-शिकायत की प्रकृति के अनुसार उसे रेड स्टार मार्क करके रखा जाता है गंभीर मामलों की श्रेणी में
चण्डीगढ़, 5 सितंबर : सीएम विंडो के माध्यम से जनमानस की शिकायतों पर तत्परता से सुनवाई व सुगमता से समाधान करने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा आरम्भ की गई सूचना प्रौद्योगिकी यह व्यवस्था लोकप्रिय हो रही है क्योंकि शिकायतों की दो तरफा पड़ताल कर मामले की तह तक जाया जाता है। मुख्यमंत्री ने स्वंय एक शिकायत पर नगर निगम आयुक्त, जींद से स्पष्टीकरण मांगा है और जांच के पुन: आदेश दिए हैं ।
चण्डीगढ़ मुख्यालय पर सीएम विंडो की निगरानी कर रहे मुख्यमंत्री के विशेष कार्यकारी अधिकारी, श्री भूपेश्वर दयाल के अनुसार प्राप्त शिकायतों की समीक्षा विशेष टीम द्वारा की जाती है और शिकायत की प्रकृति के अनुसार इसे रेड स्टार मार्क करके गंभीर मामलों की श्रेणी में रखा जाता है। नगर पालिका सफीदों जींद के इस मामले में सीएम विंडो पर इस जांच की प्रक्रिया में लगे एक विशेष सहायक की भूमिका को भी संदिग्ध पाया गया क्योंकि उसने नगर निगम आयुक्त की जांच के आधार पर अपने स्तर पर ही जांच को फाईल कर दिया था। जब शिकायतकर्ता ने दोबारा शिकायत की तो सीएम विंडो ने तत्काल संज्ञान लेते हुए उस विशेष सहायक को तुरंत प्रभाव से ड्यूटी से कार्यभार मुक्त कर दिया है।
उन्होंने बताया कि 1 फरवरी, 2021 को अपलोड शिकायत नम्बर 009188, जिसमें सफीदों नगरपालिका द्वारा रेलवे रोड पर निर्माणाधीन गहरे नाले में मिट्टी भराई व ठेकेदार द्वारा कम गुणवत्ता वाली आरसीसी निर्माण सामग्री बारे शिकायत की गई। सफीदों के उपमण्डल अधिकारी (नागरिक) द्वारा जांच की गई। शिकायतकर्ता द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी की प्रति सीएम विंडो पर अपलोड की गई थी और जब सीएम विंडो पर कार्यरत अधिकारियों ने जब शिकायत की दो तरफा पड़ताल की तो मामले में कुछ अनियमितताएं पाई गई।
भूपेश्वर दयाल ने बताया कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि नगर निगम कार्यालय द्वारा की गई जांच के दौरान न तो उसे बुलाया और न ही इस जांच में प्रबुद्ध नागरिकों को शामिल किया गया और न किसी के हस्ताक्षर लिए गए जबकि जांच में ऐसे प्रावधान की पालना करनी होती है और जांच केवल खानापूर्ति के लिए की गई है। शिकायतकर्ता की पुन: शिकायत पर संज्ञान लेते हुए सीएम विंडो द्वारा उक्त कार्यवाही की गई है।