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को मान्यता प्रदान करना और अवसर प्रदान करना है, जिनमें वे सेवानिवृत्त/सेवानिवृत्त वैज्ञानिक/इंजीनियर भी शामिल हैं , जो संवेदनशील और /या महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के विकास में शामिल थे , ताकि वे अपनी पसंद और परमाणु ऊर्जा विभाग की रुचि के क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास कार्य कर सकें।
यह जानकारी केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्रप्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
डीएई–होमी भाभा चेयर योजना के अंतर्गत कार्यकाल चयन समिति के विवेक पर एक से पांच वर्ष की अवधि तक हो सकता है।
इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक पुरस्कार विजेता को 2,00000/- रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा (यदि स्वीकृत मानदेय एवं पेंशन अंतिम प्राप्त वेतन से अधिक है, तो मानदेय सेवानिवृत्ति से पूर्व अंतिम प्राप्त वेतन तक सीमित रहेगा)।
सचिवीय सहायता, टेलीफोन बिल और स्टेशनरी जैसे व्यय को कवर करने के लिए प्रति वर्ष 76,000/- रुपये का आकस्मिक अनुदान प्रदान किया जाता है।
पुरस्कार विजेता को पूरे कार्यकाल के दौरान एकमुश्त उपकरण भत्ता (पुस्तक भत्ते सहित) भी उपलब्ध कराया जाएगा, जो वास्तविक उपयोग के अधीन 125000/- रुपये से अधिक नहीं होगा। उपकरण भत्ते में पुस्तक भत्ते के लिए 10000/- रुपये की राशि भी शामिल है।
यदि योजना के तहत लाभार्थी को सरकारी वाहन उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो उसे एक निश्चित मासिक परिवहन भत्ता भी प्रदान किया जाता है।