नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 24 सितंबर, 2020 को राष्ट्रपति भवन में वर्चुअल माध्यम से वर्ष 2018-19 के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) पुरस्कार प्रदान करेंगे। केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री, किरेन रिजिजू नई दिल्ली के विज्ञान भवन से होने वाले इस समारोह में शामिल होंगे। वर्ष 2018-19 के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) पुरस्कार 3 विभिन्न श्रेणियों में 42 विजेताओं को दिया जाएगा जैसे विश्वविद्यालय/ +2 परिषद, एनएसएस इकाइयां और उनके कार्यक्रम अधिकारी और एनएसएस स्वयंसेवक।
युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, युवा मामलों का विभाग देश में एनएसएस को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विश्वविद्यालयों/कॉलेजों, (+2) परिषदों, वरिष्ठ माध्यमिक, एनएसएस इकाइयों/कार्यक्रम अधिकारियों और एनएसएस स्वयंसेवकों द्वारा की गई स्वैच्छिक सामुदायिक सेवा मे उत्कृष्ट योगदान को पहचान करने और उन्हें पुरस्कृत करने के लिए प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार प्रदान करता है। वर्तमान में एनएसएस के पूरे देश में फैले हुए लगभग 40 लाख स्वयंसेवक हैं।
एनएसएस एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसे वर्ष 1969 में शुरू किया गया था और इसका प्राथमिक उद्देश्य स्वैच्छिक सामुदायिक सेवा के माध्यम से युवा छात्रों के व्यक्तित्व और चरित्र को विकसित करना है। एनएसएस का वैचारिक नीति महात्मा गांधी के आदर्शों से प्रेरित है। बहुत ही सही रूप से, एनएसएस का आदर्श वाक्य “मैं नहीं, बल्कि आप” (‘स्वयंसेपहलेआप’) है।
संक्षेप में, एनएसएस स्वयंसेवक सामाजिक रूप से प्रासंगिक मुद्दों पर काम करते हैं जो नियमित और विशेष शिविर वाली गतिविधियों के माध्यम से समुदाय की आवश्यकताओं पर प्रतिक्रिया देने के लिए विकसित होते रहते हैं। इन मुद्दों में (i) साक्षरता एवं शिक्षा, (ii) स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और पोषण, (iii) पर्यावरण संरक्षण, (iv) सामाजिक सेवा कार्यक्रम, (v) महिलाओं का सशक्तिकरण करने के लिए कार्यक्रम, (vi) आर्थिक विकास गतिविधियों से जुड़े हुए कार्यक्रम, (vii) आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्य आदि शामिल हैं।