इंडियन साइन लैंग्वेज
-गुरूग्राम के श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण केन्द्र द्वारा देश में पहली बार तैयार की गई हैं ऐसी पाठ्यपुस्तकें
-सीएम ने बाल दिवस श्रवण एवं वाणी निशक्तजन बच्चों के साथ मनाया
*गुरुग्राम, 14 नवंबर *। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज बाल दिवस पर गुरूग्राम के श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण केन्द्र द्वारा निशक्तजनों के लिए तैयार की गई 5वीं कक्षा तक की इंडियन साइन लैंग्वेज की पाठ्य पुस्तिकांे का विमोचन किया। ऐसी पाठ्यपुस्तकें देश में पहली बार बनाई गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंडियन साइन लैंग्वेज केवल बधिरों की ही भाषा ना मानंे क्योंकि इसको सीखने की आवश्यकता बधिरों के परिजनों को तो होती ही है , अन्य लोगों को भी इसकी न्यूनतम जानकारी होनी चाहिए। इंडियन साइन लैंग्वेज इंडियन साइन लैंग्वेज इंडियन साइन लैंग्वेज इंडियन साइन लैंग्वेज. इंडियन साइन लैंग्वेज
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज बाल दिवस श्रवण एवं वाणी निशक्तजन बच्चों के साथ मनाया। उन्होंने गुरूग्राम के श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण केन्द्र का दौरा किया और वहां पर चलाई जा रही गतिविधियों को देखा। उन्होंने इस केन्द्र में अर्ली इंटरवेंशन सैंटर , डिजीटल साइन लैब आदि का अवलोकन किया और निशक्तजन कल्याण केन्द्र के बच्चों द्वारा बनाई गई वस्तुओं की प्रदर्शनी को देखा। श्री मनोहर लाल ने कहा कि 6 वर्ष तक की आयु के तथा पहली से पांचवी तक के बधिर बच्चों के लिए जो इस केन्द्र ने पाठ्य पुस्तकंे तैयार की हैं उससे हरियाणा प्रदेश ही नही देश के श्रवण एवं वाणी निशक्तजनों को लाभ होगा।
कार्यक्रम में बताया गया कि देश में ऐसे व्यक्तियों की संख्या लगभग 50 लाख है और हरियाणा में लगभग डेढ़ लाख व्यक्ति हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस कल्याण केन्द्र में साइन लैंग्वेज के साथ साथ डिजीटल साइन लैंग्वेज की लैब बनाई गई हैं जहां पर श्रवण एवं वाणी निशक्तजनों के लिए 600 से ज्यादा वीडियो बनाए गए जिनका प्रयोग कोविड के दौरान हुआ। ये वीडियो देशभर के बधिरों के लिए उपयोगी होंगे।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि इस कल्याण केन्द्र में आकर उन्हें लगा है कि यहां पर बहुत बड़ा चमत्कार हो रहा है। सुनने और बोलने के शारीरिक अभाव वाले बच्चों के लिए साइन लैंग्वेज के द्वारा सामान्य जीवन जीने के लिए भाषा को विकसित करने का अभूतपूर्व कार्य किया जा रहा है। इस केन्द्र में इन बच्चों का जीवन सरल बनाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि इन बच्चों को सामान्य व्यक्तियों की तरह पारंगत करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर आदि की जो भी जरूरत होगी उसमें सरकार पूरा सहयोग करेगी।
उन्होंने ये भी कहा कि गुरूग्राम में कॉरपोरेट जगत की बड़ी कंपनियां संचालित हो रही है। ये कंपनियां भी इन बच्चों के लिए सुविधाएं जुटाने को आगे आ रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शनिवार को ही कॉरपोरेट जगत के प्रतिनिधियों के साथ उनकी बैठक हुई थी जिसमें उन्होंने आह्वान किया था कि सीएसआर की धनराशि को आवश्यकता वाली जगहों पर ही लगाएं । उन्होंने कहा कि संस्थाएं और कंपनियां सामाजिक , आर्थिक तथा शारीरिक तौर पर ऐसे कल्याण केन्द्रों की मदद कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे निशक्तजनों की सहायता करने के लिए हम सभी सामुहिक जिम्मेदारी लेते हुए समावेशी और संवदेनशील बनें।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कल्याण केन्द्र के राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया। इसके अलावा, उन्होंने इस केन्द्र को 350 लैपटॉप देने वाली कॉल्ट कंपनी, अर्ली इंटरवेंशन सैंटर के संचालन में सहयोग देने के लिए 2 डिजीटल स्क्रीन तथा 17 स्टॉफ के सदस्य उपलब्ध करवाने वाली बैचटल कंपनी के प्रतिनिधियों को भी सम्मानित किया। हरियाणा राज्य सड़क विकास निगम (एचएसआरडीसी )ने भी इस केन्द्र को लगभग 48 लाख रूपये के आईटी उपकरण व 140 टैबलेट उपलब्ध करवाए हैं। आयोजको ने मुख्यमंत्री को भी कल्याण केन्द्र के बच्चों द्वारा बनाई गई शॉल व पेंटिंग भेंट की।
इससे पहले प्रदेश की श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण समिति की चेयरपर्सन डा. शरणजीत कौर तथा कल्याण केन्द्र की निदेशक डा. सीमा ने भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य, गुरूग्राम के मंडलायुक्त राजीव रंजन, कमीश्नर डिसेब्लिटी राजकुमार मक्कड़ ,एआईएफडी के महासचिव वी गोपालाकृष्ण, एसएलआरडी के उप निदेशक संजय , उपायुक्त डा. यश गर्ग, पुलिस आयुक्त के के राव, भाजपा जिला अध्यक्ष गार्गी कक्कड़, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति डा. राजबीर , श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू, समाजसेवी शरद गोयल सहित कई गणमान्य व्यक्ति भी थे।