गुरुग्राम में कोविड प्रबंधन को लेकर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ने की अधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक

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राव बोले, निजी अस्पतालों की भी जिम्मेदारी तय हो

अगले 2 से 3 महीने में गुरुग्राम में बन जाएंगे 11 ऑक्सीजन प्लांट- डीसी

मारुति के सहयोग से लग रहे हैं 5 प्लांट, इनमें से तीन होंगे जल्द चालू

नूह & रेवाड़ी जिलों को भी ऑक्सीजन प्लांट लगाने में दिया जा रहा है सहयोग

गुरुग्राम, 22 मई। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की अध्यक्षता में आज गुरुग्राम में कोविड-19 प्रबंधन समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक ऑनलाइन माध्यम से आयोजित की गई थी। बैठक में ब्लैक फंगस, कोविड-19 प्रबंधन के लिए की गई व्यवस्थाओं, ऑक्सीजन आपूर्ति, ऑक्सीजन प्लांट लगाने, वैक्सीनेशन, पुराने नागरिक अस्पताल के स्थान पर नया अस्पताल भवन बनाने, गुरुग्राम में मेडिकल कॉलेज का निर्माण, निजी अस्पतालों की भूमिका आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई।


केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि गुरुग्राम जिला में कोविड-19 संक्रमण कम हुआ है, लगातार दूसरे दिन जिला में 1000 से कम पॉजिटिव केस आए हैं परंतु अभी मृत्यु के मामले कम नहीं हुए हैं, इसलिए बेशक से संक्रमण में कुछ राहत हो लेकिन अभी सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने उन परिवारों के प्रति भी अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की जिनके सदस्य इस महामारी की वजह से अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए हैं। साथ ही केंद्रीय मंत्री ने इन कठिन परिस्थितियों में कॉविड के खिलाफ लड़ाई में जोर शोर से लगे रहने और पूरे उत्साह से स्थिति को संभालने के लिए जिला प्रशासन की टीम, सिविल सोसाइटी और चुने हुए जन प्रतिनिधियों के प्रयासों की सराहना भी की है।


राव ने कहा कि निजी अस्पतालों को लेकर काफी शिकायतें मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि इन निजी अस्पतालों की भी जिम्मेदारी तय करने के लिए सरकार से विचार विमर्श किया जाएगा।


बैठक में गुरुग्राम के उपायुक्त डॉ यश गर्ग ने बताया कि अब हमारे पास ऑक्सीजन सरप्लस है। वर्तमान में गुरुग्राम में लगभग 85 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का बफर स्टॉक उपलब्ध है और एक टैंकर हमेशा भर कर रखा जाता है जिसे किसी भी आपात स्थिति में उस अस्पताल को भेजा जाता है जहां जरूरत होती है। डॉ गर्ग ने बताया कि मारुति के सहयोग से गुरुग्राम जिला में 5 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। नागरिक अस्पताल में एक प्लांट लग चुका है और दूसरा भी जल्द आ रहा है, ईएसआई गुरुग्राम तथा मानेसर में और सोहना व पटौदी के उपमंडल स्तरीय अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से तीन प्लांट अगले चार-पांच दिन में चालू हो जाएंगे और बाकी प्लांट 2 से 3 सप्ताह में चालू होंगे।


उपायुक्त ने बताया कि सीएसआर के तहत भी ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए विभिन्न कंपनियों से संपर्क किया गया है। ताऊ देवीलाल स्टेडियम में बनाए गए कोविड केयर सेंटर में भी 1000 लीटर प्रति मिनट क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया है। गांव शिकोहपुर में होंडा के सहयोग से बनाए गए कोविड केयर सेंटर में भी एक प्लांट लगाया जा रहा है। यही नहीं, गुरुग्राम जिला प्रशासन चार ऐसे ऑक्सीजन प्लांट लगवा रहा है जहां पर प्रतिदिन लगभग 1200 सिलेंडर भरे जाएंगे। इनसे गुरुग्राम में छोटे अस्पतालों की ऑक्सीजन की लगभग 60 से 70% जरूरत पूरी हो जाएगी। उन्होंने बताया कि अगले 2 से 3 महीने में गुरुग्राम जिला में 11 ऑक्सीजन प्लांट बनकर तैयार हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि आईनॉक्स भिवाड़ी से मिलने वाली 20 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मुख्यतः 6 बड़े अस्पतालों को दी जा रही है जिनमें आर्टेमिस, फोर्टिस, मैक्स, मेदांता, मेट्रो अस्पताल तथा पार्क अस्पताल शामिल हैं।


उपायुक्त डॉ गर्ग ने बताया कि गुरुग्राम की कंपनियों से सीएसआर के तहत नूह और रेवाड़ी जिलों में भी ऑक्सीजन बनाने के प्लांट लगवाए जा रहे हैं। नूह जिला में 3 प्लांट लगाए जा रहे हैं, जिनमें से एक तावडू में तथा दो प्लांट नलहड़ मेडिकल कॉलेज में लग रहे हैं। इसके अलावा, सीएसआर के तहत एक प्लांट रेवाड़ी जिला में लगाने के लिए कार्यवाही की जा रही है।


ताऊ देवी लाल स्टेडियम में बनाए गए कोविड केयर सेंटर के बारे में उपायुक्त डॉक्टर गर्ग ने अवगत करवाया कि इस सेंटर में ऑक्सीजन बेड उसी दिन तैयार थे जिस दिन इसका शुभारंभ हुआ था, लेकिन इस बीच 600-700 ऑक्सीजन बेड की सुविधा अन्यत्र उपलब्ध होने की वजह से इस सेंटर में आईसीयू और वेंटिलेटर वाले बेड बढ़ाने का विचार हुआ। इसके लिए ऑक्सीजन पाइप लाइन बिछाई गई हैं और एसी में हेपा फिल्टर लगाए गए हैं। पिछले 3 दिन से भरी बारिश होने की वजह से इस कार्य में व्यवधान उत्पन्न हुआ है। उपायुक्त ने उम्मीद जताई कि आज यह सेंटर पूर्ण रूप से तैयार करके जिला प्रशासन को सौंप दिया जाएगा।
इस ऑनलाइन समीक्षा बैठक में सोहना के विधायक संजय सिंह, पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता, मेयर मधु आजाद, नगर निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह, अतिरिक्त निगमायुक्त सुरेंद्र सिंह, सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र यादव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव लीला पटवर्धन, एसीपी मुख्यालय ऊषा, नगराधीश सिद्धार्थ दहिया भी जुड़े थे।

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