हरियाणा में विद्यार्थियों की सही जानकारी नहीं देने वाले प्राइवेट स्कूलों के ख़िलाफ़ होगी कार्रवाई

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चंडीगढ़, 5 जुलाई : हरियाणा के स्कूल शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी निजी स्कूलों को अपनी प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) को अपडेट करने के निर्देश दिए हैं ताकि स्कूलों में दाखिल बच्चों की सही जानकारी उपलब्ध हो सके।

शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि राज्य के निजी स्कूलों में गत वर्ष 29 लाख  विद्यार्थी  दाखिल थे, जिसमें से अभी तक 17 लाख ही उनके द्वारा एमआईएस पर अपडेट किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि विभाग का एमआईएस सभी सरकारी और निजी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिये है, जिसके माध्यम से हर बच्चे के दाखिले की गतिविधि का पता चल जाता है क्योंकि इसमें हर विद्यार्थी को यूनिक स्टूडेंट रजिस्ट्रेशन नम्बर (एसआरएन) दिया गया है।

उन्होंने बताया कि निजी स्कूल विद्यार्थियों को पोर्टल पर तीव्र गति से अपडेट नहीं कर रहे हैं जबकि इसका अधिकार स्कूलों के पास ही है और विद्यार्थियों को स्कूल के लॉगिन से ही पोर्टल पर अपडेट किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि 12 लाख विद्यार्थी अभी भी पोर्टल पर हैं लेकिन उन्हें एमआईएस पर अपडेट नहीं किया गया है जबकि निजी स्कूल एक क्लिक से एमआईएस को अपडेट कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि शिक्षा मंत्री श्री कंवरपाल द्वारा निजी स्कूलों को अपनी एमआईएस को तुरंत अपडेट करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि 12 लाख विद्यार्थी अभी एमआईएस पोर्टल पर हैं जिनके ड्राप आउट होने या गायब होने की कोई बात नहीं हैं। तय समय सीमा के बाद भी यदि इन विद्यार्थियों के बारे में शत-प्रतिशत अपडेट नहीं किया जाता है तो स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा इन 12 लाख विद्यार्थियों के बारे कड़ा संज्ञान लिया गया और सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिये गए कि इस संबंध में सभी निजी स्कूलों के साथ चर्चा करें तथा इस नामांकन को एमआईएस पर अपडेट करवाएं। इसके अतिरिक्त, निजी स्कूलों के संघों को भी इस संबंध में अवगत करवाया गया और उन्हें निर्देश दिए गए कि ऐसे सभी स्कूल, जिनकी एमआईएस अपडेट की गति धीमी है, उन्हें एमआईएस को तेजी से अपडेट करने को कहा जाए।

प्रवक्ता ने बताया कि शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में कोविड-19 के दौरान स्कूलों में विद्यार्थियों के ड्राप आउट दर को शून्य करने के उद्देश्य से सबसे पहले दाखिले को बढ़ावा देने के लिये पहली मई,2021 से स्कूलों को अध्यापकों के लिये खोलने का निर्णय लिया गया। इसके उपरांत अभिभावकों को असुविधा न हो इसके लिए बच्चों के ऑनलाइन दाखिले शुरू किये गए और 30 मई को नामांकन का आकलन करने पर पता चला कि अभिभावकों में अभी अपने बच्चों को स्कूल भेजने की अधिक रूचि नहीं है। इसके मद्देनजर शिक्षा मंत्री द्वारा दाखिला तिथि को 30 जून तक बढ़ा दिया गया था।

उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूलों द्वारा कड़ी मेहनत के साथ लगातार किए गए प्रयासों के फलस्वरूप 23.60 लाख विद्यार्थियों का दाखिला किया गया और इस प्रकार पिछले वर्ष दाखिल बच्चों की तुलना में 1.60 लाख अधिक बच्चों का दाखिला किया गया। उन्होंने बताया कि सरकार का प्रयास है कि हर बच्चा स्कूल में जाये और उसका एमआईएस अपडेट हो।

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