प्राइमरी स्कूल सेक्टर 5 के बच्चों को डीपीएस की छात्रा काशवी धवन ने दी साइबर सुरक्षा की जानकारी

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गुरुग्राम। प्राइमरी स्कूल सेक्टर 5 में पढ़ने वाले बच्चों को 7वीं क्लास की छात्रा काशवी धवन ने आज यानी 26 अगस्त को साइबर सुरक्षा के विभिन्नं पहलुओं के प्रति जागरूक किया। सेक्टर 5 निवासी काशवी धवन जो डी पी एस सेक्टर 45 की छात्रा है ने अपनी पढ़ाई के साथ साथ जनहित में आम लोगों को ऑनलाइन सिस्टम के विस्तार से होने वाले खतरे के प्रति जागरूक करने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने साइबर सुरक्षा से सम्बन्धित स्कूली बच्चों के सवालों के जवाब भी दिए।

यह जानकारी सेक्टर 5 निवासी समाजसेवी दिनेश वशिष्ठ ने दी। उन्होंने बताया कि अपने स्कूल की मेधावी छात्रा काशवी धवन ने स्कूल के बच्चों को साइबर अपराध से बचने के तौर तरीके विस्तार से बताए। उन्होंने बच्चों को केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा शुरू की गई वेबसाइट और स्थापित तंत्र की भी जानकारी दी।

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वर्तमान समय में कोविड के बाद स्कूलों में भी ऑनलाइन पढ़ाई और होम वर्क की व्यवस्था के कारण छोटे बच्चों को भी मोबाइल और इंटरनेट की आवश्यकता होती है। कई बार विषय की जानकारी के लिए भी इंटरनेट से जुड़ना पड़ता है। कोचिंग की पढ़ाई भी ऑनलाइन कराई जाती है। ऐसे में खतरा इस बात का रहता है कि जरूरी एप्लिकेशन के बजाय कोई और प्लेटफॉर्म खुल जाता है। इससे उनके मोबाइल का डाटा हैकिंग का खतरा रहता है।
काशवी ने बताया कि मोबाइल में जिस एप्लीकेशन की आवश्यकता हो वही खोलें अन्यथा बड़ा नुकसान हो सकता है। बच्चों को आगाह किया कि स्कूल का कार्य करते समय अगर कोई अपरिचित व्यक्ति ओ टी पी माँगे तो ये जानकारी तुरन्त अपने माता पिता को दें। कोई अनुपयोगी जानकारी के लिए मोबाइल ना चलाएँ।

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काशवी धवन ने साइबर सुरक्षा मदद के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा लांच किए गए 1930 नम्बर की जानकारी दी। बच्चों को बताया गया कि अगर कोई भी आपके साथ साइबर अपराध होता है तो आप तुरन्त इस नम्बर पर जानकारी दें। इससे त्वरित गति से बैंक एकाउंट को ब्लॉक कर पैसे दूसरे एकाउंट में जाने से रोका जाता है। फिर साइबर सुरक्षा एजेंसी पीड़ित पक्ष को उनके पैसे वापस करवाता है।

उन्होंने बताया कि साइबर धोखाधड़ी जैसे अपराध की रिपोर्ट करने के लिए पुलिस स्टेशन जाकर पारंपरिक तरीके से एफआईआर करवाना व उसकी जांच होना एक लंबी प्रक्रिया है। ऐसे में तुरंत कार्रवाई के लिए हेल्पलाइन का विकल्प सबसे सर्वोत्तम माध्यम है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों की जितनी जल्दी सूचना दी जाए, उतना ही बढ़िया ताकि आगे की ट्रांजेक्शन को रोकने के लिए पीड़ित को त्वरित सहायता प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि पीड़ित व्यक्ति साइबर क्राइम की वेबसाइट http://www.cybercrime.gov.in पर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।

रितु चौधरी चेयरपर्सन नवतरंग एन. जी. ओ. ने बताया कि आज पढ़ाई के नियम बदल गये हैं। बच्चों को मोबाइल पर काम दिया जाता है तो हमारा फर्ज बनता है कि हम हमारे बच्चों को साइबर अपराध से बचाव की जानकारी दें। इसमें हमारी मदद काशवी धवन ने की। उन्होंने साइबर सुरक्षा सम्बंधित सभी जानकारी बच्चों को दी जिससे बच्चे अपना मोबाइल का उपयोग सावधानी से सुरक्षापूर्वक कर सकें। सभी स्कूल के बच्चों व अध्यापिकाओं ने भी साइबर अपराध से बचाव की जानकारी ली और सभी ने सहयोग किया और काशवी धवन का धन्यवाद किया।

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