ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभाएं एफएसटी, वीएसटी व एसएसटी टीमें

Font Size

उम्मीदवारों के चुनाव खर्च पर रखें निगरानी
चुनाव व्यय पर्यवेक्षक कुंदन यादव और श्रवण कुमार बंसल ने ली टीम इंचार्ज की बैठक

गुरूग्राम, 7 सितंबर। विधानसभा चुनाव के दौरान ईमानदारी से कार्य करते हुए उम्मीदवारों द्वारा किए जा रहे खर्चों का पूरा रिकार्ड रखें और निष्पक्षता से कार्य करें। एक उक्वमीदवार का चुनाव व्यय 40 लाख रूपए से अधिक नहीं होना चाहिए।

गुड़गांव एवं सोहना विधानसभा क्षेत्र के चुनाव व्यय पर्यवेक्षक कुंदन यादव व पटौदी एवं बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र के व्यय पर्यवेक्षक श्रवण कुमार बंसल ने एफएसटी, वीएसटी और एसएसटी टीम इंचार्ज को ये निर्देश दिए। स्थानीय संसाधन भवन में आयोजित हुई एक बैठक में दोनों चुनाव व्यय पर्यवेक्षकों ने कहा कि चुनाव में किसी भी पार्टी या उक्वमीदवार के साथ भेदभाव ना करें। भारत निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता के लिए जो दिशा-निर्देश दिए हैं, उनकी पूरी तरह से पालना की जाए। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष, पारदर्शी, शांतिपूर्ण व स्वतंत्र चुनाव संपन्न करवाने के लिए ही ये सभी टीमें गठित की गई हैं।

व्यय पर्यवेक्षक कुंदन यादव व श्रवण कुमार बंसल ने कहा कि एफएसटी, एसएसटी, वीएसटी व अन्य टीमें सक्रियता के साथ ड्यूटी करें। जिला के साथ लगती पड़ोसी राज्यों की सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखी जानी चाहिए, ताकि अवैध रुप से ले जा रहे सामान को जब्त किया जा सके। सभी अधिकारी अपनी टीम के कर्मचारियों के साथ तालमेल रखते हुए टीम वर्क की भावना के साथ कार्य करें। उन्होंने बताया कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार किसी भी केबल टीवी नेटवर्क व सिनेमा संचालक द्वारा कोई भी राजनीतिक विज्ञापन बिना पूर्व प्रमाणीकरण के प्रसारित नहीं किए जाएंगे। राजनीतिक विज्ञापनों के प्रसारण से 48 घंटे पहले एमसीएमसी कमेटी के समक्ष निर्धारित फॉर्मेट में आवेदन करना होगा। यदि कोई केबल टीवी नेटवर्क प्री-सर्टिफिकेशन के बिना कोई राजनीतिक विज्ञापन जारी करता है तो आदर्श आचार संहिता की अवहेलना होगी और उसके विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। एमसीएमसी की मॉनिटरिंग में जो भी पेड न्यूज आएगी, वह भी उम्मीदवार के चुनाव खर्च में जोड़ी जाएगी।

चुनाव व्यय पर्यवेक्षक ने निर्देश देते हुए कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा टोल फ्री नंबर 1950 जारी किया हुआ है, जिस पर आमजन जिला में चुनावी प्रक्रिया से संबंधित शिकायत कर सकते हैं और अपने बूथ या चुनाव के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। चुनाव आयोग द्वारा चुनाव खर्च की राशि की सीमा को निर्धारित किया गया है, जो कि प्रति उम्मीदवार 40 लाख रूपए से अधिक नहीं हो सकती। किसी भी उम्मीदवार को इस निर्धारित सीमा से अधिक खर्च करने की अनुमति नहीं हैं।

दोनों व्यय पर्यवेक्षकों ने मीटिंग में बताया कि कोई भी उम्मीदवार जब अपना नामांकन-पत्र दाखिल कर देता है, उसके बाद उसके चुनाव खर्च का लेखा-जोखा शुरू हो जाता है। नोमिनेशन के बाद किसी उम्मीदवार ने मोबाइल फोन पर आईवीआरएफ कॉल या बल्क एसएमएस वोटर्स को भेजने शुरू किए तो उन्हें भी चुनाव खर्च में शामिल किया जाएगा। इस संदर्भ में उम्मीदवार को निर्वाचन कार्यालय को सूचित करना आवश्यक है। जिससे कि उसके खर्च रजिस्टर में इनकी प्रविष्टि की जा सके। इस अवसर पर सभी टीम इंचार्ज ने व्यय पर्यवेक्षकों के निर्देशानुसार अपने मोबाइल नंबर सांझा किए।

Leave a Reply

You cannot copy content of this page