मेडिकल टेक्सटाइल और सुरक्षात्मक परिधान में प्रशिक्षण देगी एएमएच एसएससी

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-देश को पीपीई और मास्क बनाने में किया जाएगा आत्मनिर्भर
 

गुरुग्राम। अपैरल मेड अप एंड होम फर्निशिंग सेक्टर स्किल काउंसिल (एएमएच एसएससी) द्वारा इंडस्‍ट्री की जरूरत को देखते हुए विशेष तौर पर मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम (एमडीपी) तैयार किया गया है। शुक्रवार को ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म जूम के जरिये औपचारिक तौर पर इसकी शुरुआत की गई। एएमएच एसएससी के सेंटर ऑफ एक्‍सीलेंस, टेक्सटाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की दिल्‍ली यूनिट और इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर (दिल्‍ली सेंटर) मिलकर युवाओं को मेडिकल टेक्सटाइल और सुरक्षात्मक परिधान (मेडिकल) तकनीक और कार्यान्वयन पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद उन्‍हें सर्टिफिकेट कोर्स भी दिया जाएगा।

बतौर मुख्‍य अतिथि एएमएच एसएससी के सीईओ व महानिदेशक डॉ. रूपक वशिष्ठ, टेक्सटाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया से रितेश, इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग के चेयरमैन दिनेश कुमार, वन नॉर्थ कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्‍टर शैलेश कौशिक मौजूद रहे।
इस मौके पर डॉ. रूपक वशिष्ठ ने बताया कि इस समय देश-दुनिया कोरोना वायरस के संक्रमण से गुजर रही है। वैसे में इस वायरस से लड़ने के लिए मास्‍क और पीपीई किट की जरूरत है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा परिधान उत्पादक देश है। अपैरल क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियां अपने मौजूदा संसाधनों में थोड़ा सा बदलाव और प्रशिक्षण लेकर मेडिकल टेक्सटाइल और सुरक्षात्मक परिधान का उत्‍पादन कर सकती है और देश को इस क्षेत्र आत्मनिर्भर बनाने के साथ दूसरे देशों में आपूर्ति कर वहां के लोगों के जीवन बचाने में अपना योगदान दे सकती है।


उन्होंने बताया कि भारतीय परिधान निर्यात उद्योग व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट के उत्पादन को बढ़ाने और वैश्विक बाजारों में सबसे बड़ी हिस्सेदारी रखने की योजना पर काम कर रहा है। इससे इस क्षेत्र में प्रशिक्षित लोगों की जरूरत होगी। एएमएच एसएससी अपने दो सेंटर ऑफ एक्‍सीलेंस के जरिये इस क्षेत्र में कुशल लोगों को तैयार करने की पहल की है। इस कार्यक्रम के मौके पर अपैरल जगत के कई गणमान्य लोग मौजूद है। इस मौके पर कई सवालों के जवाब भी एएमएचएसएससी के पदाधिकारियों ने दिए। 

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