-4500 मीट्रिक टन डीएपी की मांग की गई है गुरूग्राम के लिए
गुरूग्राम, 11 नवंबर। गुरूग्राम जिला के किसान अब डीएपी के विकल्प के तौर पर एनपीके और एसएसपी खाद का प्रयोग करने लगे हैं। जिला में अब तक 845 मीट्रिक टन एनपीके खाद की खपत हो चुकी है।
डीसी अजय कुमार ने यह जानकारी देते हुए बताया कि रबी सीजन की फसलों की बिजाई के लिए जिला में डीएपी के अलावा किसान एनपीके व एसएसपी खाद का भी प्रयोग कर रहे हैं। किसान अब केवल डीएपी पर आश्रित नहीं हैं। जिला में किसान 845 मीट्रिक टन एनपीके अर्थात नाइट्रोजन फास्फोरस खाद का इस्तेमाल कर चुके हैं। अभी 366 मीट्रिक टन एसएसपी और 177 मीट्रिक टन एनपीके खाद स्टॉक में उपलब्ध है। इसके साथ ही 124 मीट्रिक टन डीएपी का स्टॉक मौजूद है।
उन्होंने बताया कि पिछले साल जिला में 3885 मीट्रिक टन डीएपी की खपत हुई थी। इस बार गुरूग्राम जिला के किसानों के लिए 4500 मीट्रिक टन डीएपी की मांग की गई है। अब तक 2470 मीट्रिक टन डीएपी का प्रयोग किया जा चुका है। रबी सीजन की यहां गेहूं और सरसों प्रमुख फसलें हैं। जिसमें सरसों की शत प्रतिशत बिजाई हो चुकी है और गेहूं की 30 प्रतिशत बिजाई हुई है। जिला में सरसों का एरिया 85 हजार एकड़ और गेहूं का 60 हजार एकड़ है।
डीसी ने बताया कि जिला में कृषि विभाग के पास 2739 मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है। किसानों को खाद, बीज तथा यूरिया की कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी। हर एक किसान को पर्याप्त मात्रा में खाद और बीज दिया जाएगा।