नोंट बंदी देश का सबसे बडा घोटाला साबित होगा: आफताब

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नोंट बंदी देश का सबसे बडा घोटाला साबित होगा: आफताब 2दो दिन पूर्व हुई युवक की मौत का मामला गरमाया 

पूर्व मंत्री आफताब ने की पांच लाख रूपये मुआबजा देने की मांग 

यूनुस अलवी

पुन्हाना :  इलाज के लिये पैसे न जुटाने कि वजह से दो दिन पहले पुन्हाना कस्बे के वार्ड नंबर दस में 26 वर्षिय युवक की हुई मौत से पीडित परिवार को ढांडस बंधाने के लिये रविवार को कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री आफताब अहमद उनके घर पहुंचे। इस मौके पर पूर्व मंत्री ने केंद्र और राज्य सरकार कि जमकर खिंचाई ही नहीं कि बल्कि पीडित परिवार का एक मात्र सहारा छिन जाने पर पांच लाख रूपये कि आथर््िाक सहायता देने कि सरकार से मांग की। वहीं आफताब अहमद ने इलाज में कोताई बरतने, ऐंबूलैंस मुहईया ने कराने और बिना पैसे जमा कराये ऑक्सीजन का सिलैंडर ने देने के आरी डाक्टर और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। अहमद ने भरोसा दिया कि पीडित परिवार कि उनकी पार्टी कि ओर से पूरी मदद कि जाऐगी। वहीं उन्होने नोबंदी को देश का सबसे बडा घोटाला करार दिया।

 

 मृतक परिवार को सांत्वना देने पहुंचे पूर्व परिवहन मंत्री आफताब अहमद ने कहा कि अब तक देश में 150 से अधिक मौतें नोटबंदी के कारण हो चुकी है। जिनमें पुन्हाना के सागर खान कि मौत भी जुड गई है तो पैसे के अभाव में अपना इलाज ने कराने की वजह से र्स्ग सिधार गया। नोंट बंदी के कारण उनका रोजगार छिन गया था। उन्होने कहा कि आज देश में भाजपा नेताओं के पास करोडों रूपये बरामद हो रहे हैं और गरीब आदमी अपने इलाज के लिये भी बैंकों से पैसे नहीं निकाल पा रहे हैं। आज भाजपा कि सरकार ने गरीब, किसान और मजदूर को एक हाशिये पर लाकर खडा कर दिया है। आम लोगों को बैंकों से दो-दो हजार रूपये भी नहीं मिल रहे हैं जबकी भाजपा के मंत्री, विधायक और नेताओं के पास करोडों की नई और पुराने नोट बरामद हो रहे हैं।नोंट बंदी देश का सबसे बडा घोटाला साबित होगा: आफताब 3

 

    गौरतलब है कि कस्बा पुन्हाना के वार्ड दस में सागर खान नाम के युवक की इलाज के लिए पर्याप्त नकदी नहीं होने सेे बृहस्पतिवार को मौत हो गई। सरकारी अस्पताल के डाक्टरों ने मृत्क को न हो सरकारी एैंबूलैंस दी और दिल्ली रेफर करते वक्त ऑक्सीजन गैस सिलेंडर के दो हजार रूपये जमा कराने के बाद ही दिल्ली रेफर किया। मृतक के घर में क्रियाक्रम के लिए भी नकदी नहीं मिली, तो वार्ड के लोगों ने आपस में रुपये इक्कठा कर शव को दफनाया। परिवार का आखरी सहारा था वह भी अब नहीं रहा है। मृतक अपने पीछे 2 साल का एक लडका, मां, बीवी और 14 साल कि बहन का छोड कर चला गया, जो परिवार के एक मात्र सहारा था।

 

इस मौके पर पूर्व मंत्री के साथ हाजी सुभान खां, ऐजाज खान, मकसूद शिकरावा, 

आठ बेटे पैदा होने के बाद भी अकेली है जैतूनी

70 वर्षीय जैतूनी के दस बच्चे हुऐ जिनमें आठ लडके और दो लडकियां। आठ में से पांच लडको कि मौत एक से पांच साल के बीच हो गई थी बाकी दो लडकों कि तीन साल के भींतर हो गई और आखरी सहारा भी उसका उठ गया। जबकि पति की कई वर्षों पहले ही मौत हो चुकी है। आठ बेटा पैदा करने के बाद भी जैतूनी बेसहारा हो गई है। घर में खाने कमाने का अब कोई सहारा नहीं बचा है।

न मकान न जमीन फिर भी बीपीएल में नाम नहीं

नट समाज से ताल्लुक रखने वाली जैतूनी के पास अपनी कोई न जमीन है और न ही मकान जिसकी वजह से वह परिवार के साथ किराये पर रहती है। घर में खाने का दाने-दाने को मोहताज जैतूनी का राशन कार्ड गरीबी रेखा से ऊपकर का बना हुआ है जिससे उसको सरकार कि कोई सुविधा नहीं मिलती है।

पार्षद ने दिये 11 हजार

वार्ड नंबर दस के पार्षद सतपाल ने पीडित परिवार कि सहायता के लिये 11 हजार रूपये की राशी देकर सहायता कि है। वहीं पार्षद ने भरोसा दिया कि आगे भी वह इस परिवार कि सहायता करता रहेगा।

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