नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके स्पेनिश समकक्ष श्री पेड्रो सांचेज ने 28 अक्टूबर, 2024 को गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) परिसर में सी-295 विमान के निर्माण के लिए टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज की यह पहली भारत यात्रा है और दोनों देशों के बीच साझेदारी आज नई दिशा पा रही है। सी-295 विमान के निर्माण के लिए टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स के उद्घाटन का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे न केवल दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत होंगे, बल्कि ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ मिशन को भी गति मिलेगी। श्री मोदी ने इस अवसर पर एयरबस और टाटा की पूरी टीम को शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने स्वर्गीय श्री रतन टाटा जी को भी श्रद्धांजलि दी।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सी-295 विमान का कारखाना नए भारत की नई कार्य संस्कृति का प्रतिबिंब है और कहा कि देश में किसी भी परियोजना के विचार से लेकर क्रियान्वयन तक भारत की गति यहां देखी जा सकती है। अक्टूबर 2022 में कारखाने की आधारशिला रखने को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सुविधा अब सी-295 विमान के उत्पादन के लिए तैयार है। परियोजनाओं की योजना और निष्पादन में बेहिसाब देरी को खत्म करने पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में वडोदरा में बॉम्बार्डियर ट्रेन कोच निर्माण सुविधा की स्थापना को याद किया और कहा कि यह कारखाना उत्पादन के लिए रिकॉर्ड समय में तैयार हुआ था। उन्होंने कहा, “इस कारखाने में बने मेट्रो कोच आज दूसरे देशों को निर्यात किए जा रहे हैं।” श्री मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि आज उद्घाटन की गई सुविधा में बने विमान भी निर्यात किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने स्पेन के मशहूर कवि एंटोनियो मचाडो को उद्धृत करते हुए कहा कि जैसे ही हम लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं, लक्ष्य की ओर जाने वाला रास्ता अपने आप बन जाता है। उन्होंने कहा कि भारत का रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र आज नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने कहा कि अगर 10 साल पहले ठोस कदम नहीं उठाए गए होते तो आज इस लक्ष्य तक पहुंचना असंभव होता। उन्होंने कहा कि एक दशक पहले रक्षा विनिर्माण की प्राथमिकता और पहचान आयात तक सीमित थी और कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि भारत में इतने बड़े पैमाने पर रक्षा विनिर्माण हो सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने नए रास्ते पर चलने का फैसला किया और भारत के लिए नए लक्ष्य तय किए, जिनके नतीजे आज सामने हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का रक्षा क्षेत्र में बदलाव इस बात का उदाहरण है कि कैसे एक सही योजना और साझेदारी संभावनाओं को समृद्धि में बदल सकती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पिछले एक दशक में रणनीतिक फैसलों ने भारत में एक जीवंत रक्षा उद्योग के विकास को बढ़ावा दिया है।
श्री मोदी ने कहा, “हमने रक्षा विनिर्माण में निजी क्षेत्र की भागीदारी का विस्तार किया, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को अधिक कुशल बनाया, आयुध कारखानों को सात प्रमुख कंपनियों में पुनर्गठित किया और डीआरडीओ तथा एचएएल को सशक्त बनाया।” उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा गलियारे स्थापित करने से इस क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार (आईडीईएक्स) योजना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसने पिछले पांच से छह वर्षों में लगभग 1,000 रक्षा स्टार्ट-अप को बढ़ावा दिया है। उन्होंने बताया कि पिछले एक दशक में भारत के रक्षा निर्यात में 30 गुना वृद्धि हुई है, और देश अब 100 से अधिक देशों को उपकरण निर्यात कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि वे आज के कार्यक्रम को परिवहन विमान के विनिर्माण से परे देख रहे हैं। पिछले एक दशक में भारत के विमानन क्षेत्र के अभूतपूर्व विकास और परिवर्तन पर प्रकाश डालते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत देश के सैकड़ों छोटे शहरों को हवाई संपर्क प्रदान कर रहा है, साथ ही साथ भारत को विमानन और एमआरओ डोमेन का केंद्र बनाने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह पारिस्थितिकी तंत्र भविष्य में मेड इन इंडिया सिविल एयरक्राफ्ट का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। श्री मोदी ने कहा कि विभिन्न भारतीय एयरलाइनों ने 1,200 नए विमानों का ऑर्डर दिया है। इसका मतलब यह है कि नवनिर्मित कारखाना भविष्य में भारत और दुनिया की जरूरतों को पूरा करने के लिए नागरिक विमानों के डिजाइन से लेकर निर्माण तक में प्रमुख भूमिका निभाएगा।
श्री मोदी ने कहा कि वडोदरा शहर एमएसएमई का गढ़ है। उन्होंने कहा कि यह शहर भारत के इन प्रयासों में उत्प्रेरक की भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि शहर में गतिशक्ति विश्वविद्यालय भी है, जो भारत के विभिन्न क्षेत्रों के लिए पेशेवरों को तैयार कर रहा है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वडोदरा में फार्मा सेक्टर, इंजीनियरिंग और भारी मशीनरी, रसायन और पेट्रोकेमिकल्स, बिजली और ऊर्जा उपकरण जैसे कई क्षेत्रों से जुड़ी कई कंपनियां हैं। उन्होंने कहा कि अब यह पूरा क्षेत्र भारत में विमानन विनिर्माण का एक प्रमुख केंद्र बनने जा रहा है। अपने संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि आज का कार्यक्रम भारत और स्पेन के बीच कई नई संयुक्त सहयोग परियोजनाओं को प्रेरित करेगा। उन्होंने स्पेनिश उद्योग और नवोन्मेषकों को भारत आने और देश की विकास यात्रा में भागीदार बनने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर मौजूद थे।
इससे पहले, एक्स पर एक पोस्ट में रक्षा मंत्री ने उद्घाटन को भारतीय एयरोस्पेस उद्योग के लिए एक विशेष दिन बताया। उन्होंने लिखा, “सी-295 परियोजना भारतीय निजी उद्योग के लिए एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि यह अपनी तरह की पहली परियोजना है जिसमें एक निजी कंपनी द्वारा भारत में एक पूर्ण सैन्य विमान का निर्माण किया जाएगा। यह परियोजना भारत के बढ़ते एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र को एक बड़ा बढ़ावा देगी।”
पृष्ठभूमि :
सितंबर 2021 में, रक्षा मंत्रालय ने 56 विमानों की आपूर्ति के लिए एयरबस डिफेंस एंड स्पेस एसए, स्पेन के साथ 21,935 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे – 16 को स्पेन से उड़ान भरने की स्थिति में लाया जाएगा और 40 को TASL द्वारा भारत में बनाया जाएगा।
डिलीवरी
16 विमानों में से छह को पहले ही वडोदरा स्थित 11 स्क्वाड्रन में भारतीय वायुसेना में शामिल किया जा चुका है। आखिरी विमान अगस्त 2025 तक डिलीवर किया जाएगा। पहला मेड-इन-इंडिया C-295 सितंबर 2026 तक वडोदरा में फाइनल असेंबली लाइन सुविधा से और बाकी अगस्त 2031 तक रोल आउट होने की उम्मीद है। विमान के साथ, IAF के आगरा स्टेशन पर एक फुल मिशन सिम्युलेटर भी लगाया गया है।
एफएएल सुविधा
TASL भारत में 40 विमान बनाने के लिए जिम्मेदार है। यह सुविधा देश में सैन्य विमानों के लिए निजी क्षेत्र की पहली अंतिम असेंबली लाइन (FAL) बन गई है। इसमें विमान के निर्माण से लेकर असेंबली, परीक्षण और योग्यता, डिलीवरी और रखरखाव तक के पूरे जीवन चक्र के लिए एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र का पूर्ण विकास शामिल होगा।
यह सुविधा दो साल से भी कम समय में बनाई गई है। प्रधानमंत्री ने अक्टूबर 2022 में वडोदरा में C-295 विमान निर्माण सुविधा की आधारशिला रखी थी। प्री-एफएएल उत्पादन दिसंबर 2024 से शुरू होगा और एफएएल असेंबली अक्टूबर 2025 से शुरू होगी।