नई दिल्ली : नौसेना कमांडर सम्मेलन 2021 का दूसरा संस्करण 18 से 22 अक्टूबर 2021 तक नई दिल्ली में आयोजित होगा। यह सम्मेलन नौसेना कमांडरों के लिए सैन्य-रणनीतिक स्तर पर महत्वपूर्ण समुद्री मामलों पर चर्चा करने के साथ-साथ वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ बातचीत के लिए एक संस्थागत मंच के रूप में कार्य करता है। इलाके की तेजी से बदलती भू-रणनीतिक स्थिति के कारण इस सम्मेलन का महत्व और महत्व कई गुना बढ़ गया है। यह अत्यधिक महत्व के मुद्दों पर विचार-विमर्श करने, निर्देशित करने, मुद्दे तैयार करने तथा उन पर निर्णय लेने के लिए एक संस्थागत मंच है जो भारतीय नौसेना के भविष्य की नीति को आकार प्रदान करेगा।
सम्मेलन के दौरान, माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों पर नौसेना कमांडरों को संबोधित करेंगे और उनके साथ बातचीत करेंगे।
चर्चा किए जा रहे अनेक मुद्दों के बीच, नौसेना प्रमुख, अन्य नौसेना कमांडरों के साथ पिछले कुछ महीनों में भारतीय नौसेना द्वारा की गई प्रमुख अभियानगत, सामग्री संबंधी, रसद संबंधी, मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण और प्रशासनिक गतिविधियों की समीक्षा करेंगे और भविष्य की महत्वपूर्ण गतिविधियों और पहल के लिए योजनाओं पर विचार-विमर्श करेंगे।
नौसेना ने युद्ध के लिए तैयार, विश्वसनीय और एकजुट होने पर ध्यान केंद्रित किया है और कोविड-19 महामारी के बावजूद, अपने कर्तव्य को दृढ़ता से निष्पादित करना जारी रखा है। भारतीय नौसेना ने भारत के बढ़ते समुद्री हितों के अनुरूप पिछले कुछ वर्षों में अपने अभियानगत कार्यों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है। हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में मिशन आधारित तैनाती पर भारतीय नौसेना के जहाज किसी भी विकासशील स्थिति के लिए त्वरित प्रतिक्रिया के लिए तैयार हैं। एडन की खाड़ी और फारस की खाड़ी में तैनात भारतीय नौसेना के जहाज इन क्षेत्रों से होने वाले व्यापार के लिए सुरक्षा प्रदान करना जारी रखे हुए हैं। 2020-21 में भारतीय नौसेना के जहाजों ने हिन्द महासागर क्षेत्र के तटवर्ती देशों को भोजन और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए और सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के माननीय प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप अनेक कोविड संबंधित आउटरीच मिशन शुरू किए हैं। भारतीय नौसेना मौजूदा कोविड महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई में हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और भारतीय सेना व भारतीय वायु सेना के प्रमुख भी नौसेना कमांडरों के साथ बातचीत करेंगे, जिससे तीनों सेनाओं के परिचालन वातावरण से जुड़े मुद्दों का एकरूपता से समाधान किया जा सके और सेना के तीनों अंगों के बीच तालमेल बढ़ाया जा सके।