टूंडलाका की इस जमीन पर सीआरपीएफ कैंप बनाना प्रस्तावित है
यूनुस अलवी
मेवात : रविवार को उपमंडल के गांव टूंडलाका में सीआरपीएफ कैंप के लिए अधिकृत की गईं जमीन को प्रशासन ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में कब्जाधारियों से मुक्त कराया। कार्यवाही के दौरान कब्जाधारियो की ओर से किसी भी प्रकार का कोई विरोध देखने को नही मिला बल्कि लोगों ने प्रशासन का पूरा सहयोग करते हुऐ अपने कब्जे को खुद हटाया। घरों से सामान निकाल लेने के बाद प्रसाशन ने जेसीबी मशीन से मकानों को गिरा दिया। कार्यवाही के लिए पुन्हाना के नायब तहसीलदार संतलाल तंवर को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया। जबकी किसी अनहोनी से निपटने के लिए पुन्हाना के एसडीएम और डीएसपी कि अगुवाई में सैकडों पुलिस के जवान, रेपिड ऐक्शन फोर्स और महिला पुलिस मौजूद थी। कहीं लोगों का विरोध न करना पडे इसके लिये मेवात के सभी 6 पुलिस थानों के अलावा पलवल व फरीदाबाद से पुलिस के सैकडों जवान बुलाये गये थे। तीन एंबुलैंस व फायरबिग्रेड की गाडी भी कार्यवाही के अंत तक मौके पर मौजूद रही तथा आठ जेसीबी मशीनों की मदद से कुछ ही देर में पंचायती जमीन पर बने मकानों को ढहा दिया गया।
गौरतलब है की पुन्हाना उपमंडल के टुंडलाका गांव स्थित पंचायत कि 686 कनाल 17 मरला जमीन को सीआरपीएफ कैंप के लिए अधिकृत किया गया था। पंचायत जमीन पर गांव के ही कुछ गरीब तबके के लोगों ने वर्षो से कुछ पर कब्जा किया हुआ था और कुछ पर गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के सरकार द्वारा मकान बनाये हुऐ थे। पंचायत की इस जमीन पर तकरीबन पचास परिवार अपने परिवार के साथ रहे रहे है। इनमें से अधिक्तर तो वो लोग है जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे है।
अतिक्रमण हटाने के दौरान लोगों का विरोध तो नहीं देखने को मिला बल्कि लोगों ने इस जमीन से हटाए जा रहे परिवारों को रहने के लिए जमीन की मांग जरूर ही। पंचायत की इस जमीन पर रह रहे लोगो ने पत्रकारों को बताया की उन्हें इस कार्यवाही के बारे में कोई सूचना नहीं दी गई। केवल एक दिन पहले ही उन्हें नोटिस उनके घरों पर चश्पा किये गये थे। लोगो ने बताया की एक दिन पहले नोटिस आने के बाद ही वो अपने सामान को दूसरी जगह लेकर जा रहे है। बडी उम्मीद और मेहनत से बनाये गये लोगों के जब मकान तोडे जा रहे थे तो कई बुजुर्ग महिला और लोगों की आंखों से आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे थे। इनमें बहुत से ऐसे परिवार है जिनके पास गांव में रहने तक के लिये जमीन नहीं हैं। जो मजबूरबंध पंचायत कि जमीन में रह रहे थे।
पुन्हाना के एसडीएम अनीश यादव ने बताया कि टूंडलाका गांव कि करीब 100 एकड जमीन में सीआरपीएफ कैंप बनाने को सरकार ने मंजूरी दे रखी है। लोगों ने कब्जा ने हटाने के लिये डीसी और कमिश्रर की अदालत में कैस दायर किया लेकिन दोनो अदालतों ने कब्जाधारियों को बेदखल कर दिया है। उपमंडल अधिकारी अनीश यादव ने बताया की जिन लोगों के पास रहने के लिये जगह नहंी है, जब तक उनके रहने का इंतजाम नही हो जाता तब तब उन्हें गांव के स्कूल में रहनेे के इजाजत दी जाऐगी।
ड्युटी मजिस्ट्रेट संतलाल तंवर ने बताया की अतिक्रमण हटाने के बारे में उन्हे पहले सूचित कर दिया था। वो स्वयं 9 दिसम्बर को गांव में आकर लोगों से इस जमीन से कब्जा हटाने की सूचना दे चुके है। इसके अलावा गांव में जगह-जगह दिवारों भी नोटिस चश्पा कर दिये गये थे। कार्यवाही से पहले इस जमीन पर कब्जा किए लोगो की ओर से उनके वकील ने प्रशासन का पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया साथ ही प्रशासन से उनके रहने के लिए जमीन उपलब्ध कराने की मांग भी की। कब्जाधारियों के ने कहा की सर्दी का मौसम है, उनके ज्यादा परिवार बीपीएल से सम्बंधित है। सर्दी के इस मौसम में उनको काफी परेशानी हो सकती है।
इस मौके पर पुन्हाना के डीएसपी सुभाष वशिष्ठ, पुन्हाना थाना प्रभारी रामकिशन बागडी, चौकी इंचार्ज समुशदीन, इंदाना चौकी प्रभारी भरतसिंह, खंड एंव पंचायत विकास अधिकारी, इकबाल गिरदावर , इब्राहिम गिरदावर सहित काफी संख्या में पुलिस कर्मचारी व अधिकारी मौजूद रहे।