नई दिल्ली ; सरकार ने पीएम गतिशक्ति के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों के अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएस) का गठन किया है जिसमें 20 अवसंरचना और आर्थिक मंत्रालयों के सचिव ईजीओएस के सदस्य के रूप में होंगे। ईजीओएस की पहली बैठक कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में कल आयोजित हुई। ईजीओएस की पहली बैठक के लिए नीति आयोग के सीईओ विशेष आमंत्रित अतिथि थे। ईजीओएस ने अब तक हुई प्रगति की समीक्षा की।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों को मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान लॉन्च किया। पीएम गतिशक्ति का उद्देश्य लॉजिस्टिक लागत में कमी लाना है। वर्तमान में, भारत में लॉजिस्टिक लागत सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 13 प्रतिशत है जबकि अन्य विकसित देशों में यह 8 प्रतिशत की सीमा तक है। सरकार हमारे विनिर्माण क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता, किसानों को कीमतों की बेहतर प्राप्ति और उपभोक्ताओं को किफायती मूल्य पर वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लीकेशन एंड जियोइनफॉरमैटिक्स (बीआईएसएजी-एन), जिसने राष्ट्रीय मास्टर प्लान का निर्माण किया है, ने ईजीओएस को सूचित किया कि जीआईएस आधारित राष्ट्रीय मास्टर प्लान पर डेटा की 300 से अधिक परतों का मानचित्रण पूरा किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि सभी केंद्रीय मंत्रालयों और अधिकांश राज्य सरकारों ने अपनी अपेक्षित परतों की अपडेटिंग आरंभ कर दी है।
पीएम गतिशक्ति के लिए नोडल विभाग उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने पीएम गतिशक्ति की निगरानी और समन्वय के लिए किए गए प्रशासनिक प्रबंधों के बारे में सूचना दी। 7 केंद्रीय मंत्रालयों के प्रतिनिधियों से निर्मित नेटवर्क योजना समूह (एनपीजी) कापहले ही गठन हो चुका है। एनपीजी की सहायता के लिए उच्च अधिकार प्राप्त विशेषज्ञों के समूह का गठन किया जा रहा है।
बैठक में ईजीओएस ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। अवसंरचनागत कमियों को संकलित करने का निर्णय लिया गया है, जैसा कि विभिन्न आर्थिक मंत्रालयों द्वारा महसूस किया गया। इसे अगले वित्तीय वर्ष की वार्षिक कार्य योजना में शामिल करने पर उपयुक्त रूप से विचार करने के लिए संबंधित अवसंरचना मंत्रालय को अग्रेषित किया जाना है। देश के सभी आर्थिक जोन में मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी का प्राथमिकता के आधार पर अध्ययन करने का निर्णय लिया गया ताकि अंतरालों की पहचान की जा सके। ऐसी कोई भी प्रणाली या प्रक्रिया, जिसके कारण लॉजिस्टिक लागत में वृद्धि हो रही है, की पहचान की जानी चाहिए और उन पर विचार-विमर्श किया जाना चाहिए तथा लागत को कम करने के लिए आवश्यक प्रशासनिक निर्णयों सहित उपाय किए जाने चाहिए।
ईजीओएस ने डिजिटाइजेशन की आवश्यकता पर जोर दिया। विभिन्न प्रबंधन सूचना प्रणालियों को एकीकृत किया जाना आवश्यक समझा गया जिससे कि सरलता से इसका उपयोग किया जा सके। ईजीओएस ने इस बात पर भी बल दिया है कि सभी मंत्रालयों को अपनी योजना निर्माण के मूल में लॉजिस्टिक लागत की कमी को शामिल करना चाहिए जिससे पीएम गतिशक्ति के उद्देश्य को प्राप्त किया जा सके।