10 हजार की रिश्वत लेने का जेल वार्डन दोषी करार, सजा पर फैसला अदालत ने रखा सुरक्षित

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गुडग़ांव, 19 जनवरी : जिला जेल के वार्डन द्वारा रिश्वत लेने के मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्विनी
कुमार की अदालत ने पुख्ता सबूतों व गवाहों के आधार पर आरोपी को दोषी करार देते हुए उसकी सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार गुडग़ांव जिले के पटौदी क्षेत्र के जाटौली निवासी गौरव ने वर्ष 2018 की 9 अक्टूबर को गुडग़ांव राज्य चौकसी ब्यूरो को शिकायत दी थी कि उसका बहनोई कृष्ण हत्या के एक मामले में जिला कारागार भौंडसी में बंद है। जिला जेल में तैनात सिपाही राजेश कुमार धमकी देता है कि उसके बहनोई को इस जेल से हिसार जेल ट्रांसफर करा देगा। इसकी एवज में उसने 10 हजार रुपए की मांग की है। वह रिश्वत नहीं देना चाहता, इसलिए वह शिकायत दे रहा है।


राजेश के साथ उसकी कोई व्यक्तिगत रंजिस भी नहीं है और न ही कोई लेना-देना है। राज्य चौकसी ब्यूरो ने कार्यवाही करते हुए उपायुक्त के आदेश पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में छापामार कार्यवाही की। जिला जेल भौंडसी के नजदीक छापामार टीम पहुंची और जेल के कर्मचारियों के लिए बनी बैरक के सामने से राजेश को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों काबू कर लिया गया था। राज्य चौकसी ब्यूरो ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज कर चालान अदालत में पेश कर दिया था। अदालत में मामले पर सुनवाई हुई। राज्य चौकसी ब्यूरो ने अदालत मे ंपुख्ता सबूत गवाह पेश किए, जिनसे आरोपी लगे आरोप सिद्ध होना पाते हुए अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उसकी सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।

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