नई दिल्ली। बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय सागरमाला कार्यक्रम के अंतर्गत तटीय जहाजरानी को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। सागरमाला कार्यक्रम मंत्रालय का अग्रणी कार्यक्रम है और इसका उद्देश्य भारत के 7,500 किलोमीटर लंबे तटों और जहाज संचालन योग्य जलमार्गों का दोहन कर बंदरगाह से जुड़े विकास को प्रोत्साहित करना है।
बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय ने हजीरा, ओखा, सोमनाथ मंदिर,दीव,पीपावाव, दाहेज, मुंबई/जेएनपीटी, जामनगर, कोच्चि, घोघा, गोवा, मुंदरातथा मांडवी की पहचान घरेलू स्थानों के रूप में की है, जबकि छातोग्राम (बांग्लादेश), सेशेल्स (पूर्व अफ्रीका) मेडागास्कर (पूर्व अफ्रीका) और जाफना (श्रीलंका) को जोड़ने वाले चार अंतर्राष्ट्रीय स्थानों की पहचान की हैं, ताकि अंतर्देशीय जलमार्गों के जरिए नौका सेवाओं की शुरुआत की जा सके।
मंत्रालय सागरमाला डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (एसडीसीएल) के माध्यम से देश में विभिन्न मार्गों पर आरओ-आरओ, आरओ-पीएएक्स तथा नौका सेवाओं के संचालन में कंपनियों को सहायता देने और परियोजना को संचालन योग्य बनाने में आवश्यक समर्थन देने की इच्छुक है।
मंत्रालय ने हजीरा और घोघा के बीच आरओपीएएक्स जहाज नौका सेवा प्रारंभ की है। इस सेवा से घोघा और हजीरा के बीच दूरी 370 किलोमीटर से घटकर 90 किलोमीटर हो गई है और यात्रा में 10 से 12 घंटे के स्थान पर लगभग 5 घंटे लग रहे है। इससे ईंधन की भारी बचत (लगभग 9000 लीटर प्रतिदिन) होगी।
इस बिजनेस मॉडल की सफलता को दोहराने के लिए बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय ने निजी ऑपरेटरों को ऐसे मार्गों को चिन्ह्ति करने में प्रोत्साहन दे रहा है, जो स्थानीय मांग के आधार पर आरओ-आरओ, आरओ-पीएएक्स की क्षमता रखते है, ताकि तटीय/अंतर्देशीय जल के माध्यम से परिवहन की स्थायी प्रणाली को बढ़ावा दिया जा सके। इसका उद्देश्य :-
- पूरक परिवहन प्रणाली बनाना, जो न केवल दैनिक यात्रियों, पर्यटकों की आवाजाही और कार्गो परिवहन में लाभकारी होगी, बल्कि कार्बन को कम करने में भी मददगार होगी।
- पर्यटन उद्योग को गति प्रदान करना
- तटीय क्षेत्रों में रोजगार अवसरों का सृजन करना
- लागत और समय में बचत
- सड़क और रेल नेटवर्क की भीड़ में कमी
सागरमाला डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड एसपीवी ढांचे में परियोजना को इक्विटी प्रदान कर समर्थन देगी और निजी ऑपरेटरों को अन्य सहायता देगी। इन सहायताओं में विभिन्न नियामक और वैधानिक सरकारी अधिकारियों की अनुमति और स्वीकृति प्राप्त करना शामिल हैं।