नई दिल्ली : सशस्त्र बल झंडा दिवस सीएसआर सम्मेलन का दूसरा संस्करण 04 दिसंबर 2020 को नई दिल्ली में एक वेबिनार के रूप में आयोजित किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सरकार ने देश के विकास में निजी क्षेत्र की भूमिका और महत्व को माना है। 2014 में एनडीए के सत्ता में आने के बाद से मोदी सरकार ने निजी क्षेत्र को बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा क्षेत्र जहां निजी क्षेत्र के लिए मनाही थी, अब भारतीय निजी क्षेत्र का भी स्वागत करने के लिए खुला है। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ क्रांतिकारी कदम उठाए गए हैं और उद्योगों को उचित लाभ उठाने के लिए आगे आने का आग्रह किया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश की संप्रभुता को सुरक्षित बनाए रखने के लिए लड़ाई के दौरान हमारे जवान कभी-कभी अपनी जान भी दे देते हैं, या फिर हमेशा के लिए दिव्यांगता को जीवन सौंप देते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में हमारे पूर्व सैनिकों के पुनर्वास और कल्याण, हमारे शहीदों और हमारे विकलांग सैनिकों के परिजनों की जिम्मेदारी देश के सभी नागरिकों की है। उन्होंने कहा कि झंडा दिवस हमें एएफएफडी फंड में योगदान करके इस जिम्मेदारी को पूरा करने का अवसर प्रदान करता है। रक्षा मंत्री ने हमारे पूर्व सैनिकों की सेवा भावनाओं को याद करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के कठिन दिनों के दौरान भी उन्होंने कोविड-19 से ग्रस्त लोगों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने, सामुदायिक निगरानी और क्वारंटीन प्रबंधन आदि जैसे कार्यों में स्थानीय प्रशासन की बढ़-चढ़ कर सहायता की।
रक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान, सीएसआर के माध्यम से भारतीय उद्योग के उदार योगदान की वजह से एएफएफडीएफ में पर्याप्त वृद्धि हुई है। उन्होंने पिछले साल एएफएफडी फंड में उनके योगदान के लिए उद्योग को धन्यवाद दिया और उनसे इस नेक काम में योगदान जारी रखने की अपील भी की।
भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग के सचिव श्री रविकांत ने कहा कि केन्द्रीय सैनिक बोर्ड (केएसबी) पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। केएसबी एयर कमोडोर बी अहलूवालिया के सचिव ने सम्मेलन में शामिल लोगों को सशस्त्र बल झंडा दिवस कोष से वित्तपोषित कल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराया। केएसबी भारत सरकार की सर्वोच्च संस्था है, जो पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के पुनर्वास और कल्याण के लिए नीतियां बनाती है। एएफएफडीएफ को केसीबी द्वारा प्रशासनिक रूप से नियंत्रित किया जाता है
एएफएफडी फंड का उपयोग उन सैनिकों के परिजनों के पुनर्वास और कल्याण के लिए किया जाता है जिन्होंने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए जीवन की कुर्बानी दे दी या दिव्यांगता को प्राप्त हो गए। इसके जरिए वृद्ध, गैर-पेंशनभोगी, विधवाओं या अनाथ बच्चों की देखभाल की जाती है। उन्हें विभिन्न योजनाओं जैसे पेनरी अनुदान, शिक्षा अनुदान, विधवा / बेटी विवाह अनुदान आदि के माध्यम से वित्तीय सहायता दी जाती है।
वर्तमान में, 32 लाख से अधिक पूर्व सैन्य कर्मी (ईएसएम) और लगभग छह लाख विधवाएं हैं। लगभग 60,000 ईएसएम हर साल इसमें शामिल हो जाते हैं।
एएफएफडीएफ में कॉर्पोरेट योगदान कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135 के तहत सीएसआर दायित्व को पूरा करने के लिए पात्र हैं, क्योंकि यह “सशस्त्र बलों के दिग्गजों, युद्ध विधवाओं और उनके आश्रितों के लाभ के लिए उपायों” का पालन करता है। (कंपनी कानून, 2013 की धारा 6 की अनुसूची 6)
एएफएफडीएफ को आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 जी (5) (vi) के तहत आयकर से छूट प्राप्त है
इस सम्मेलन में सचिव, रक्षा उत्पादन श्री राज कुमार और उद्योग के नेताओं और सीएसआर प्रमुखों ने भाग लिया।
सशस्त्र बल झंडा दिवस 07 दिसंबर 2020 को पिछले वर्षों की तरह इस बार भी पूरे देश में मनाया जाएगा। 1949 के बाद से यह दिवस उन शहीदों के साथ-साथ वर्दीधारी पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है जो देश के सम्मान की रक्षा के लिए हमारी सीमाओं पर बहादुरी से लड़ते हैं।