नई दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु इस साल नवंबर में जनजातीय गौरव दिवस समारोहों का नेतृत्व करेंगी। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने आज नई दिल्ली में एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान इसकी घोषणा की। अर्जुन मुंडा ने यह भी कहा कि 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति झारखंड के खूंटी जिले के उलिहातू गांव का दौरा करेंगी जो कि भगवान बिरसा मुंडा की जन्म स्थली है और वहां पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करेंगी। राष्ट्रपति सड़क एवं परिवहन मंत्रालय और विद्युत मंत्रालय की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगी और खूंटी से कई एकलव्य स्कूलों की आधारशिला भी रखेंगी। वह खूंटी और उसके आस-पास ट्राइफेड एवं एनआरएलएम की महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों को भी संबोधित करेंगी।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि उपराष्ट्रपति अन्य सासंदों के साथ 15 नवंबर को नई दिल्ली स्थित संसद भवन परिसर में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे।
अर्जुन मुंडा ने कहा कि 15 से 22 नवंबर तक जनजातीय गौरव दिवस मनाने के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर बड़ी संख्या में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि गांवों, दूर-दराज के इलाकों सहित कश्मीर से कन्याकुमारी तक और गुजरात से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक समारोह और कार्यक्रमों की योजना तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि देश भर में राज्य सरकारों और राज्य जनजातीय अनुसंधान संस्थानों के समन्वय से युवाओं के मार्च का आयोजन और राज्यों की राजधानियों में जनजातीय कलाकारों द्वारा प्रदर्शन; सांस्कृतिक कार्यक्रम; संगोष्ठियों/कार्यशालाओं का आयोजन; निबंध, गीत, नृत्य, खेल और चित्रकला प्रतियोगिता, स्वच्छता अभियान जैसे अनेक कार्यक्रमों की योजना भी तैयार की गई है।
श्री मुंडा ने यह भी कहा कि भारत सरकार ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 15 नवंबर को देश के इतिहास और संस्कृति में जनजातीय समुदायों के योगदान को याद करने के लिए जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह दूसरा वर्ष है जब जनजाति गौरव दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन सभी जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करने और जनजातीय क्षेत्रों व समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास के प्रयासों को फिर से सक्रिय करने के लिए भी मनाया जाता है।