सुभाष चौधरी
नई दिल्ली : प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आज तीनों कृषि कानूनों को समाप्त करने और एम् एस पी की गारंटी के लिए कमिटी गठित करने की घोषणा करते ही देश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई. सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं से लेकर आम लोग भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करने लगे और नए सिरे से राजनीतिक रणनीति को अंजाम देने का संकेत भी देने लगे. एक तरफ किसान नेता राकेश टिकैत ने अभी आन्दोलन वापस लेने की घोषणा नहीं की तो दूएरी तरफ विपक्ष नरेंद्र मोदी सरकार पर ताबड़तोड़ हमले करने लगा है. पंजाब के नताओं ने इसका स्वागत किया है जबकि राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के सीएम इसे पीम की नाकामी बता रहे हैं.
प्रस्तुत है पीएम मोदी की घोषणा पर विभिन्न नेताओं की प्रतिक्रियायें :
किसान नेता राकेश टिकैत ने क्या कहा ?
आंदोलन खत्म नहीं हो रहा है। आपसे किसने कहा कि आंदोलन समाप्त हो रहा है ? जारी रहेगा. संयुक्त मोर्चा की 9 सदस्यीय कमेटी की आज बैठक हो रही है. अगर सरकार अपना पक्ष रखना चाहती है, तो उन्हें वहां घोषणा करनी चाहिए। हम कानूनी तौर पर उन बातों पर काम करेंगे जो वे सम्मेलन में कहते हैं.
राकेश टिकैत ने कहा कि संसद में कानून वापस लिए जाने तक किसान आंदोलन करते रहेंगे। एमएसपी गारंटी एक्ट बनाना होगा। यह किसानों की जीत है . मरने वाले 750 से अधिक किसानों और इस आंदोलन का हिस्सा बनने वाले आदिवासियों, श्रमिकों, महिलाओं को समर्पित है यह जीत :
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने क्या कहा ?
पीएम संसद से पास हुए 3 बिल लाए थे। इनसे किसानों को फायदा होता, इसके पीछे किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने की पीएम की स्पष्ट मंशा थी। लेकिन मुझे दुख है कि हम देश के कुछ किसानों को लाभ समझाने में विफल रहे. इन सुधारों से पीएम ने कृषि में बदलाव लाने की कोशिश की थी। लेकिन कुछ स्थितियों के कारण कुछ किसानों ने इसका विरोध किया। जब हमने चर्चा का रास्ता अपनाया और उन्हें समझाने की कोशिश की, तो हम सफल नहीं हो सके । इसलिए प्रकाश पर्व पर पीएम ने कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया। यह एक स्वागत योग्य कदम है.
भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा क्या बोले :
गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव के खास दिन पर प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी द्वारा की गई घोषणा का @BJP4India ह्रदय से स्वागत करती है। मोदी जी ने पुनः साबित किया है कि वो किसान भाइयों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस फैसले से पूरे देश में भाईचारे का माहौल बनेगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने त्वरित प्रतिक्रिया में क्या है ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों किसी कानूनों को वापस लिए जाने का मैं उत्तर प्रदेश शासन की ओर से स्वागत करता हूं . हम सब जानते हैं कि कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठन आंदोलन कर रहे थे. आज गुरु पर्व के मौके पर प्रधानमंत्री ने लोकतंत्र में संवाद की भाषा का इस्तेमाल करते हुए तीनों कृषि कानून को वापस लेकर के जो ऐतिहासिक कार्य किया है मैं उनके इस कदम का अभिनंदन करता हूं . यद्यपि शुरू से ही इस संबंध में एक बड़ा समुदाय ऐसा था जो इस बात को मानता था कि किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए इस प्रकार के कानून महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं लेकिन उसके बावजूद जब कतिपय किसान संगठन इसके विरोध में आए थे सरकार ने हर स्तर पर संवाद बनाने की कोशिश की. यह हो सकता है कि हमारे स्तर पर कोई कमी रह गई हो. उन लोगों को समझाने में हम लोग कहीं न कहीं विफल रहे जिसके कारण इस आंदोलन के रास्ते पर आगे बढ़ना पड़ा. लोकतंत्र के इस भाव का सम्मान करते हुए तीनों कृषि कानून को वापस लेने और एमएसपी को लेकर के भी एक समिति के गठन करने का हम प्रदेश सरकार की ओर से स्वागत करते हैं.
कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने क्या कहा :
जीत उनकी भी है
जो लौट के घर ना आए… हार उनकी ही है जो अन्नदाताओं की जान बचा ना पाए…
देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया। अन्याय के खिलाफ़ ये जीत मुबारक हो! जय हिंद, जय हिंद का किसान!
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने पीएम के निर्णय पर क्या कहा ?
आज प्रधानमंत्री जी को मजबूर होकर आना पड़ा, देशवासियों को सन्देश देना पड़ा, तीन काले कानूनों को जिनको हमारी विधानसभा ने तो पहले ही खारिज कर दिया था, उनको वापस लेने की घोषणा करनी पड़ी… ये मैं समझता हूँ देश के किसानों की बहुत शानदार विजय है, मैं किसानों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।
पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी पीएम के निर्णय पर दी प्रतिक्रिया :
प्रकाश पर्व पर 3 #FarmLaws को निरस्त करने का निर्णय लिया और किसानों से माफी मांगी। इससे बड़ा कुछ नहीं हो सकता। मैं उनका शुक्रगुजार हूं कि इसके लिए पीएम और एचएम, इससे ज्यादा कोई कुछ नहीं कर सकता.
कैप्टन अमरिंदर सिंह से जब पूछा गया कि किसान अब भी धरने पर बैठे हैं तो उन्होंने कहा कि पीएम ने माफी मांगी . अब सवाल यह है कि सदन की बैठक कब होगी। अब से 29 नवंबर-10 दिन बाद इसकी बैठक होगी, विधेयक लाया जाएगा और कानून निरस्त किए जाएंगे। बात वहीं खत्म हो जाएगी, तो अब बैठने का क्या फायदा.
सपा अध्यक्ष व यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव क्या बोले ?
अमीरों की भाजपा ने भूमि अधिग्रहण व काले क़ानूनों से ग़रीबों-किसानों को ठगना चाहा। कील लगाई, बाल खींचते कार्टून बनाए, जीप चढ़ाई लेकिन सपा की पूर्वांचल की विजय यात्रा के जन समर्थन से डरकर काले-क़ानून वापस ले ही लिए। भाजपा बताए सैंकड़ों किसानों की मौत के दोषियों को सज़ा कब मिलेगी।
दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल क्या बोले :
आज जनतंत्र की जीत हुई है। किसानों ने सभी सरकारों को बता दिया – जनतंत्र में सिर्फ और सिर्फ जनता की मर्ज़ी चलेगी, अहंकार नहीं चलेगा। किसानों ने आज़ादी के दीवानों की तरह लड़ाई लड़ी और जीते।
उन्होंने कहा कि किसानों के प्रबल साहस के आगे Water Cannon का पानी सूख गया, सरकार की लाठियां टूट गई, कीलें गल गई। लेकिन सरकार किसानों का आत्मविश्वास और जज़्बा नहीं तोड़ पाई। आज का दिन देश के बच्चों और नौजवानों के लिए एक सीख हैं.
अगर सच्चे दिल से शांतिपूर्ण तरीके से संघर्ष करो, फिर चाहे मंजिल कितनी भी कठिन और दूर क्यों ना हो, सफलता मिलती है। मेरे किसान भाइयों को ऐतिहासिक आंदोलन की जीत के लिए बहुत-बहुत बधाई.
दिल्ली से भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने क्या कहा ?
कृषि क़ानून वापस लेना कुछ लोगों को ख़ुशी दे सकता होगा मगर ये बिल किसानों के हित में थे, इसी लिए आए थे। प्रधानमंत्री जी के किसानों के हित में उठाए गए इस फ़ैसले पर सवाल खड़ा करना केवल एक राजनीतिक साज़िश थी। एक दिन खुद किसान इस गलती को समझेंगे और उनको एहसास होगा की ये बिल ठीक थे।
भाजपा नेता व पूर्व मंत्री दिल्ली सरकार कपिल मिश्र का क्या कहना है ?
कृषि कानून वापस लेने पर बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि मोदी जी ने आज फिर से साबित किया है कि उनके लिए देश सबसे बड़ा. किसानों की आड़ में जो लोग खाली अपना एजेंडा चलाना चाहते थे, देश को तोड़ना चाहते थे, अब उन लोगों को खुलकर सामने आना पड़ेगा. पर्दे के पीछे से आग लगाने का नफरत फैलाने का जो खेल चलाया जा रहा था दिल्ली से लेकर कनाडा तक में वह अब नहीं चल पाएगा. मुझे लगता है कि यह एक ऐतिहासिक निर्णय है. एक बड़ा लीडर ही खुद सामने आकर इस प्रकार के निर्णय की घोषणा कर सकता है. देश मोदी जी के इस ऐतिहासिक निर्णय में उनके साथ है
यू पी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने पीएम के निर्णय पर क्या कहा ?
तीनों कृषि क़ानून वापस लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अभिनन्दन करता हूँ. किसान आन्दोलन के नाम पर चुनाव आन्दोलन करने वाले दल व नेता बेरोज़गार हो गए. साज़िश अब सफल नहीं होगी कमल खिला है खिला रहेगा .
बबिता फौगाट क्या बोली ?
तीनों कृषि कानून किसानों के लिए बहुत जरूरी थे,लेकिन देश बचाने के लिए कृषि कानून वापस लेने पड़े। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर से साबित कर दिखाया कि उनके लिए देश सर्वोपरि है
महाराष्ट्र के गृह मंत्री डी डब्ल्यू पाटिल का बयान :
यह निर्णय पहले लिया जाना था ताकि कई किसानों की मृत्यु न होती । सरकार को पहले संवाद शुरू करना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ, किसानों की नहीं सुनी गई। उन्हें सड़कों पर बैठना पड़ा। उनकी मांग आज पूरी कर दी गई। यह उनकी जीत है.
पंजाब के डिप्टी सीएम एसएस रंधावा ने क्या कहा ?
किसान 11 महीने से आंदोलन कर रहे थे। करीब 700 किसानों की मौत हो गई। देर आए दुरुस्त आए। भारत सरकार ने अपनी गलती स्वीकार की और कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया। मैं इसका स्वागत करता हूं। सरकार को उन 700 परिवारों की भी मदद करनी चाहिए जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया, जैसा कि पंजाब सरकार ने किया.
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने क्या कहा :
सरकार ने कृषि क़ानूनों को रद्द करने का फ़ैसला देरी से लिया है। यह किसान आंदोलन और किसानों की सफलता है। चुनाव में जाना था इसलिए केंद्र सरकार ने यह फ़ैसला लिया है। वह दिन भी दूर नहीं है, जब मोदी सरकार CAA का क़ानून भी वापस लेगी.