नई दिल्ली : सुशील चन्द्रा ने आज भारत के 24वें नए मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में अपना कार्यभार संभाल लिया है। उन्होंने सुनील अरोड़ा का स्थान लिया है। श्री अरोड़ा कल 12 अप्रैल 2021 को अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद पदमुक्त हुए थे।
श्री चन्द्रा 15 फरवरी 2019 से निर्वाचन आयोग में निर्वाचन आयुक्त के रूप में कार्यरत हैं। वे 18 फरवरी 2018 से परिसीमन आयोग के भी सदस्य हैं और जम्मू-कश्मीर के परिसीमन का काम देख रहे हैं। आयकर विभाग में लगभग 39 वर्ष तक विभिन्न पदों पर काम करने के बाद श्री चंद्रा 01 नवम्बर 2016 से 14 फरवरी 2019 तक केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष भी रहे हैं।
सीबीडीटी में अध्यक्ष रहने के दौरान श्री चन्द्रा ने विधानसभा चुनावों के समय अवैध धन का पता लगाने में सक्रिय भूमिका निभाई है। उनकी लगातार निगरानी के चलते ही हाल के विधानसभा चुनावों के दौरान नकदी, शराब, मतदाताओं को लुभाने के लिए दिए जाने वाले सामान, और नशीली दवाओं को भारी मात्रा में जब्त किया गया था।
उन्होंने लगातार “प्रलोभन-मुक्त” चुनावों की अवधारणा पर बल दिया है जो इस समय हो रहे एवं आगामी चुनावों की प्रक्रिया की निगरानी का महत्वपूर्ण अंग बन चुकी है। विशेष व्यय पर्यवेक्षकों की तैनाती के माध्यम से निगरानी की केन्द्रित एवं व्यापक प्रक्रिया, चुनावी खर्च निगरानी की प्रक्रिया में विभिन्न प्रत्यावर्तन एजेंसियों की भूमिका बढ़ाने, पर्यवेक्षकों एवं अन्य एजेंसियों द्वारा व्यापक एवं नियमित अन्तराल से की गई समीक्षाएं ऐसे ही कुछ चुनाव प्रबन्धन के तरीके हैं जिनको इन्होंने आगे बढ़ाया है। व्यवस्था में परिवर्तन के लिए फॉर्म 26 का चलन शुरू करना भी उनकी इस कवायद में योगदान का परिचायक है जो अब चुनाव में कागजी कार्यवाही का अभिन्न अंग बन गया है। सीबीडीटी के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने चुनावों से पहले उम्मीदवारों द्वारा दिए गए शपथपत्रों (हलफनामों) के सत्यापन के लिए विशेष प्रयास किए थे। वर्ष 2018 में सीबीडीटी अध्यक्ष रहते हुए श्री चंद्रा ने उम्मीदवारों की उन सभी परिसंपत्तियों और देनदारियों की जानकारी देने के लिए एक समान प्रारूप तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिनका विवरण उम्मीदवारों के हलफनामे में नहीं दिया जाता। 2019 में सत्रहवीं लोकसभा के चुनावों की और आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम, हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली विधानसभा निर्वाचन प्रक्रिया में आईटी एप्लिकेशन्स का प्रयोग श्री चंद्रा के कुछ अनूठे योगदान रहे हैं I
कोविड चुनौतियों के बीच बिहार, असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल विधानसभा के चुनावों को करवाना और नामांकन प्रक्रिया में ऑनलाइन प्रपत्रों का जमा किया जाना, वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों, आवश्यक सेवाओं के कर्मियों और कोविड संक्रामित/संदिग्ध रोगियों की कुछ विशिष्ट श्रेणियों के लिए डाक मतपत्रों का विकल्प दिया जाना कुछ ऐसे उदाहरण है जहां श्री चंद्रा ने चुनौतियों के बावजूद दृढ़ निश्चय के साथ आगे बढ़-चढ़ कर काम किया है।
निर्वाचन आयोग परिवार ने 12 अप्रैल, 2021 को सेवानिवृत्त हो रहे मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा को भाव भीनी विदाई दी I सितम्बर 2017 में निर्वाचन आयोग में आने के बाद श्री अरोड़ा ने अपने 43 माह और सीईसी के रूप में लगभग 29 माह के कार्यकाल में 2019 में 17वीं लोकसभा और 25 विधानसभाओं के चुनावों को सफलतापूर्वक सम्पन्न करवाया।
श्री अरोड़ा को भावभीनी विदाई देते हुए निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार ने आयोग में श्री अरोड़ा के कार्यकाल में उठाए गए विभिन्न कदमों का उल्लेख किया। इनमें वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग मतदाताओं को डाक मतपत्रों का विकल्प देना, भारत ए- वेब केंद्र की स्थापना और आचरण की स्वैछिक नियमावली शामिल है। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल में श्री अरोड़ा ने समेकित एवं सुलभ चुनावों को सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि श्री अरोड़ा समस्त निर्वाचन आयोग परिवार के लिए सम्बल का स्रोत बने रहेंगे।
श्री अरोड़ा ने अपने सम्बोधन में आयोग के सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया और भविष्य में होने वाले सभी चुनावों के सफल संचालन के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि हर चुनाव अपने आप में एक अलग ही तरह की चुनौती होता है लेकिन 17वीं लोकसभा के चुनाव करवाना और कोविड महामारी के दौरान बिहार विधानसभा के चुनाव करवाना सबसे कठिन था। उन्होंने इन चुनावों के सफल आयोजन में जुटे आयोग के सभी अधिकारियों/कर्मियों को उनके कठोर परिश्रम और उत्कृष्ट योजना बनाने के लिए बधाई भी दीI