नई दिल्ली। सुशांत सिंह राजपूत की जांच में बिहार और महाराष्ट्र सरकार के बीच चल रही तनातनी अब नए मोड़ पर आ गई है। बिहार के,सीएम नीतीश कुमार ने सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है। मुख्यमंत्री ने आज मंगलवार को यह सिफारिश की है। समझा जाता है कि महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस के गैर जिम्मेदाराना और और सहयोगात्मक रवैया के कारण बिहार सरकार ने सुशांत सिंह राजपूत के परिवार की ओर से की गई मांग पर यह बड़ा फैसला लिया है।
उल्लेखनीय आज ही सुशांत के पिता के वकील विकास सिंह ने सुशांत केस की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी।परिवार की तरफ से सीबीआई जांच की मांग के बाद सीएम नीतीश ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है। जाहिर है इससे मुंबई पुलिस के माथे पर बल पड़ेंगे क्योंकि उनके लिए अब परेशानी बढ़ने वाली है। सीबीआई केंद्रीय एजेंसी है और किसी भी मामले को चेक अप करने के बाद इस एजेंसी को किसी भी राज्य की पुलिस कोई भी डॉक्यूमेंट या कोई सबूत या केस से संबंधित किसी भी पहलू पर जानकारी देने से मना नहीं कर सकेगी।
सीबीआई जांच कराने की मांग देश के करोड़ों लोग लगातार पिछले 1 माह से कर रहे थे यहां तक कि कई बड़े राजनीतिज्ञों केंद्रीय मंत्रियों लोकसभा एवं राज्यसभा के सांसदों व विधायकों द्वारा भी या मांग की जा रही थी।
लेकिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इसे अपनी मूंछ की लड़ाई बना दी थी और उन्होंने सीबीआई जांच की सिफारिश करने से इनकार कर दिया था।
इस बीच मुंबई पुलिस लगातार 40 45 दिनों से जांच कर रही थी और अब तक इस मामले में किसी नतीजे पर नहीं पहुंची थी इसको लेकर सुशांत सिंह राजपूत के पिता और उसके परिवार के अन्य सदस्यों में काफी रोष था। मुंबई पुलिस की कार स्थानी के कारण उनमें निराशा छा गई थी और उन्होंने आंसर बिहार की राजधानी पटना में इस मामले में एक एफ आई आर दर्ज कराई। उक्त f.i.r. में उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत की लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाली अभिनेत्री रिया चटर्जी को पर आरोप लगाया और बिहार पुलिस ने तत्काल इसकी जांच शुरू कर दी।
बिहार पुलिस की ओर से पुलिस की एक टीम मुंबई पहुंची और उन्होंने आधिकारिक रूप से इससे संबंधित जितने गवाह और सबूत हो सकते हैं उसको खंगालना शुरू किया जिससे मुंबई पुलिस की परेशानी बढ़ गई और मुंबई पुलिस ने प्राथमिक तौर पर सहयोग करने का वायदा किया था लेकिन उनका कोई सहयोग बिहार पुलिस को नहीं मिला। यहां तक की बिहार से पटना के एसपी सिटी विनय तिवारी को जब जांच की का नेतृत्व करने के लिए मुंबई भेजा गया तो उन्हें रात्रि 11:00 बजे अचानक मुंबई महानगर पालिका के अधिकारियों ने जबरन 14 दिन के लिए क्वारंटाइन करने का आदेश सुना दिया।
मुंबई प्रशासन या यूं कहें महाराष्ट्र सरकार के इस प्रकार के रवैया से देश के करोड़ों लोगों में मुंबई पुलिस के प्रति और संदेश प्रबल हो गया साथ ही सुशांत सिंह राजपूत के परिवार वालों की आशंका और गहराने लगी। कयास लगाए जाने लगे कि महाराष्ट्र सरकार जानबूझकर बिहार पुलिस को इसकी जांच नहीं करने देना चाहती है मुंबई पुलिस और मुंबई महानगर पालिका के अधिकारी इस में रोड़े अटका रहे हैं। बिहार के एक आईपीएस को अनावश्यक तौर पर 4 दिन के लिए क्वारंटाइन कर देने का मतलब यह निकाला गया कि महाराष्ट्र सरकार किसी भी सूरत में इस मामले में किसी ऐसे शख्स को बचाना चाहती है जो इस पूरे प्रकरण का मुख्य आरोपी हो सकता है।
हालांकि सोमवार को विवाद बढ़ने के बाद मुंबई पुलिस के कमिश्नर परमवीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कुछ मुद्दों पर सफाई दी और उन्होंने कुल मिलाकर यह बताने की कोशिश की कि सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की है लेकिन उनके इस तर्क से सुशांत सिंह के परिवार वाले सहमत नहीं हैं। सुशांत सिंह राजपूत के पिता और उनके परिजनों द्वारा सोमवार को यह भी बताया गया था कि उन्होंने कई माह पहले ही मुंबई पुलिस को इसकी जानकारी दी थी कि सुशांत सिंह पर खतरा है और उसकी हत्या की जा सकती है लेकिन मुंबई पुलिस ने इसका संज्ञान नहीं लिया और अंततः या घटना हो गई।
बिहार के एसपी सिटी पटना विनय तिवारी को क्वारंटाइन करने के बाद बिहार सरकार में खलबली मच गई और उन्होंने इसे बहुत गंभीरता के साथ लिया। किसी भी बड़े से बड़े मुद्दे पर भी बेहद कम शब्दों में बोलने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नपे तुले शब्दों में सोमवार को अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा था कि जो भी हुआ यह ठीक नहीं हुआ। महाराष्ट्र सरकार या या या मुंबई महानगरपालिका के इस गैर जिम्मेदाराना रवैया को देखते हुए बिहार सरकार की ओर से बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने पुलिस कमिश्नर मुंबई को पत्र लिखकर और मुंबई महानगरपालिका के कमिश्नर को भी पत्र लिखकर इसका विरोध जताया था कि किसी भी प्रशासनिक कामकाज की दृष्टि से अगर कोई अधिकारी कहीं जाता है तो उसे अनावश्यक तौर पर क्वारंटाइन करना उस काम में बाधा डालने जैसा है।
इन सारी स्थितियों को देखते हुए सुशांत सिंह राजपूत के पिता और उनके वकील विकास सिंह ने आज बिहार सरकार से इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की। बिहार सरकार का पहली सी यह मानना था कि जब तक उनके परिजन इसकी मांग नहीं करेंगे तब तक सरकार स्वता संज्ञान नहीं लेगी। लेकिन महाराष्ट्र सरकार मुंबई पुलिस और मुंबई महानगरपालिका के व्यवहार को देखते हुए ऐसा लगने लगा था कि महाराज सरकार किसी भी सूरत में बिहार पुलिस को जांच करने देने को तैयार नहीं है इसलिए अब इस मामले की जांच सीबीआई से ही करानी होगी।
ऐसे में सुशांत सिंह के पिता के वकील विकास सिंह ने बिहार सरकार से सीबीआई से जांच कराने की मांग की और बिहार सरकार ने तत्काल इस पर निर्णय लेते हुए केंद्र सरकार को इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश कर दी।