नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह कल नई दिल्ली में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य-देशों के आपातकालीन स्थितियों की रोकथाम एवं उन्मूलन से संबंधित विभागों के प्रमुखों की एक बैठक की अध्यक्षता करेंगे। श्री अमित शाह एससीओ की इस बैठक के दौरान एससीओ के कुछ सदस्य देशों के मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, भारत एससीओ में सक्रियता के साथ भाग लेता रहा है और इस मंच के विभिन्न तंत्रों को पर्याप्त समर्थन प्रदान करता रहा है। वर्ष 2017 में एक पूर्ण सदस्य देश के रूप में प्रवेश के बाद से, भारत ने इस संगठन के साथ एक सक्रिय जुड़ाव बनाए रखा है। भारत एससीओ के सदस्य देशों, पर्यवेक्षकों और संवाद भागीदारों के पारस्परिक लाभ के प्रस्तावों को शुरू करने पर ध्यान केन्द्रित कर रहा है।
एससीओ के सदस्य-देशों के आपातकालीन स्थितियों की रोकथाम एवं उन्मूलन से संबंधित विभागों के प्रमुखों की बैठक के दौरान, एससीओ के सदस्य-देशों के प्रतिनिधि अपने संबंधित क्षेत्रों में हुई व्यापक पैमाने वाली आपातकालीन स्थितियों और उन्हें संभालने के लिए किए गए उपायों से संबंधित जानकारियां साझा करेंगे। ये प्रतिनिधि एससीओ के ढांचे के भीतर आपातकालीन स्थितियों की रोकथाम एवं उन्मूलन के क्षेत्र में नवीन कार्यप्रणालियों, प्रौद्योगिकियों और भविष्य में सहयोग की संभावनाओं के बारे में भी अपने विचार साझा करेंगे। इन विचार-विमर्शों के आधार पर, सदस्य-देश एससीओ के ढांचे के भीतर तैयारी, आपातकालीन प्रतिक्रिया और प्राकृतिक एवं मानव निर्मित आपदाओं से उत्पन्न होने वाले प्रभाव को संयुक्त रूप से कम करने के क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ायेंगे।
इस बैठक में शामिल प्रतिभागी 2023-2025 के दौरान आपातकालीन स्थिति के उन्मूलन में सहायता प्रदान करने संबंधी सहयोग से संबंधित एससीओ के सदस्य देशों के बीच हुए समझौते के कार्यान्वन से जुड़ी कार्य योजना पर भी चर्चा करेंगे और उसे मंजूरी देंगे। यह कार्य योजना एससीओ के सदस्य-देशों के बीच आपातकालीन स्थितियों की रोकथाम एवं उन्मूलन के मामले में सहयोग बढ़ाने की दिशा में योगदान देगी।
भारत ने समरकंद (उज्बेकिस्तान) में आयोजित 2022 एससीओ शिखर सम्मेलन में एससीओ की चक्रीय आधार पर मिलने वाली अध्यक्षता ग्रहण की थी। वर्तमान अध्यक्ष के रूप में, भारत इस वर्ष सदस्य – देशों के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद के अगले शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।