चार हजार से अधिक नहीं दे रहे बैंक मैनेजर
ठंड के मौसम में लोग सुबह ही बैंकों की लाईन में लग जाते हैं
अभी भी मेवात के अधिक्तर एटीएम मशीन हैं बंद
यूनुस अलवी
मेवात : नोंद बंदी के 53 दिन बीत जाने के बाद भी लोगों को राहत नहीं मिल रही है। अपनी जरूरत के लिये जरूरी पैसों के लिये लोग सूबेह चार-पांच बजे से ही लोग लाईन में लग जाते हैं लेकिन कई तो कैश खत्म होने कि वजह से वापिस अपने घरों को चले जाते हैं फिर से दूसरे दिन आकर लाईन में लग जाते हैं।
फखरूदीन का कहना है कि उसको बीस जहार रूपये कि सख्त जरूरत है वह पांच दिन से बैंक के चक्कर काट रहा लेकिन जब तक उसका नंबर आता है कैश खत्म हो जाता है। उनका कहना है कि आखिर वे इसकी शिकायत करें तो कहां करे कोई सुनने वाला नहीं हैं। उनका कहना है कि पुन्हाना, पिनगवां और नगीना में एटीएम मशीन काफी समय से बंद पडी है जिसकी वजह से उनकी बैँकों कि लाईनों में लगने कि मजबूरी बनी हुई है।
अमीचंद का कहना है कि उसकी बेटी कि शादी है, वह एक महिने से पैसे निकलवाने के लिये पिनगवां स्थित स्टेट बैंक के चक्कर काट रहा है लेकिन बैंक मैनेजर चार हजार से अधिक पैसे देने को ही राजी नहीं है जबकी उसकी शादी का कार्ड और हल्फनामा आदि जरूरी कागजात दिखा दिये। उनका कहना है कि वह चार हजार में क्या खरीदे अगर ऐसा ही सब चलता रहा तो उसकी बेटी कि शादी होना भी मुस्किल हो जाऐगी।
वहीं गांव तेड निवासी तौफीक का कहना है कि वह सुबेह चार बजे पिनगवां कि स्टेट बैंक शाखा में पैसे लेने के लिये लाईन में लगा था। जब 11 बजे उसका नंबर आया तो मैनेजर ने उसे 12 हजार रूपये देने से साफ मना कर दिया और केवल उसे चार हजार रूपये ही दिये। तौफीक का कहना है कि वह किसान है फिलहाल उसे खाद, डीजल आदि के लिये पैसों के सख्त जरूरत है लेकिन कोई नहीं सुनता। उनका कहना है कि जब उसने मैनेजर से ज्याद कहा तो मैनेजर ने कहा कि उसके पास केवल दो लाख का ही कैश है वह किस-किस को देवे।