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- अभी तक गरुग्राम जिला में बर्डफ्लू की पुष्टि नहीं
- जिला में पशुपालन विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग ने गठित की रेपिड रिस्पोंस टीमें
गुरुग्राम, 13 जनवरी। उपायुक्त डा. यश गर्ग ने आज कहा कि गुरूग्राम जिला प्रशासन की बर्ड फ्लू से निपटने के लिए तैयारी पूरी है, हालांकि अभी तक जिला में कहीं भी बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है।
डा. गर्ग आज गुरूग्राम के लघु सचिवालय के मीटिंग हाॅल में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन में पशु पालन विभाग की उपनिदेशक डा. पुनिता, सिविल सर्जन डा. विरेंद्र यादव तथा उप सिविल सर्जन डा. अनुज गर्ग भी उपस्थित थे।
बर्ड फ्लू को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उपायुक्त डा. गर्ग ने बताया कि ऐहतियात के तौर पर जिला प्रशासन ने पशुपालन विभाग की 22 रैपिड रिस्पोंस टीमों का गठन किया है, जो अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में नजर रखेंगी और कहीं भी पक्षियों की अकारण मृत्यु का पता लगने पर अपने जिला कार्यालय तथा उपायुक्त कार्यालय को सूचित करेंगी ताकि उसी अनुसार कार्यवाही की जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि बर्ड फ्लू की रोकथाम से जुड़े विभागों के अधिकारियों को सचेत करने के लिए उनकी एक कार्यशाला वीरवार 14 जनवरी को प्रातः 11 बजे लघु सचिवालय के सभागार में रखी गई है। इस कार्यशाला में हर विभाग को बताया जाएगा कि बर्ड फ्लू को लेकर उनकी क्या जिम्मेदारियां हैं।
एक सवाल के जवाब में पशुपालन विभाग की उपनिदेशक डा. पुनिता ने बताया कि वीरवार को आयोजित होने वाली कार्यशाला में सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ संशोधित एक्शन प्लान सांझा की जाएगी और उन्हें बताया जाएगा कि बीमारी की रोकथाम के लिए उन्हें क्या-क्या कदम उठाने हैं। इसमें बीमारी से पहले की स्थिति, बर्ड फ्लू के मामले आने पर क्या करना है, उसके बारे में जागरूकता, पार्कों, पोल्ट्री फार्म संचालकों आदि के क्या दायित्व होंगे और उन्हें किन-किन सावधानियों का ध्यान रखना है, आदि के बारे में विस्तार से बताया जाएगा।
एक अन्य सवाल के जवाब में डा. पुनिता ने बताया कि बायोडायवर्सिटी पार्क में पाए गए दो मृत पक्षियों-एक कौआ और एक बबुला के कराकास रीजनल डिसीज डायग्नोस्टिक लैब जालंधर विशेष मैसेजर्स के हाथ भेजे गए हैं। इनकी रिपोर्ट अगले 2-3 दिन में मिलने की उम्मीद है। उसके बाद ही उन पक्षियों के मरने के कारणों का पता चल पाएगा।- उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि पशुपालन विभाग की टीम प्रतिदिन सुल्तानपुर झील का दौरा कर रही है। वण्य प्राणी विभाग के साथ तालमेल करके वह टीम काम कर रही है और नजर रख रही है कि सुल्तानपुर झील में पक्षियों में तो बर्डफ्लू का प्रकोप हुआ है अथवा नहीं। अभी तक वहां पर कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। डा. पुनिता ने बताया कि फिर भी ऐहतियात के तौर पर पशुपालन विभाग हर परिस्थिति को लेकर चल रहा है।
नाॅनवेज खाने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में डा. पुनिता ने कहा कि अच्छी तरह पकाकर चिकन या अण्डा खाने में कोई दिक्कत नही है। उन्होंने बताया कि बर्ड फ्लू का वायरस ऐवियन एनफलुएंजा 70 डिग्री तापमान पर मर जाता है और हमारे यहां खाना पकाने की विधि में तापमान इससे ज्यादा ही रहता है।
बर्डफ्लू के बारे में सिविल सर्जन डा. विरेंद्र यादव ने भी अपने विचार रखते हुए बताया कि हालांकि अभी गुरूग्राम जिला में बर्डफ्लू की दस्तक नहीं हुई है परंतु फिर भी ऐहतियात के तौर पर स्वास्थ्य विभाग ने भी रैपिड रिस्पोंस टीमों का गठन कर लिया है। जिला स्तर के अलावा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को इस बारे में सतर्क कर दिया गया है और मल्टी पर्पज हैल्थ वर्करों को प्रशिक्षण देकर तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि बर्ड फ्लू के उपचार के लिए आवश्यक टेमी फ्लू गोली जिला में उपलब्ध है। बर्ड फ्लू के लिए एएच 5 आरटीपीसीआर टेस्ट किया जाता है, जिसकी सुविधा भी यहां पर है। डा. यादव ने कहा कि बर्ड फलू की पुष्टि किसी व्यक्ति में होने पर उसे आइसोलेशन में रखना जरूरी है। वैसे अभी तक उपलब्ध डाटा तथा जानकारी के अनुसार बर्ड फलू के मानव से मानव में ट्रांसमिशन नहीं मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि पोल्ट्री फार्म मालिको को भी घबराने की जरूरत नहीं है। पोल्ट्री फार्म पर काम करने वाले किसी कर्मी को यदि इस बीमारी का एक्सपोजर हो भी जाता है तो यहां ईलाज उपलब्ध है। पोल्ट्री फार्म कर्मियों को चाहिए कि वे दस्ताने आदि पहनकर सावधानी से काम करें।