राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व
नई दिल्ली /लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 19 नवंबर को उत्तर प्रदेश में झांसी की अपनी यात्रा के दौरान, शाम को लगभग 5:15 बजे, ‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व’ में रक्षा क्षेत्र की कई पहलों का शुभारंभ करेंगे और राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह कार्यक्रम झांसी में 17 से 19 नवंबर तक ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोह के हिस्से के रूप में आयोजित किया जा रहा है। राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व
रक्षा क्षेत्र में आत्मानिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए, प्रधानमंत्री औपचारिक रूप से स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किए गए उपकरणों को सशस्त्र बलों के सेवा प्रमुखों को सौंपेंगे। इनमें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को डिजाइन और विकसित लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) को वायु सेना प्रमुख को; थल सेनाध्यक्ष को भारतीय स्टार्टअप द्वारा डिजाइन और विकसित किए गए ड्रोन/यूएवी; और डीआरडीओ द्वारा डिजाइन किया और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) द्वारा नौसेना के जहाजों के लिए निर्मित उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट को नौसेनाध्यक्ष को सौंपना शामिल है। राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व
एलसीएच में प्रभावी लड़ाकू भूमिकाओं के लिए उन्नत तकनीकों और चालबाज़ सुविधाओं को शामिल किया गया है। भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा भारतीय यूएवी की तैनाती भी भारतीय ड्रोन उद्योग इकोसिस्टम की बढ़ती परिपक्वता का प्रमाण है। उन्नत ईडब्ल्यू सूट का उपयोग विभिन्न नौसैनिक जहाजों में किया जाएगा, जिनमें विध्वंसक, युद्धपोत आदि शामिल हैं।
प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे के झांसी खंड में 400 करोड़ रुपये की परियोजना का शिलान्यास करेंगे। टैंक रोधी निर्देशित मिसाइलों के लिए प्रणोदन प्रणाली का उत्पादन करने के लिए एक संयंत्र स्थापित करने के लिए भारत डायनेमिक्स लिमिटेड द्वारा इस परियोजना को कार्यान्वित किया जा रहा है।
एनसीसी के पूर्व छात्रों को एनसीसी के साथ फिर से जोड़ने में सक्षम बनाने के लिए एक औपचारिक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री एनसीसी पूर्व छात्र संघ का शुभारंभ करेंगे। यह संघ एनसीसी के उद्देश्यों को आगे बढ़ाएगा और राष्ट्र निर्माण में सहायता करेगा। यह संघ प्रधानमंत्री को एक पूर्व एनसीसी कैडेट के रूप में एसोसिएशन के पहले सदस्य के रूप में नामांकित करेगा।
प्रधानमंत्री एनसीसी की तीनों इकाइयों के लिए सिमुलेशन प्रशिक्षण सुविधाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से एनसीसी कैडेटों के लिए सिमुलेशन प्रशिक्षण के राष्ट्रीय कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। इसमें एनसीसी की सैन्य इकाई के लिए राइफल फायरिंग सिमुलेटर की स्थापना, एयर विंग के लिए माइक्रोलाइट फ्लाइंग सिमुलेटर और नेवल विंग के लिए रोइंग सिमुलेटर शामिल हैं।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय समर स्मारक में संवर्धित वास्तविकता संचालित इलेक्ट्रॉनिक कियोस्क राष्ट्र को समर्पित करेंगे जो आगंतुकों को बटन के साधारण क्लिक के माध्यम से शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करने में सक्षम बनाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 19 नवंबर 2021 को उत्तर प्रदेश के महोबा और झांसी जिलों का दौरा करेंगे
प्रधानमंत्री जल संकट को दूर करने की एक महत्वपूर्ण पहल के तहत अपराह्न लगभग 2:45 बजे महोबा में कई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इन परियोजनाओं से इस क्षेत्र में जल की कमी की समस्या को दूर करने में मदद मिलेगी और किसानों को आवश्यक राहत मिलेगी। इन परियोजनाओं में अर्जुन सहायक परियोजना, रतौली वियर परियोजना, भवानी बांध परियोजना और मझगांव-मिर्च छिड़काव परियोजना शामिल हैं। इन परियोजनाओं की कुल लागत 3250 करोड़ रुपये से भी अधिक है और इनके पूरा हो जाने से महोबा, हमीरपुर, बांदा और ललितपुर जिलों में लगभग 65000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई में मदद मिलेगी, जिससे क्षेत्र के लाखों किसान लाभान्वित होंगे। इन परियोजनाओं से इस क्षेत्र में पीने योग्य पेयजल भी उपलब्ध होगा।
प्रधानमंत्री सायं लगभग 5:15 बजे एक कार्यक्रम में भाग लेंगे, जिस दौरान वह झांसी के गरौठा में 600 मेगावाट के अल्ट्रा मेगा सोलर पावर पार्क की आधारशिला रखेंगे। इसका निर्माण 3000 करोड़ रुपये से भी अधिक की लागत से किया जा रहा है, और यह सस्ती बिजली एवं ग्रिड स्थिरता के रूप में दोहरे लाभ प्रदान करने में मदद करेगा।
प्रधानमंत्री झांसी में ‘अटल एकता पार्क’ का भी उद्घाटन करेंगे। इस पार्क का नाम पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है। यह पार्क 11 करोड़ रुपये से भी अधिक की लागत से बनाया गया है और यह लगभग 40,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इसमें एक पुस्तकालय के साथ-साथ श्री अटल बिहारी वाजपेयी की एक प्रतिमा भी होगी। इस प्रतिमा का निर्माण प्रसिद्ध मूर्तिकार श्री राम सुतार ने किया है, जिनका अहम योगदान ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ में भी रहा है।