एनसीसी में भी ज्यादा से ज्यादा बेटियाँ शामिल हों : प्रधान मंत्री

Font Size

प्रधानमंत्री ने करियप्पा ग्राउंड में एनसीसी रैली को संबोधित किया

“मुझे एनसीसी में जो ट्रेनिंग मिली, जो जानने सीखने को मिला, आज देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन में मुझे उससे असीम ताकत मिलती है”

“हमने देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में 1 लाख नए कैडेट्स बनाए हैं”

“हमारा प्रयास होना चाहिए कि ”

“जिस देश का युवा, राष्ट्र प्रथम की सोच के साथ आगे बढ़ने लगता है, उसे कोई दुनिया की कोई ताकत रोक नहीं सकती”

“एनसीसी कैडेट अच्छी डिजिटल आदतों में एक प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं और गलत सूचना और अफवाहों के खिलाफ लोगों को जागरूक कर सकते हैं”

“एनसीसी हो, एनएसएस हो, आप कैडेट के तौर पर खुद ड्रग्स से मुक्त रहें और साथ ही साथ अपने कैंपस को भी ड्रग्स से मुक्त रखें”

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने करियप्पा ग्राउंड में राष्ट्रीय कैडेट कोर रैली को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया, एनसीसी टुकड़ियों द्वारा मार्च पास्ट की सलामी ली और एनसीसी कैडेटों को सेना की कार्रवाई, स्लेदरिंग, माइक्रोलाइट फ्लाइंग, पैरासेलिंग के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अपने कौशल का प्रदर्शन करते हुए देखा। सर्वश्रेष्ठ कैडेटों को प्रधानमंत्री की ओर से मेडल और बैटन भी प्रदान किए गए।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समय देश अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और जब एक युवा देश, इस तरह के किसी ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनता है, तो उसके उत्सव में एक अलग ही उत्साह दिखता है। यही उत्साह मैं अभी इस कार्यक्रम में देख रहा हूं। प्रधानमंत्री ने खुद एनसीसी से जुड़े होने पर गर्व महसूस करते हुए कहा, “मुझे गर्व है कि मैं भी कभी आपकी तरह ही एनसीसी का सक्रिय कैडेट रहा हूं। मुझे एनसीसी में जो ट्रेनिंग मिली, जो जानने सीखने को मिला, आज देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन में मुझे उससे असीम ताकत मिलती है।”

प्रधानमंत्री ने लाला लाजपत राय और फील्ड मार्शल करियप्पा को राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान के लिए श्रद्धांजलि दी। भारत के दोनों वीर सपूतों की आज जयंती है।

प्रधानमंत्री ने ऐसे दौर में देश में एनसीसी को मजबूत करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में चर्चा की, जब देश नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ रहा है। इसके लिए देश में एक उच्च स्तरीय समीक्षा समिति का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में देश के सीमावर्ती इलाकों में एक लाख नए कैडेट बनाए गए हैं।

प्रधानमंत्री ने बालिकाओं और महिलाओं के लिए रक्षा प्रतिष्ठानों के दरवाजे खोलने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बड़ी संख्या में बालिका कैडेटों की उपस्थिति की चर्चा करते हुए इसे राष्ट्र के बदलते रवैये का प्रतीक बताया। उन्होंने बालिका कैडेटों से कहा, “देश को आपके योगदान की जरूरत है और उसके लिए पर्याप्त अवसर हैं।” उन्होंने कहा कि अब देश की बेटियां सैनिक स्कूलों में एड्मिशन ले रही हैं। सेना में महिलाओं को बड़ी जिम्मेदारियां मिल रही हैं। एयरफोर्स में देश की बेटियां फाइटर प्लेन उड़ा रही हैं। ऐसे में हमारा प्रयास होना चाहिए कि एनसीसी में भी ज्यादा से ज्यादा बेटियां शामिल हों।

कैडेटों के युवा प्रोफाइल के बारे में चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “आज इस समय जितने भी युवक-युवतियां एनसीसी में हैं, एनएसएस में हैं, उसमें से ज्यादातर इस शताब्दी में ही पैदा हुए हैं। आपको ही भारत को 2047  तक लेकर जाना है।” उन्होंने कहा, “इसलिए आपकी कोशिशें, आपके संकल्प, उन संकल्पों की सिद्धि, भारत की सिद्धि होगी, भारत की सफलता होगी।” प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस देश का युवा, राष्ट्र प्रथम की सोच के साथ आगे बढ़ने लगता है, उसे कोई दुनिया की कोई ताकत रोक नहीं सकती। आज खेल के मैदान में, स्टार्टअप का वातावरण तैयार करने में, भारत की सफलता भी इसका एक बड़ा उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने कैडेटों का आह्वान करते हुए कहा कि आजादी के अमृतकाल में, आज से लेकर अगले 25 वर्ष, आपको अपनी प्रवृतियों को, अपने कार्यों को देश के विकास के साथ, देश की अपेक्षाओं के साथ जोड़ना है। प्रधानमंत्री ने उस प्रमुख भूमिका के बारे में बताया जो आज के युवा ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान में निभा सकते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, “यदि आज का युवा केवल उन्हीं सामानों का उपयोग करने का संकल्प लेता है जो एक भारतीय के श्रम और पसीने से बनाए गए हैं, तो भारत का भाग्य बदल सकता है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज एक ओर डिजिटल टेक्नोलॉजी और इन्फॉर्मेशन से जुड़ी अच्छी संभावनाएं हैं, तो दूसरी ओर मिस- इंफॉर्मेशन के खतरे भी हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश का सामान्य मानव, किसी अफवाह का शिकार न हो ये भी जरूरी है। उन्होंने प्रस्ताव करते हुए कहा कि एनसीसी कैडेट इसके लिए एक जागरूकता अभियान चला सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि जिस स्कूल-कॉलेज में एनसीसी हो, एनएसएस हो वहां पर ड्रग्स कैसे पहुंच सकती है।  उन्होंने कैडेटों को सलाह दी कि आप कैडेट के तौर पर खुद ड्रग्स से मुक्त रहें और साथ ही साथ अपने कैंपस को भी ड्रग्स से मुक्त रखें। उन्होंने जोर देकर कहा कि आपके साथी, जो एनसीसी- एनएसएस में नहीं हैं, उन्हें भी इस बुरी आदत को छोड़ने में मदद करिए।

प्रधानमंत्री ने कैडेटों को सेल्फ4सोसाइटी पोर्टल से जुड़ने को कहा जो देश के सामूहिक प्रयासों को नई ऊर्जा देने का काम कर रहा है। पोर्टल से 7 हजार से ज्यादा संस्थाएं और 2.25 लाख लोग जुड़े हैं।

Table of Contents

You cannot copy content of this page