चार राज्यों की छह कोयला खदानों की नीलामी : 34,185 करोड़ रुपये वार्षिक राजस्व

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नई दिल्ली। कोयला मंत्रालय ने वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला खानों की नीलामी का 7वां चरण पूरा कर लिया है। यह चरण नीलामी के छठे दौर के दूसरे प्रयास के अंतर्गत संपन्न हुआ।

 बोलियों के मूल्यांकन के बाद, छह खानों के लिए फॉरवर्ड ई-नीलामी 1 अगस्त, 2023 से शुरू हुई थी। 3 अगस्त, 2023 तक सभी छह खानों की नीलामी सफलापूर्वक पूरी हुई।  

नीलाम की गई कोयला खानों का ब्यौरा इस प्रकार है –

  • नीलाम की गई खानों में से दो कोयला खदानों का पूरी तरह से पता लगाया गया है जबकि चार खदानों की आंशिक रूप से खोज की गई है।
  • इन छह कोयला खानों के लिए कुल भूवैज्ञानिक भंडार 2,105.74 मिलियन टन है।
  • इन कोयला खानों के लिए संचयी पीक रेटेड क्षमता (पीआरसी) 7 मिलियन टन प्रतिवर्ष (एमटीपीए) है, (आंशिक रूप से खोजी गई कोयला खानों को छोड़कर)।

औसत राजस्व हिस्सेदारी में वृद्धि हुई है, जो पिछली नीलामी में 22.12 प्रतिशत से बढ़कर अब 23.71 प्रतिशत हो गई है। यह उच्च राजस्व हिस्सेदारी वाणिज्यिक कोयला खनन क्षेत्र में उद्यमियों और निवेशकों की निरंतर रुचि और भारत में कोयला खनन के स्थिर भविष्य को इंगित करती है। यह वाणिज्यिक कोयला खनन के शुभारंभ के माध्यम से कोयला क्षेत्र में सरकार द्वारा शुरू किए गए सुधारों की सफलता को भी दर्शाता है।

आयोजित की गई खनन नीलामियों का परिणाम इस प्रकार है :

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इन खदानों से कोयला उत्पादन के कारण आयातित तापीय कोयले की मांग और सार्वजनिक क्षेत्र की कोयला खनन कंपनियों पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। वाणिज्यिक कोयला खदानों की नीलामी से समाज में सकारात्मक परिवर्तन आएगा, जिससे कोयला धारक क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित होंगे और बुनियादी ढांचे का विकास होगा। इससे राज्यों के राजस्व में पर्याप्त योगदान मिलने की उम्मीद है। इन कोयला खानों की पीक रेटेड क्षमता (पीआरसी) पर गणना की गई। इससे लगभग ~787 करोड़ रुपये (आंशिक रूप से खोजी गई कोयला खानों को छोड़कर) के अनुमानित वार्षिक राजस्व की प्राप्ति होगी। इन नीलामियों से लगभग 1,050 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश का अनुमान है, जिससे रोजगार के लगभग 9,464 अवसर सृजित होंगे।

इन छह कोयला खदानों की सफल नीलामी के साथ, वाणिज्यिक नीलामी के अंतर्गत नीलाम की गई कोयला खानों की कुल संख्या अब 92 हो गई है। इन खदानों से लगभग ~34,185 करोड़ रुपये (आंशिक रूप से खोजी गई कोयला खानों को छोड़कर) का वार्षिक राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। जिसकी गणना कोयला खानों के वर्तमान पीआरसी पर की गई है। इन कोयला खदानों के चालू होने से लगभग 34,486 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश होने की उम्मीद है। इससे रोजगार के लगभग 3,10,818 अवसर सृजित होंगे।

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