पणजी : केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने टेक्स्ट आधारित साहित्य, जागरूकता संगोष्ठियों और कार्यशालाओं से आगे बढ़ते हुए, ‘खेल से सीखने’ के तरीकों के माध्यम से कर साक्षरता फैलाने के लिए एक अभिनव दृष्टिकोण अपनाया है। सीबीडीटी ने बोर्ड गेम, पहेली और कॉमिक्स के माध्यम से हाई स्कूल के छात्रों के लिए कराधान, जिन्हें अक्सर जटिल माना जाता है, से संबंधित अवधारणाओं के लिए नया प्रोडक्ट प्रस्तुत किया है।
इस पहल को आरंभ करते हुए, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार शाम गोवा के पणजी में आजादी का अमृत महोत्सव प्रतिष्ठित सप्ताह के समापन समारोह में वित्तीय और कर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से संचार और लोक संपर्क प्रोडक्ट की एक श्रृंखला लॉन्च की। उन्होंने अगले 25 वर्षों को अमृत काल करार दिया और कहा कि नए भारत को आकार देने में युवा प्रमुख भूमिका निभाएंगे। श्रीमती सीतारमण ने कार्यक्रम में उपस्थित स्कूली छात्रों को चयन करने के लिए खेलों के पहले सेट का भी वितरण किया।
सीबीडीटी द्वारा प्रस्तुत किए गए नए प्रोडक्ट इस प्रकार हैं:
सांप, सीढ़ी और टैक्स: यह बोर्ड गेम टैक्स इवेंट और वित्तीय लेन-देन के संबंध में अच्छी और बुरी आदतों को प्रस्तुत करता है। यह गेम सरल, सहज और शैक्षिक है जिसमें अच्छी आदतों को सीढ़ी के माध्यम से पुरस्कृत किया जाता है और बुरी आदतों को सांपों द्वारा दंडित किया जाता है।
भारत का निर्माण: यह सहयोगात्मक खेल बुनियादी ढांचे और सामाजिक परियोजनाओं पर आधारित 50 मेमोरी कार्ड के उपयोग के माध्यम से करों के भुगतान के महत्व की अवधारणा प्रस्तुत करता है। इस खेल का उद्देश्य यह संदेश देना है कि कराधान प्रकृति में सहयोगी है, प्रतिस्पर्धी नहीं।
इंडिया गेट – 3डी पहेली : इस गेम में 30 टुकड़े होते हैं, प्रत्येक में कराधान से संबंधित विभिन्न नियमों और अवधारणाओं के बारे में जानकारी होती है। इन टुकड़ों को एक साथ जोड़ने पर इंडिया गेट की 3-आयामी संरचना का निर्माण होगा जो यह संदेश देगा कि करों से ही भारत का निर्माण होता है।
डिजिटल कॉमिक बुक्स – आयकर विभाग ने बच्चों और युवा वयस्कों के बीच आय और कराधान की अवधारणाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए लोटपोट कॉमिक्स के साथ सहयोग किया है। इसमें मोटू-पतलू के बेहद लोकप्रिय कार्टून चरित्रों द्वारा अत्याधिक चुटीले और गुदगुदाने वाले संवादों के माध्यम से संदेश दिए गए हैं।
इन प्रोडक्ट को आरंभ में देश भर में फैले आयकर कार्यालयों के नेटवर्क के माध्यम से स्कूलों में वितरित किया जाएगा। इन खेलों को किताबों की दुकानों के माध्यम से वितरित करने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है।