क्यों नहीं मिली गैंगरेप प्रकरण में मंत्री आजम को माफी ?

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सर्वोच्च अदालत ने कहा दोबारा हलफनामा दाखिल करो 

” अगर मगर का शब्द विना शर्त वाला नहीं “

नई दिल्ली : बुलंदशहर गैंगरेप प्रकरण में अपने विवादित बयान से हंगामा खड़ा करने वाले उत्तर प्रदेश के काबिना मंत्री और सपा नेता आजम खान की माफी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है.  देश की सर्वोच्च अदालत ने आज सुनवाई के बाद कहा कि आजम खान 15 दिसंबर तक एक नया माफीनामा दाखिल करें.

 

बताया जाता है कि कोर्ट ने आजम खां को दोबारा बिना शर्त माफीनामे का हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है. कोर्ट ने पेश किए गए हलफनामे की कुछ लाइनों पर सवाल उठाते हुए कहा कि इफ यानी यदि मेरे बयान से दुख पहुंचा है… कोर्ट ने कहा कि अगर कोई हलफनामा इफ से शुरू होता है तो ये बिना शर्त माफी नहीं है.

 

कोर्ट ने कहा कि बिना शर्त माफीनामा का हलफनामा कैसा हो, ये भी सुनवाई हो सकती है. कोर्ट ने कहा था कि आपको केस में माफी दी जाए या नहीं ये हलफनामा देखकर तय करेंगे. हलफनामे में कहा गया था कि मीडिया ने उनकी बातों को तोड़मरोड़ कर पेश किया है. एजी ने कहा कि अगर उनके बयान से पीड़ित को तकलीफ पहुंची है तो ? बिना शर्त हलफनामे में अगर (इफ) और तब (दैन) का इस्तेमाल नहीं हो सकता.

 

आजम खान ने कहा था कि वो बिना शर्त माफी मांगने को तैयार हैं. सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि गैंगरेप की पीड़िता के मुद्दे पर बयान देने से पहले बयान देने वालों को जिम्मेदारी का अहसास होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को पीड़िता को केन्द्रीय विद्यालय में एक महीने के अंदर भर्ती कराने और सारा खर्चा यूपी सरकार द्वारा देने के आदेश सुनाया था.

 

एमिक्स क्यूरी फली नारीमन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि इस मसले पर तो आजम के खिलाफ मामला खत्म हो जाता है लेकिन कोर्ट ने गैंगरेप और रेप जैसे अपराधों पर नेता और मंत्रियों के बयान पर जो प्रश्न उठाए थे वो अभी खत्म नहीं हुए हैं. कोर्ट ने संवैधानिक सवालों के जवाब के लिए एजी मुकुल रोहतगी को मदद करने के लिए कहा है.

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