नई दिल्ली : केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी तथा पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह 13 सितंबर 2024 को ओडिशा के भुवनेश्वर में लोक सेवा भवन के कन्वेंशन सेंटर में पशुपालन और डेयरी क्षेत्र के लिए मानसून बैठक की अध्यक्षता करेंगे। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण मांझी और विशेष अतिथि के रूप में उपमुख्यमंत्री श्रीमती पार्वती परिदा शामिल होंगी। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी तथा पंचायती राज राज्य मंत्री प्रोफेसर एस.पी. सिंह बघेल और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी तथा अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन और विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के भी बैठक में शामिल होने की उम्मीद है। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत पशुपालन और डेयरी विभाग मानसून बैठक का आयोजन कर रहा है।
बैठक का उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की अपेक्षाओं को सामने लाना है ताकि जमीनी स्तर पर प्रभावी कार्यक्रम कार्यान्वयन के लिए एक अभिसरण रूपरेखा तैयार किया जा सके। योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जा सके और परिणामों और सुधारों पर चर्चा की जा सके। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पशुपालन मंत्री संबंधित अधिकारियों के साथ इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
2014-15 से 2022-23 तक पशुधन क्षेत्र 9.82 प्रतिशत की उल्लेखनीय चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ा है। कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सकल मूल्य वर्धन में इसका योगदान काफी हद तक बढ़ा है, जो 24.36 प्रतिशत से बढ़कर 30.22 प्रतिशत हो गया है। 2022-23 में, इस क्षेत्र ने कुल सकल मूल्य वर्धन में साढ़े पांच प्रतिशत का योगदान दिया, जो अर्थव्यवस्था में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका का स्पष्ट करती है।
देश का दूध उत्पादन पिछले नौ वर्षों में 57.62 प्रतिशत बढ़ा है, जो 2014-15 में 146.3 मिलियन टन से बढ़कर 2022-23 में 230.60 मिलियन मीट्रिक टन हो गया है। यह वृद्धि दर औसतन 5.9 प्रतिशत सालाना है, जो वैश्विक औसत 2 प्रतिशत से कहीं अधिक है। इसके अलावा प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 2013-14 में 307 ग्राम प्रति दिन से बढ़कर 2022-23 में 459 ग्राम प्रति दिन हो गई है, जो 325 ग्राम के विश्व औसत को पार कर गई है। ये सभी उपलब्धियाँ पशुधन क्षेत्र को “सूर्योदय क्षेत्र” में ले जाती हैं।
मानसून बैठक से कार्यान्वयन की कई चुनौतियों का समाधान होने तथा राज्यों में सार्थक चर्चा और विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पशुपालन मंत्रियों के साथ केंद्रीय कैबिनेट मंत्री (एफएएचडी) का बातचीत का सत्र संबंधित राज्यों की सफलता की कहानियों और सर्वोत्तम प्रथाओं को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करेगा तथा सभी के लिए सीखने का अनुभव होगा।
मानसून बैठक में कई प्रमुख घोषणाएं और विभिन्न गतिविधियों की शुरुआत की भी उम्मीद है जो पशुपालन और डेयरी विभाग की “100 दिवसीय कार्य योजना” का हिस्सा हैं।