नई दिल्ली /कोच्ची : भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने आज कोच्चि तट पर 11वां राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव अभ्यास (एसएआरईएक्स-2024) आयोजित किया। दो दिवसीय अभ्यास का उद्घाटन 28 नवम्बर को रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने किया था और आईसीजी के महानिदेशक परमेश शिवमणि ने इसकी समीक्षा की। ‘ क्षेत्रीय सहयोग के माध्यम से खोज और बचाव क्षमताओं को बढ़ाना ‘ थीम वाले एसएआरईएक्स-2024 ने समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला।
पहले दिन विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें टेबल-टॉप अभ्यास, कार्यशाला और सेमिनार शामिल थे। इसमें सरकारी एजेंसियों, मंत्रालयों और सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारियों, विभिन्न हितधारकों तथा विदेशी प्रतिनिधियों ने भाग लिया। दूसरे दिन कोच्चि तट पर बड़े पैमाने पर आकस्मिकताओं से संबंधित समुद्री अभ्यास किया गया, जिसमें विभिन्न एजेंसियों के जहाजों और विमानों ने भाग लिया।
आकस्मिक बचाव अभ्यास में यात्री विमान दुर्घटना शामिल थी, जिसमें 250 यात्रियों को ले जा रहे एक विमान में गंभीर तकनीकी खराबी आ गई, जिससे एयर ट्रैफिक कंट्रोल से उसका संपर्क टूट गया और वह कोच्चि से लगभग 150 समुद्री मील उत्तर-पश्चिम में रडार से गायब हो गया। एक समन्वित सामूहिक बचाव अभियान (एमआरओ) तुरंत शुरू किया गया, जिसमें भारतीय तटरक्षक बल, भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के जहाजों और विमानों, कोचीन पोर्ट अथॉरिटी के टग, तीन जल मेट्रो, कोच्चि जल मेट्रो से एक गरुड़ बचाव और आपातकालीन क्राफ्ट और केरल राज्य प्रशासन द्वारा प्रदान की गई जल एम्बुलेंस सहित संसाधनों की निर्बाध तैनाती का प्रदर्शन किया गया। प्रमुख ऑपरेशन में शामिल थे:
- भारतीय वायुसेना के विमानों और भारतीय तटरक्षक बल जहाजों द्वारा जीवन रक्षक बेड़ा उतारा गया
- उन्नत हल्के हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके यात्रियों को निकालना
- जेसन क्रैडल प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए चालक दल बचाव अभियान
- जीवनरक्षक उपकरण पहुंचाने के लिए ड्रोन की तैनाती
इन ऑपरेशनों के सफल निष्पादन ने प्रतिभागी एजेंसियों के बीच उच्च स्तर के समन्वय और तैयारी को रेखांकित किया।
इस अभ्यास का उद्देश्य एमआरओ के संचालन के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं और सर्वोत्तम विधियों को मान्य करना था। यह आपसी समझ को बढ़ाने, सहयोग को बढ़ावा देने और बड़े पैमाने पर समुद्री आकस्मिकताओं के प्रबंधन के लिए प्रभावी रणनीतियों का आदान-प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय समुद्री खोज और बचाव बोर्ड के सदस्यों और 38 प्रतिष्ठित विदेशी पर्यवेक्षकों ने भी भाग लिया।
पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय तटरक्षक बल एक अग्रणी समुद्री एजेंसी के रूप में उभरी है, जो एक मजबूत समुद्री खोज और बचाव ढांचा बनाने के भारत के प्रयासों को आगे बढ़ा रही है। विभिन्न हितधारकों के साथ लगातार सहयोग करके, भारतीय तटरक्षक बल समुद्री सुरक्षा और संरक्षा को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण, क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर) के अनुरूप हैं, जो वैश्विक मंच पर एक विश्वसनीय और सक्रिय समुद्री भागीदार के रूप में भारत की प्रतिष्ठा को मजबूत करती हैं।