नई दिल्ली : केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कस्टम ब्रोकरों और अथॉराइज्ड कैरियर को जारी लाइसेंस/ पंजीकरण के आवधिक नवीनीकरण की आवश्यकता को 23.07.2021 से प्रभावी तौर पर खत्म कर दिया है। इससे व्यापार पर पड़ने वाले अनुपालन बोझ को कम करने में काफी मदद मिलेगी। व्यापारियों को अपने लाइसेंस/ पंजीकरण को नवीनीकृत करने के लिए आवेदन करना पड़ता था और कई दस्तावेज जमा करने पड़ते थे।
कस्टम्स ब्रोकर्स लाइसेंसिंग रेग्यूलेशंस, 2018 और सी कार्गो मेनिफेस्ट एंड ट्रांसशिपमेंट रेग्यूलेशंस, 2018 में किए गए संशोधन का शुद्ध प्रभाव यह है कि मौजूदा लाइसेंस/ पंजीकरण की वैधता आजीवन होगी।
एक अन्य बदलाव यह भी किया गया है कि लाइसेंसधारी/ पंजीकरण धारक यदि अपना लाइसेंस/ पंजीकरण को सौंपना चाहते हैं तो उन्हें स्वेच्छा से सामने आकर लाइसेंस/ पंजीकरण वापस करने की अनुमति दी गई है। इसके अलावा एक वर्ष से अधिक समय से निष्क्रिय रहने वाले लाइसेंस/ पंजीकरण को अमान्य करने का भी प्रावधान किया गया है। इन कदमों से बेईमान व्यक्ति द्वारा निष्क्रिय लाइसेंसों/ पंजीकरणों के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा जो आयात या निर्यात की गलत घोषणा करते हैं अथवा गलत तरीके से निर्यात रिफंड/ प्रोत्साहन प्राप्त करते हैं और पकड़े जाने पर मूल लाइसेंस/ पंजीकरण धारक पर बोझ डालते हैं। साथ ही, यदि निष्क्रियता वास्तविक कारणों तो ऐसे मामलों में असली व्यापार के हितों की रक्षा के लिए सीमा शुल्क आयुक्तों को लाइसेंस/ पंजीकरण को फिर से मान्य करने का अधिकार दिया गया है।
लाइसेंसों/ पंजीकरणों की आजीवन वैधता सुनिश्चित करने से व्यापारियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। इससे उनका अनुपालन बोझ कम होगा और भारत में कारोबारी सुगमता को बढ़ावा मिलेगा। आवधिक नवीनीकरण की आवश्यकता को हटाने से सीमा शुल्क अधिकारियों और व्यापारियों का आमना-सामना भी कम होगा जो सीमा शुल्क विभाग के प्रमुख कार्यक्रम ‘तुरंत कस्टम्स’ के ‘कॉन्टेक्टलेस कस्टम्स’ यानी संपर्क रहित सीमा शुल्क पहल का एक महत्वपूर्ण घटक है।