प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में नेहरू की कही बातों से कांग्रेस पार्टी को दिखाया आइना

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-राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में हुई बहस का दिया जवाब

– पीएम ने कहा ,आज कांग्रेस टुकड़े टुकड़े गैंग की लीडर बन गई

-विभाजनकारी मानसिकता कांग्रेस के DNA में घुस गई

सुभाष चौधरी 

नई दिल्ली : राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में हुई बहस का जवाब देते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण को कांग्रेस पार्टी की नीतियों की आलोचना करने पर केन्द्रित रखा. उन्होंने अपने संबोधन में आज कई बार देश के प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की उक्तियों को उधृत किया. उन्होंने लाल से किला से पंडित नेहरु द्वारा महंगाई को लेकर कही गई बातों का जिक्र करते हुए कांग्रेस पार्टी को घेरने की कोशिश की. उन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरु द्वारा कहे गये राष्ट्रीयता और भारत एक राष्ट्र है से सम्बंधित बातों को संसद में रखा और कांग्रेस पार्टी के सांसद राहुल गांधी द्वारा दिए भाषण की तीव्र निंदा की. प्रधान मंत्री ने आज अपने भाषण में पंडित नेहरु की ओर से देश की जनता को कर्तव्य बोध करवाने के लिए कही गई बातों का उल्लेख करते हुए कांग्रेस पार्टी के नेताओं को कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि विभाजनकारी मानसिकता कांग्रेस के DNA में घुस गई। अंग्रेज चले गए, लेकिन बांटो और राज करो की नीति को कांग्रेस ने अपना चरित्र बना लिया है। इसलिए ही आज कांग्रेस टुकड़े टुकड़े गैंग की लीडर बन गई है।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में नेहरू की कही बातों से कांग्रेस पार्टी को दिखाया आइना 2उन्होंने कहा कि सैकड़ों वर्षों का गुलामी कालखंड, उसकी जो मानसिकता है, वो आजादी के 75 साल के बाद भी कुछ लोग बदल नहीं पाए।ये गुलामी की मानसिकता किसी भी राष्ट्र की प्रगति के लिए बहुत बड़ा संकट होती है।आपके लिए File सबकुछ है। हमारे लिए 130 करोड़ देशवासियों की Life महत्वपूर्ण है। आप file में खोए रहे, हम life बदलने के लिए जी जान से जुटे हुए लोग हैं। अगर गरीबी से मुक्ति चाहिए तो हमें छोटे किसानों को मजबूत बनाना होगा।

प्रधान मंत्री ने कहा कि छोटा किसान मजबूत होगा तो छोटी जमीन को भी आधुनिक करने की कोशिश करेगा। हमनें गरीब श्रमिकों के लिए 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत हजारों लाभार्थियों के खातों में हमने सीधे पैसे ट्रांसफर किये।  केवल सरकारें ही सभी समस्याओं का समाधान नहीं कर सकती हैं। 2014 से पहले हमारे देश में सिर्फ 500 स्टार्ट-अप थे, लेकिन पिछले 7 साल में देश में 60 हजार से अधिक स्टार्ट-अप काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ये हमारे युवाओं की ताकत को दर्शाता। कुछ लोगों को देश के नौजवानों को, देश के एंटरप्रेन्योरश को, देश के वेल्थ क्रिएटर्स को डराने और भयभीत करने में आनंद आता है। लेकिन देश का नौजवान उनकी बातें सुन नहीं रहा है, इसीलिए देश आगे बढ़ रहा है। दूसरों पर निर्भर होकर इस देश की सुरक्षा निश्चित नहीं कर सकते।  हमारी अपनी व्यवस्था होनी चाहिए। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना राष्ट्रसेवा का बहुत बड़ा काम है।

प्रधान मंत्री ने कहा कि मैं देश के नौजवानों से भी आह्वान करता हूं कि आप अपने करियर में इस क्षेत्र को चुनिये, हम ताकत के साथ खड़े होंगे।इस बजट में भी हमने प्रावधान किया है कि ज्यादा से ज्यादा रक्षा उपकरण हम भारत में ही बनाएंगे, भारतीय कंपनियों से ही खरीदेंगे। बाहर से लाने के रास्ते बंद करने की दिशा में हम कदम बढ़ाएंगे। मैं जानता हूं कि रक्षा सौदों में कितनी बड़ी ताकतें अच्छे अच्छों को खरीद लेती थी। ऐसी ताकतों को मोदी ने चुनौती दी है।  इसलिए मोदी पर उनका गुस्सा होना भी स्वाभाविक है और ये गुस्सा समय समय पर प्रकट भी होता रहता है।

उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की तीव्र आलोचन करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के आखिरी 5 साल में, लगभग पूरे कार्यकाल में देश को डबल डिजिट महंगाई की मार झेलनी पड़ी थी।कांग्रेस की नीतियां ऐसी थी कि सरकार खुद मानने लगी थी कि महंगाई उसके नियंत्रण के बाहर है। राष्ट्र कोई सत्ता या सरकार की व्यवस्था नहीं है। हमारे लिए राष्ट्र एक जीवित आत्मा है। इससे हजारों साल से देशवासी जुड़े हुए हैं।इस देश का गरीब इतना जागरूक है कि आपको 44 सीटों पर समेट दिया। इस देश का गरीब इतना विश्वासघाती नहीं है कि कोई सरकार उसकी भलाई के काम करे और वो फिर उसको ही सत्ता से बाहर करे। आपकी ये दुर्दशा इसलिए आई क्योंकि आपने मान लिया था कि नारे देकर गरीबों को अपने चंगुल में फंसाएं रखोगे, लेकिन गरीब जाग गया, वो आपको जान गया।

 

पीएम ने कहा कि इस देश का गरीब इतना जागरूक है कि आपको 44 सीटों पर समेट दिया।इस देश का गरीब इतना विश्वासघाती नहीं है कि कोई सरकार उसकी भलाई के काम करे और वो फिर उसको ही सत्ता से बाहर करे। आपकी ये दुर्दशा इसलिए आई क्योंकि आपने मान लिया था कि नारे देकर गरीबों को अपने चंगुल में फंसाएं रखोगे, लेकिन गरीब जाग गया, वो आपको जान गया।

उन्होंने कहा कि हमारे यहां विष्णु पुराण में कहा गया है-

उत्तरं यत् समुद्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणम्।
वर्षं तद् भारतं नाम भारती यत्र सन्ततिः ।।

यानि समुद्र के उत्तर में और हिमालय के दक्षिण में जो देश है उसे भारत कहते हैं तथा उनकी संतानों को भारती कहते हैं।

कांग्रेस पार्टी का सत्ता में आने की इच्छा खत्म हो चुकी है। लेकिन जब कुछ मिलने वाला नहीं है तो कम से कम बिगाड़ तो दो। इस फिलॉसफी पर कांग्रेस आज चल रही है।

पीएम मोदी ने कहा कि और जब CDS रावत का बॉडी वहां से निकल रहा था तब हर तमिलवासी गौरव के साथ हाथ ऊपर करके आंख में आंसू के साथ कहता था वीर वननकम, वीर वननकम। ये मेरा देश है। जब हमारे CDS जनरल रावत का दक्षिण में हेलिकॉप्टर हादसे में अकस्मात निधन हुआ और जब उनका शरीर तमिलनाडु में हवाई अड्डे पर ले जाने के लिए रास्ते से गुजर रहा था तो मेरे तमिल भाई और बहनें लाखों की संख्या में घंटो तक कतार में सड़क पर खड़ी रही थी. लेकिन कांग्रेस को हमेशा से इन बातों से नफरत रही है। विभाजनकारी मानसिकता उनके DNA में घुस गई। अंग्रेज चले गए, लेकिन बांटो और राज करो की नीति को कांग्रेस ने अपना चरित्र बना लिया है। इसलिए ही आज कांग्रेस टुकड़े टुकड़े गैंग की लीडर बन गई है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना काल के बाद विश्व एक नए वर्ल्ड ऑर्डर नई व्यवस्थाओं की तरफ बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। ये एक ऐसा टर्निंग प्वाइंट है कि हमें एक भारत के रूप में इस अवसर को गंवाना नहीं चाहिए. आजादी के इतने सालों के बाद गरीब के घर में रोशनी होती है, तो उसकी खुशियां देश की खुशियों को ताकत देती हैं।

उन्होंने कहा कि गरीब के घर में गैस का कनेक्शन हो, धुएं वाले चूल्हे से मुक्ति हो तो उसका आनंद कुछ और ही होता है . आदरणीय राष्ट्रपति जी ने अपने भाषण में आत्मनिर्भर भारत और आकांक्षी भारत को लेकर गत दिनों के जो प्रयास हैं, उनके संबंध में विस्तार से बात कही है।सांस्कृतिक धरोहर को मजबूत करते हुए, देश की एकता को भी मजबूत किया। उन्होंने करीब-करीब 36 भाषाओं में गया है ये अपने आप में भारत की एकता और अखंडता का एक प्रेरक उदाहरण है।देश ने आदरणीय लता दीदी को खो दिया है।

पीएम ने कहा कि इतने लंबे काल तक जिनकी आवाज ने देश को मोहित किया, देश को प्रेरित भी किया, देश को भावनाओं से भर दिया। कोरोना काल के बाद विश्व एक नए वर्ल्ड आर्डर की तरफ,नई व्यवस्थाओं की तरफ बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। एक ऐसा turning point है कि हम लोगों को एक भारत के रूप में इस अवसर को गंवाना नहीं चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस परिपेक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव अपने आप में एक प्रेरक अवसर है। उस प्रेरक अवसर और नए संकल्पों को लेकर देश जब आजादी के 100 साल मनाएगा, तब तक हम पूरे सामर्थ्य से,पूरी शक्ति से, पूरे संकल्प से देश को उच्चतम स्तर पर लेकर पहुंचेंगे।पहले गैस कनेक्शन स्टेटस सिंबल हुआ करता था। अब गरीब से गरीब व्यक्ति तक इसकी पहुंच है और यह बहुत खुशी की बात है।

प्रधान मंत्री ने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि आजादी के इतने सालों के बाद गरीब के घर में रोशनी होती है, तो उसकी खुशियां देश की खुशियों को ताकत देती हैं। गरीब के घर में गैस का कनेक्शन हो, धुएं वाले चूल्हे से मुक्ति हो तो उसका आनंद कुछ और ही होता है।
देश का बड़ा दुर्भाग्य है कि सदन जैसी पवित्र जगह जो देश के लिए काम आनी चाहिए लेकिन उसको दल के लिए काम में लेने का प्रयास हो रहा है.

उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम लिए विना कटाक्ष करते हुए कहा कि दुर्भाग्य ये है कि आपमें से बहुत से लोग ऐसे हैं जिनका कांटा 2014 में अटका हुआ है और उससे वो बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। उसका नतीजा भी आपको भुगतना पड़ा है। उन्होंने कहा कि देश की जनता आपको पहचान गई है, कुछ लोग पहले पहचान गए, कुछ लोग अब पहचान रहे हैं और कुछ लोग आने वाले समय में पहचानने वाले हैं।

कांग्रेस की राजनीतिक गिरावट की चर्चा करते हुए कहा कि पिछली बार 1988 में त्रिपुरा में वहां की जनता ने (कांग्रेस को  ) आपको वोट दिया था, करीब 34 साल पहले। नागालैंड के लोगों ने आखिरी बार 1998 में कांग्रेस के लिए वोट किया था, करीब 24 साल हो गए। ओडिशा ने 1995 में आपके लिए वोट किया था, सिर्फ 27 साल हुए आपको वहां एंट्री नहीं मिली। गोवा में 1994 में पूर्ण बहुमत के साथ आप जीते थे, 28 साल से गोवा ने आपको स्वीकार नहीं किया।

उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि जब अहंकार की बात आ रही है तो कहना ही पड़ेगा- ”वो जब दिन को रात कहें, तो तुरंत मान जाओ।  नहीं मानोगे तो वो दिन में नकाब ओढ़ लेंगे। जरूरत हुई तो हकीकत को थोड़ा बहुत मरोड़ लेंगे,  वो मगरूर हैं खुद की समझ पर बेइंतहा, इन्हें आईना मत दिखाओ, वो आईने को भी तोड़ देंगे।”

उन्होंने याद दिलाया कि यूपी, गुजरात, बिहार ने आखिरी बार 1985 में कांग्रेस के लिए वोट किया था, करीब 37 साल पहले। पिछली बार पश्चिम बंगाल के लोगों ने करीब 50 साल पहले 1972 में आपको पसंद किया था।  हम सब संस्कार से, व्यवहार से लोकतंत्र के लिए प्रतिबद्ध लोग हैं और आज से नहीं, सदियों से हैं। ये भी सही है कि आलोचना जीवंत लोकतंत्र का आभूषण है, लेकिन अंधविरोध लोकतंत्र का अनादर है।

पीएम मोदी ने कहा कि वो जब दिन को रात कहें तो तुरंत मान जाओ, वो जब दिन को रात कहें तो तुरंत मान जाओ। नहीं मानोगे तो वो दिन में नकाब ओढ़ लेंगे।  जरूरत हुई तो हकीकत को थोड़ा बहुत मरोड़ लेंगे। वो मगरूर हैं खुद की समझ पर बेइंतहा।  उन्हें आईना मत दिखाओ, वो आईने को भी तोड़ देंगे।तब कांग्रेस के लोगों ने मुंबई के रेलवे स्टेशन पर खड़े रहकर मुंबई के श्रमिकों को जाने के लिए उनको टिकट दिया गया, लोगों को जाने के लिए प्रेरित किया गया।

 

उन्होंने कहा कि इस कोरोना काल में कांग्रेस ने हद कर दी। पहली लहर के दौरान देश जब लॉकडाउन का पालन कर रहा था, जब WHO दुनिया भर को सलाह देता था, सारे हेल्थ एक्सपर्ट कह रहे थे कि जो जहां है वहीं पर रुके। लेकिन आज मेड इन इंडिया कोविड वैक्सीन दुनिया में सबसे प्रभावी है। आज भारत शत प्रतिशत पहली डोज के लक्ष्य के निकट पहुंच रहा है और लगभग 80% सेकंड डोज का पड़ाव भी पूरा कर लिया है।

कोरोना की चर्चा करते हुए कहा कि बीते 2 सालों में 100 साल का सबसे बड़ा वैश्विक महामारी का संकट पूरी दुनिया की मानव जाति झेल रही है। जिन्होंने भारत के अतीत के आधार पर ही भारत को समझने का प्रयास किया, उनकों तो आशंका थी कि शायद भारत इतनी बड़ी लड़ाई नही लड़ पाएगा, खुद को बचा नहीं पाएगा।

पीएम ने कहा कि कभी-कभी मुझे विचार आता है उनके बयानों से, उनके कार्यक्रमों से, जिस प्रकार से आप बोलते हैं, जिस प्रकार से आप मुद्दों को जोड़ते हैं तो ऐसा लगता है कि आपने मन बना लिया है कि आपको 100 साल तक सत्ता में नहीं आना है। कुछ लोग हैं जिनको ये इंतजार था कि ये कोरोना वायरस मोदी की छवि को चपेट में ले लेगा, बहुत इंतजार किया।  अगर मोदी वोकल फॉर लोकल कहता है, तो मोदी ने कहा इन शब्दों को छोड़ दो।  लेकिन क्या आप नहीं चाहते कि देश आत्मनिर्भर बनें, जिस महात्मा गांधी के आदर्शों की बात करते हैं, तो इस अभियान को ताकत देने में आपका क्या जाता था। महात्मा गांधी जी के स्वदेशी के निर्णय को आगे बढाइये।

उन्होंने कहा कि सदन इस बात का साक्षी है कि कोरोना महामारी से जो स्थितियां उत्पन्न हुई, उससे निपटने के लिए भारत ने जो भी रणनीति बनाई उसको लेकर पहले दिन से क्या-क्या नहीं कहा गया है। दुनिया के और लोगों से बड़ी-बड़ी कांफ्रेंस करके ऐसी बातें बुलवाई गई ताकि पूरे विश्व में भारत बदनाम हो।  भारत सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि महामारी के बीच 80 करोड़ से अधिक भारतीयों को मुफ्त राशन मिले। हमारी प्रतिबद्धता है कि कोई भी भारतीय भूखा न रहे।

प्रधान मंत्री ने कहा कि जिस रास्ते पर हम चले आज विश्व के अर्थजगत के सभी ज्ञाता इस बात को मानते हैं कि भारत ने जिस आर्थिक नीतियों को लेकर इस कोरोना काल में अपने आप को आगे बढ़ाया है, वो अपने आप में दुनिया के लिए एक उदाहरण है।हम जो भी समझते थे, भगवान ने जो समझ दी थी, लेकिन समझ से ज्यादा समर्पण बहुत बड़ा था।  जहां समझ से समर्पण ज्यादा होता है वहां देश और दुनिया को अर्पण करने की ताकत भी होती है।  वो हमने करके दिखाया है।

उन्होंने अपने भाषण के दौरान विपक्ष पर चुन चुन कर हमले किये . उन्होंने कहा कि इतने वर्षों तक देश पर राज करने वाले और महल जैसे घरों में रहने के आदी लोग, छोटे किसान के कल्याण की बात करना भूल गए हैं।भारत की प्रगति के लिए छोटे किसान को सशक्त बनाना जरूरी है। छोटा किसान ही भारत की तरक्की को मजबूत करेगा।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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