अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति ने फिर हिलेरी क्लिंटन को ही पछाड़ा
नरेन्द्र मोदी आखरी दावेदार
नई दिल्ली : आखिर कयासों के बाजार में स्थिरता आई और अमेरिका में हिलेरी क्लिंटन को मात देकर राष्ट्रपति निर्वाचित होने वाले डोनाल्ड ट्रंप को टाइम पत्रिका ने ‘पर्सन ऑफ द ईयर-2016’ चुनने का निर्णय जारी कर दिया. इससे पूर्व भारत में पीएम नरेन्द्र मोदी को यह तगमा मिलने की संभावना जताई जा रही थी. बहारहाल टाइम पत्रिका की ओर से टाइम पर्सन ऑफ ई ईयर नामित होने के कुछ देर बाद ट्रंप ने एनबीसी न्यूज के कार्यक्रम ‘टुडे’ में कहा कि यह बड़े सम्मान की बात है. यह मेरे किये बहुत मायने रखता है.
उन्होंने कहा कि मैं टाइम पत्रिका पढ़ते हुए बड़ा हुआ हूं. यह बहुत महत्वपूर्ण पत्रिका है. यह बड़ा सम्मान है. मैं खुशनसीब हूं कि मुझे अतीत में भी टाइम पत्रिका के मुख्य पृष्ठ पर स्थान मिला है. इस बीच पत्रिका ने कहा है कि व्यवस्था विरोधी व लोकलुभावनवादी के तौर पर प्रचार करने के बाद 70 साल के ट्रंप अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति चुने गये और उनके निर्वाचन के साथ उस प्रचार अभियान का अंत हुआ जिसमें बार बार राजनीतिक परिपाटी भंग हुई.
बताया जाता है कि टाइम पर्सन आफ द ईयर की दौड़ में दूसरा स्थान हिलेरी क्लिंटन को मिला है जो राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप के खिलाफ डेमोक्रेट उम्मीदवार थीं. तीसरे स्थान पर ऑनलाइन हैकर्स रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी टाइम के संपादकों ने इस सम्मान के आखिरी दावेदारों के तौर पर 11 लोगों में चुना था. उल्लेखनीय है कि पत्रिका हर साल खबरों को प्रभावित करने वाले किसी व्यक्ति को पर्सन ऑफ इ ईयर चुनती है. यह दावा किया जा रहा था कि पत्रिका के ऑनलाइन सर्वेक्षण में मोदी विजेता बने थे. ख़बरों के मुताबिक इस सर्वेक्षण में उन्होंने दूसरी बार जीत हासिल की है.
टाइम पर्सन ऑफ इ ईयर के दावेदारों में इस बार मोदी एवं ट्रंप के अलावा पुतिन, फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग, तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन, यूके इंडिपेंडेंट पार्टी के नेता निजेल फैरेज, अमेरिकी जिमनास्ट और ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता सिमोन बिल्स और गायिका बेयोंस शामिल हैं. पिछले साल जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल को टाइम पर्सन ऑफ द ईयर चुना गया था.
नरेंद्र मोदी के संदर्भ में टाइम ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री देश की अर्थव्यवस्था को ऐसी स्थिति में ले गए हैं जो ‘उभरते बाजार के तौर पर दुनिया की सबसे सकारात्मक कहानी है.
मैगजीन ने कहा है कि कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए मोदी ने 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने का कदम उठाया, लेकिन इसको लेकर चिंता यह है कि इससे देश की आर्थिक प्रगति धीमी पड़ सकती है.
गौरतलब है कि रविवार रात बंद हुए रीडर्स पोल में प्रधानमंत्री मोदी को कुल 18 फीसदी वोट हासिल हुए थे। साल 2012 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, साल 2013 में पोप फ्रांसिस, साल 2014 में ‘इबोला फाइटर्स’ और साल 2015 में जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल को ‘टाइम पर्सन ऑफ द ईयर’ घोषित किया गया था.
मोदी लगातार चौथी बार इस खिताब के दावेदारों में शामिल हुए थे. मोदी ‘टाइम पर्सन ऑफ द ईयर’ के लिए हुई रीडर्स की ऑनलाइन वोटिंग में दूसरी बार जीते थे.
‘टाइम पर्सन ऑफ द ईयर’ में ऐसे शख्स या ग्रुप को चुना जाता है, जिसने पूरे सालभर खबरों पर सबसे ज्यादा असर डाला है. यह असर अच्छा या बुरा कैसा भी हो सकता है.