गुरुग्राम विश्वविद्यालय में मीडिया और समाज के बीच हुआ संवाद

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-“समाज निर्माण में मीडिया की रचनात्मक भूमिका” विषय पर मीडिया के प्रतिनिधियों ने किया मंथन

-पत्रकारिता जीवन भर संघर्ष का रास्ता है : श्याम किशोर

-प्रतिभावान लोगों के लिए किसी भी क्षेत्र में काम की कमी नहीं : प्रो. दिनेश कुमार

-समाज सुधार में मीडिया की महती भूमिका : डॉ दिवाकर 

 गुरुग्राम  29 जून : सृष्टि के आदि संचारक महर्षि नारद की जयंती के उपलक्ष्य में गुरुग्राम विश्वविद्यालय में विश्व संवाद केंद्र, हरियाणा एवं मीडिया अध्ययन विभाग, गुरुग्राम विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। “समाज निर्माण में मीडिया की रचनात्मक भूमिका” विषय पर आयोजित इस संगोष्ठी में पत्रकारों, शिक्षाविदों, समाज के अन्य गणमान्य जनों  ने अपने अपने अनुभव साझा किये. अधिकतर वक्ताओं ने समाज और मीडिया के बीच बेहतर तालमेल और बदलते परिवेश में उत्पन्न परिस्थितियों को रेखांकित किया. भविष्य की चिंता को लेकर पत्रकारिता का अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों को विशेषज्ञों ने विस्तार से समझाया.

कार्यक्रम की अध्यक्षता गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने की एवं मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार श्याम किशोर, संपादक, संसद टीवी रहे। मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ समाजसेवी दिनेश नागपाल एवं प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ. अशोक दिवाकर ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में अपना व्याख्यान दिया.

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गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रत्रकारिता के महत्व पर प्रकाश डाला . उन्होंने कहा कि “यदि समाचार पत्रों में हमें सकारात्मक बातें पढ़ने को मिलेंगी तो पूरा समाज सही दिशा में आगे जायेगा, हर क्षेत्र में लोग उन्नति करेंगे। उनका कहना था कि आज योग्य लोगों की देश को आवश्यकता है, प्रतिभावान लोगों के लिए किसी भी क्षेत्र में काम की कमी नहीं।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता संसद टीवी के सम्पादक श्याम किशोर ने पत्रकारिता एवं समाज के संबंध पर प्रकाश डालते हुए कहा  कि पत्रकारिता जीवन भर संघर्ष का रास्ता है। पत्रकारिता करते हुए हमें अपना, अपने परिवार का भी ध्यान रखना है, और साथ में समाज के उत्थान में भी योगदान देना है.  इस समाज का निर्माण हम जैसा करेंगे वैसा ही हमारी आने वाली पीढ़ी होगी । समाज और आध्यात्म का संतुलन बनाकर चलना आज की आवश्यकता है। गुरुग्राम विश्वविद्यालय का ध्येय वाक्य “विद्या जीवनाय न तु जीविकाय” भी इसी ओर संकेत करता है।”

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उन्होंने कहा कि जबतक हमारा समाज सशक्त था हम उन्नत थे. हमें समझ के साथ समाज को बनाने की प्रतिबद्धता को समझना होगा. हमारे समाज में योग्यता और समझ भरपूर थी लेकिन कालांतर में समाज में  गिरावट आई. इतिहास इस बात का गवाह है कि संस्कृति, साहित्य और समझ सभी पर सोची समझी रणनीति के तहत आक्रमण हुए और मूल्यवान पहलुओं को त्याग दिया गया और निर्मूल्य को हमलोग ढोने लगे.  उनका कहना था कि संतोष की बात यहाँ है कि हमारे समाज की अच्छी बात यह रही कि हमने विचार विमर्श और चर्चा का रास्ता कभी नहीं छोड़ा. मीडिया जगत की चुनौतियों की चर्चा करते हुए उन्होंने सामंजस्य और संतुलन स्थापित करते हुए कम करने पर बल दिया.

 

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प्रख्यात शिक्षाविद् एवं कौशल विकास केंद्र, सेवा एवं ग्राम विकास केंद्र, पानीपत, में निदेशक अशोक दिवाकर ने अपने वक्तव्य में समाज, सरकार एवं मीडिया के तालमेल पर बल दिया. उन्होंने कहा कि इनके मिले जुले प्रयास से ही समाज प्रगति की ओर जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकारी संस्थाओं में आ रही गिरावट को समाज के सामने उजागर करने में मीडिया की महती भूमिका है .

 

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इस संगोष्ठी में हिंदुस्तान, टाइम्स ऑफ इंडिया, पायनियर, पीटीआई , दी पब्लिक वर्ल्ड , राजस्थान पत्रिका, पंजाब केसरी सहित कई इलेक्ट्रोनिक चैनल्स और सोशल मीडिया प्लेटफोर्म के पत्रकारों ने  “समाज निर्माण में मीडिया की रचनात्मक भूमिका” विषय पर अपने विचार व्यक्त किये.  वरिष्ठ पत्रकार सुभाष चौधरी, ए के चौहान, अनिल आर्य, अमित नेहरा, बागीश झा, महाबीर भारद्वाज, गौरव चौधरी, गणेश चौहान, राजीव चोपड़ा सहित कई मीडिया प्रतिनिधयों ने अपने अनुभव कार्यक्रम में उपस्थित समाज के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों और मीडिया के विद्यार्थियों से साझा किए. पत्रकारों ने संगोष्ठी में मीडिया की बदलती भूमिका और उनकी चुनौतियों , समाज में नैतिकता एवं सकारात्मक परिवर्तन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में आने वाले बदलाव जैसे वृहद विषयों पर  विस्तार से बात की। मीडिया के विद्यार्थियों के सवालों के जवाब भी दिए .

 

गुरुग्राम विश्वविद्यालय में मीडिया और समाज के बीच हुआ संवाद 6कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उद्यमी दिनेश नागपाल ने अपने संबोधन में कहा कि यदि सभी इसी गंभीर सोच के साथ सामाजिक क्षेत्र में काम करें तो समाज की समस्याओं का हल कठिन नहीं.

कार्यक्रम में गुरुग्राम विश्वविद्यालय की ओर से पत्रकारों को उनके सामाजिक योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

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