गुरुग्राम। गुरुग्राम में पिछले लगभग एक माह से कोविड-19 वायरस संक्रमण की रफ्तार लगातार तेज होने का मामला अब गरमाने लगा है। प्रदेश सरकार ने जिला स्तर पर बरती गई लापरवाही के मामले में सख्त शब्द रूख अख्तियार करते हुए आज जिले के सीएमओ डॉक्टर जेएस पुनिया का तबादला कर दिया और इनकी जगह पर अब डॉ वीरेंद्र यादव को तैनात किया गया। माना जा रहा है की कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम में मुकम्मल व्यवस्था नहीं कर पाने के कारण ही उन्हें गुरुग्राम से अचानक हटाया गया। उन्हें अब जिला नूंह के पीएमओ की जिम्मेदारी दी गई है।
हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम में कोविड-19 वायरस संक्रमण चिंताजनक स्थिति में पहुंचने के मामले में देर आयद दुरुस्त आयद जैसा कदम उठाया है। गौरतलब है कि यहां पिछले 1 माह से लगातार औसतन 125 से 150 नए पॉजिटिव के सामने आ रहे हैं। हालत यह है कि न तो संकलित व्यक्तियों की समय पर जांच हो पाती है और ना ही समयानुसार जांच की रिपोर्ट आ पाती आती है। दूसरी तरफ लगातार शहर में कंटेनमेंट जॉन की व्यवस्था दुरुस्त करने के मामले में भी कोताही बरतने की शिकायतें उजागर होती रही।
कई बार ऐसा भी देखने को मिला कि परिवार के एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बावजूद उक्त परिवार के अन्य सदस्यों की जांच करने में भी कोताही बरती गई। न्यू पालम विहार जैसी आवासीय कॉलोनी में तो कंटेनमेंट जॉन घोषित करने में भी आश्चर्यजनक रूप से खामियां बढ़ती गई। अब लगातार पॉजिटिव केस तेज गति से आने लगे हैं।
मंगलवार को गुरुग्राम में 164 नए पॉजिटिव के मिलने की पुष्टि की गई थी जबकि आज एक बार फिर 217 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। अब यहां कुल 2546 पॉजिटिव केस हो चुके हैं जिनमें से 1709 व्यक्ति उपचाराधीन हैं और 824 व्यक्ति अब तक ठीक हो पाए हैं।
गुरुग्राम हरियाणा का ही नहीं बल्कि देश व विदेश के मानचित्र पर भी एक प्रमुख औद्योगिक एवं व्यावसायिक शहर के रूप में स्थापित है। इस शहर के हालात पर दुनिया के अन्य देशों के बड़े उद्यमियों एवं व्यवसायियों की नजरें भी लगातार टिकी हुई हैं। ऐसे में शहर में कोविड-19 वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए व्यवस्था में किसी भी प्रकार की खामी को बर्दाश्त करना हरियाणा प्रदेश की छवि के साथ खिलवाड़ करना है।
दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि लॉक डाउन के प्रथम चरण में हाय तौबा मचाने वाले जिला प्रशासन के अधिकारियों की टीम पिछले एक माह से नदारद दिखती है और हालात लगातार बद से बदतर की ओर अग्रसर होती रहे। यहां पॉजिटिव के लगातार बढ़ने के कारण हरियाणा सरकार के सुधरी व्यवस्था करने के सारे दावे भी फुस्स हो गए। संक्रमण का क्रम टूटने का नाम नहीं ले रहा और स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन में बैठे लोग लगातार इसकी रोकथाम के दावे प्रति दावे करते रहे।
जब स्थिति नियंत्रण से बाहर होती देखने लगी और मीडिया में भी इसको लेकर लगातार जिला प्रशासन एवं स्वास्थ विभाग की तीव्र आलोचना होने लगी तब जाकर हरियाणा का स्वास्थ विभाग जागा और इसके लिए केवल गुरुग्राम जिला के सीएमओ पद पर तैनात डॉक्टर जेएस पुनिया पूरी जिम्मेदार ठहरा कर उनका तबादला कर दिया गया। हालांकि शहर के लोग इस उम्मीद में हैं कि हरियाणा सरकार केवल स्वास्थ्य विभाग में ही फेरबदल कर नहीं रुकेगी बल्कि जिला प्रशासन में भी बड़े पैमाने पर बदलाव कर सकती है।
बहरहाल डॉक्टर जेएस पुनिया को अब उस नूंह जिला की जिम्मेदारी दी गई है जहां केवल 102 संक्रमित व्यक्ति हैं। पूर्व में यह माना जा रहा था कि हरियाणा में नूंह जिला सिर दर्द बनेगा लेकिन प्रशासनिक शक्ति करें या फिर वहां के लोगों का सरकारी गाइडलाइन के साथ तालमेल अब तक के हालात अपेक्षाकृत बेहतर है जबकि गुरुग्राम जहां 1 दर्जन से अधिक कमिश्नर स्तर के अधिकारी तैनात हैं अपनी बदहाली पर पर रो रहा है।
यहां बैठकों का दौर चलता रहता है लेकिन धरातल पर कुछ भी देखने को नहीं मिलता है। अभी हाल ही में गुरुग्राम के डिविजनल कमिश्नर अशोक सांगवान ने नोडल अधिकारियों की सूची में फेरबदल कर कुछ सक्रियता दिखाई लेकिन पिछले 1 सप्ताह में संक्रमण की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। अब स्वास्थ विभाग में जिला के सीएमओ को बदल दिया है तब हालात में क्या बदलाव आएंगे या समय बताएगा।