pandit jasraj cultural foundation
पंडित जसराज कल्चरल फाउंडेशन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया उद्घाटन
“संगीत एक ऐसा माध्यम है जो हमें हमारे सांसारिक कर्तव्यों से अवगत कराता है और यह हमें सांसारिक आसक्तियों को पार करने में भी मदद करता है”
“योग दिवस के अनुभव ने संकेत दिया है कि दुनिया को भारतीय विरासत से लाभ हुआ है और भारतीय संगीत में भी मानव मन की गहराई में उतरने की क्षमता है”
“दुनिया में हर व्यक्ति भारतीय संगीत के बारे में जानने, सीखने और लाभ पाने का हकदार है, इसका ख्याल रखना हमारी जिम्मेदारी है”
“आज हम काशी जैसे अपनी कला और संस्कृति के केन्द्रों का पुनर्जागरण कर रहे हैं”
नई दिल्ली :(pandit jasraj cultural foundation) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय शास्त्रीय संगीत के महानायक पंडित जसराज की जयंती के अवसर पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने पंडित जसराज के संगीत को अमर ऊर्जा का मूर्त रूप बताया और उस्ताद की गौरवशाली विरासत को जीवित रखने के लिए दुर्गा जसराज और पंडित शारंग देव की सराहना की। प्रधानमंत्री पंडित जसराज कल्चरल फाउंडेशन के शुभारंभ पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बोल रहे थे।
प्रधानमंत्री ने भारतीय संगीत परंपरा के संतों द्वारा प्रदान किए गए वृहद ज्ञान के बारे में चर्चा की। श्री मोदी ने कहा कि ब्रह्मांडीय ऊर्जा को महसूस करने की शक्ति और ब्रह्मांड के प्रवाह में संगीत को देखने की क्षमता ही भारतीय शास्त्रीय संगीत परंपरा को इतना असाधारण बनाती है। प्रधानमंत्री ने कहा, “संगीत एक ऐसा माध्यम है जो हमें हमारे सांसारिक कर्तव्यों से अवगत कराता है और यह हमें सांसारिक आसक्तियों को पार करने में भी मदद करता है।”
प्रधानमंत्री ने भारत की कला और संस्कृति की समृद्ध विरासत को संरक्षित करने के लक्ष्य के लिए पंडित जसराज कल्चरल फाउंडेशन की प्रशंसा की। उन्होंने फाउंडेशन से प्रौद्योगिकी के इस युग के दो प्रमुख पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। सबसे पहले उन्होंने कहा कि भारतीय संगीत को वैश्वीकरण के इस युग में अपनी पहचान बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि योग दिवस के अनुभव ने संकेत दिया है कि भारतीय विरासत से दुनिया को फायदा हुआ है और भारतीय संगीत में भी मानव मन की गहराई में उतरने की क्षमता है। उन्होंने कहा, “दुनिया में हर व्यक्ति भारतीय संगीत के बारे में जानने, सीखने और लाभ पाने का हकदार है। इसका ख्याल रखना हमारी जिम्मेदारी है।”
दूसरी बात, प्रधानमंत्री ने कहा कि जब टेक्नोलॉजी का प्रभाव हर क्षेत्र में है, तो संगीत के क्षेत्र में भी टेक्नोलॉजी और आईटी का रिवॉल्यूशन होना चाहिए। भारत में ऐसे स्टार्ट अप तैयार हों जो पूरी तरह संगीत को डेडिकेटेड हों, भारतीय वाद्य यंत्रों पर आधारित हों, भारत के संगीत की परंपराओं पर आधारित हों।
उन्होंने काशी जैसे संस्कृति और कला के केंद्रों को पुनर्जीवित करने के हाल के प्रयासों के बारे में भी बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति प्रेम को लेकर हमारी जो आस्था रही है, आज भारत उसके जरिए विश्व को सुरक्षित भविष्य का रास्ता दिखा रहा है। उन्होंने कहा, “विरासत के साथ विकास की इस भारतीय यात्रा में, ‘सबका प्रयास’ को शामिल किया जाना चाहिए।”
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