–हरियाणा एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन ने वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने वाला बताया
–विदेश सहयोग विभाग के साथ-सथ निर्यात संवर्धन परिषद का भी गठन करने वाला हरियाणा पहला राज्य
गुरुग्राम। केंद्र सरकार द्वारा नई विदेश व्यापार नीति की घोषणा कर दी गई । यह एक अप्रैल 2023 से लागू हो गई है । नई विदेश व्यापार नीति का स्वागत करते हुए हरियाणा एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन एवं पूर्व आई आर एस अनुराग बक्शी ने आज जारी एक बयान में कहा कि यह नीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साधने में मदद करेगी और वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने का काम करेगी ।
उन्होंने कहा कि नीति में वर्ष 2030 तक देश के निर्यात को 2000 अरब अमेरिकी डॉलर तक बनाने का लक्ष्य देश में उत्पादन और रोजगार सृजन के नए अवसर पैदा करने के साथ-साथ लोगों की आमदनी बढ़ाने का काम कर देश को चौमुखी विकास की ओर अग्रसर करेगी । बख्शी ने बताया कि वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021- 22 में देश का निर्यात 676 अरब डॉलर रहा जो कि वर्ष 2022 – 23 में बढ़कर 760 से 770 अरब डॉलर पहुंचने की संभावना है जो देश के निर्यात इतिहास में एक नया रिकॉर्ड है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि विदेश व्यापार नीति वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के साथ वैश्विक व्यापार में एक भरोसेमंद और मजबूत पार्टनर के रूप में पहचान बनाने का काम करेगी । बख्शी ने कहा कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में भी तेज गति से बढ़ती भारत की अर्थव्यवस्था आर्थिक मंदी और दूसरे संकटों से गुजर रही दुनिया की तमाम अर्थव्यवस्थाओं में आशा की किरण बनकर उभर रही है जो हर भारतवासी के लिए गर्व और हर्ष की बात है ।
हरियाणा एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन श्री बख्शी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में केंद्र सरकार ने लगातार निर्यात को बढ़ाने के लिए सकारात्मक और नए सुधार और प्रयास किए हैं जिनमें निवेश को बढ़ाना ,व्यापार में आने वाली बाधाओं का समाधान करना और व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देना आदि शामिल है । इनके दूरगामी परिणाम अभी से देखने को मिल रहे हैं ।
उनके अनुसार फरीदाबाद ,मुरादाबाद ,मिर्जापुर और वाराणसी में नए डाउन ऑफ एक्सपोर्ट विकसित किए जाएंगे। निर्यात दायित्व चूक एक मुश्त निपटाने के लिए एमनेस्टी योजना कोरोना से प्रभावित निर्यातकों के लिए वरदान साबित होगी । उनका मानना है कि नई नीति में प्रोत्साहन से छूट को और बढ़ने की योजना भी नहीं निर्यातकों के लिए अच्छी खबर है। अब सरकार ई-कॉमर्स हब जैसे उभरते क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगी और राज्यों को भी हर जिले को एक्सपोर्ट हब बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी। उनका कहना है कि वाणिज्य विभाग को भविष्य में चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार करने हेतु विभाग के पुनर्गठन की योजना बनाई जाएगी ।
नयी विदेश व्यापार नीति की विशेषताओं की चर्चा करते हुए अनुराग बक्शी ने कहा कि भारतीय रुपए को अंतरराष्ट्रीय व्यापार में सेटलमेंट के लिए स्वीकार ता दिलाना ताकि करेंसी एक्सचेंज में दी जाने वाली भारी-भरकम शुल्क से बचा जा सके ,भारतीय रुपए को वैश्विक बाजार में नई पहचान देगी ।
बख्शी ने कहा कि हरियाणा की बात करें तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में चल रही प्रदेश सरकार ने प्रदेश से निर्यात को गति देने के लिए ऐतिहासिक और दूरदर्शी कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि देश में हरियाणा शायद पहला राज्य है जहां विदेश सहयोग विभाग के साथ-सथ निर्यात संवर्धन परिषद का भी गठन किया गया है ताकि प्रदेश से निर्यात को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित हो सके। बख्शी ने बताया कि वर्ष 2021 – 22 में प्रदेश का कुल निर्यात दो लाख सत्रह हजार करोड़ का था जोकि वर्ष 2022 – 23 में 10 से 12 फीसदी बढ़ने की प्रबल संभावना है।