सांसद छत्रपाल गंगवार को भारत तिब्बत सहयोग मंच के ब्रज प्रांत अध्यक्ष शेलेन्द्र विक्रम ने सौंपा ज्ञापन

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-भारत तिब्बत सहयोग मंच चला रहा है संकल्प स्मरण दिवस की मुहिम

-ज्ञापन के माध्यम से 14 नवम्बर 1962 को भारतीय संसद में पारित संकल्प की याद दिलाई 

-1962 के युद्ध में चीन की ओर से कब्जाई गई जमीन को वापस लेने का संसद ने लिया था संकल्प 

-सांसद से इस मुद्दे को संसद में उठाने की मांग की 

बरेली : संकल्प स्मरण दिवस की मुहिम को आगे बढ़ते हुए भारत तिब्बत सहयोग मंच ब्रज प्रांत अध्यक्ष शैलेंद्र विक्रम ने बरेली के लोकसभा सांसद छत्रपाल गंगवार को भारत की भूमि को चीन के कब्जे से मुक्त करवाने के संकल्प सम्बंधित एक ज्ञापन पत्र सौंपा.  ज्ञापन के माध्यम से मंच की ओर से उन्हें इस संकल्प की याद दिलाई गई और कहा गया कि 20 अक्टूबर 1962 को दुश्मन देश चीन ने भारत पर धोखे से आक्रमण किया था. उसने भारत के बहुत बड़े भू भाग पर कब्ज़ा कर लिया था .  इस युद्ध के दौरान 14 नवम्बर 1962 को भारतीय संसद के दोनों सदनों ने संयुक्त रूप से चीन द्वारा कब्ज़ा की गई भारतीय भूमि को वापस लेने के लिए प्रस्ताव पारित कर संकल्प लिया था. उक्त संकल्प को पूरा करने की याद दिलाने की मुहीम मंच द्वारा चलाई जा रही है.

 

उल्लेखनीय है कि चीन द्वारा कब्जा की गई भारत की भूमि को मुक्त करने के लिए 14 नवंबर 1962 को भारतीय संसद में संकल्प लिया गया था. इसे स्मरण दिलाने हेतु राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं भारत तिब्बत सहयोग मंच (BTSM) के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार एवं पंकज गोयल (राष्ट्रीय महामंत्री) के नेतृत्व में संचालित मंच की सभी इकाइयां देशभर में 14 नवंबर को संकल्प स्मरण दिवस के रूप में मानती हैं।

 

चर्चा के दौरान शैलेन्द्र विक्रम ने बताया कि “हिंदी-चीनी, भाई-भाई” के नारे की पूर्ण रूप से अवहेलना करते हुए एवं भारत-चीन के बीच हुए पंचशील समझौते की धज्जियां उड़ाते हुए चीन ने अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दिया था . देने के लिए 20 अक्टूबर 1962 को भारत की पवित्र भूमि पर आक्रमण कर दिया था। इस हमले में भारतीय सेवा ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए चीनी सेना को नाकों चने चबवा दिए थे। इस युद्ध में काफी संख्या में भारतीय सैनिकों का बलिदान हुआ किंतु सैनिकों के बलिदान के बावजूद चीन ने भारत के बहुत बड़े भूभाग पर कब्जा कर लिया।

उन्होंने बताया कि चीन द्वारा कब्जा की गई भारत की भूमि को मुक्त करने के लिए 14 नवंबर 1962 को भारतीय संसद के दोनों सदनों द्वारा संकल्प लिया गया था लेकिन उस संकल्प पर अभी तक कोई अमल नहीं हुआ। भारत माता की रक्षा, स्वाभिमान एवं आत्म-सम्मान की आकांक्षा हर भारतवासी के मन में है। इस ज्ञापन के माध्यम से सभी सांसदों से अनुरोध किया गया कि भारत चीन के बीच 1962 में हुए युद्ध में चीन द्वारा कब्जा की गई भारत की भूमि को वापस लेने के लिए आप संसद में आवाज़ उठाएं एवं इसके लिए उचित वातावरण बनाने की कोशिश करें। सांसद छत्रपाल गंगवार ने इस मुद्दे को संसद में प्रमुखता से उठाने का आश्वासन दिया .

ज्ञापन सौंपने वालों में संगठन के क्षेत्रीय पदाधिकारी कैप्टन उमेश राठौर, कैप्टन राजा रामपाल, डॉ पवन पाल, त्यार जागीर प्रधान छेदालाल पाल, सत्येंद्र गंगवार एवं डॉ आदेश कुमार गंगवार शामिल रहे .

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