-जिला रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसायटीज, गुरुग्राम को भेजी शिकायत
-हाउसिंग सोसायटी के लिए प्रशासक नियुक्त करने की मांग की
-बिल्डर द्वारा थोपी गई मेंटेनन्स एजेंसी को हटाने की आवश्यकता बताया
-सोसायटी के अकाउंट का सरकारी एजेंसी से ऑडिट कराने का किया अनुरोध
-बिल्डर टीम की खुलेआम दादागिरी से यहाँ के सभी लोग परेशान
सुभाष चन्द्र चौधरी
गुरुग्राम : एमार गुड़गांव ग्रीन्स रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने एमार एम् जी ऍफ़ इंडिया प्रबंधन की मनमानी के खिलाफ अब कानूनी लड़ाई का बिगुल फूंक दिया है. बिल्डर के अनापशनाप फैसले और व्यवस्था में बरती जा रही खामियों से परेशान गुरुग्राम, सेक्टर 102 स्थित एमार गुड़गांव ग्रीन्स में रहने वाले सैकड़ों फ़्लैट मालिकों ने हाउसिंग सोसायटी के लिए प्रशासक नियुक्त करने की मांग की है. ई मेल के माध्यम से जिला रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसायटीज, गुरुग्राम को भेजे गए पत्र के माध्यम से मामले में जनहित के लिए हस्तक्षेप करते हुए बिल्डर द्वारा थोपी गई मेंटेनन्स एजेंसी को हटाने की आवश्यकता पर बल दिया है. लोगों ने उक्त सोसायटी के अकाउंट का तुरंत सरकारी एजेंसी से ऑडिट भी कराने का अनुरोध किया है। फ़्लैट मालिकों ने शिकायत की है कि यहाँ मेंटेनन्स एजेंसी टीम लोगों के साथ असभ्य व्यवहार करती है. बिल्डर टीम की खुलेआम दादागिरी से यहाँ के सभी लोग परेशान हैं.
उल्लेखनीय है कि यह विवाद लम्बे समय से चल रहा है. 600 से ज्यादा फ्लैट मालिक लम्बे समय से बिल्डर के खिलाफ विभिन्न सरकारी अधिकारीयों से गुहार लगा चुके हैं. इस सोसाइटी के फ़्लैट मालिकों ने बिल्डर की ओर से की जा रही ज्यादती के खिलाफ कई बार शिकायतें की. बिल्डर के साथ भी हुई कई बैठकों में लोगों ने विरोध जताया लेकिन फ़्लैट मालिकों के साथ ज्यादती जारी रही. यहाँ तक कि हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथोरिटी, गुरुग्राम, जिला उपायुक्त गुरुग्राम, डीटीपी गुरुग्राम के दरबार में भी यहाँ लोग अपनी समस्या को लेकर गए लेकिन स्थिति पूर्ववत बनी हुई है. जिला रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसाइटीज, गुरुग्राम के समक्ष पहले भी बिल्डर के वायदाखिलाफी वाले कारनामे की शिकायत की गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से एमार एम् जी ऍफ़ इंडिया प्रबंधन की मनमानी बढती गई और लोगों का जीना यहाँ दूभर हो गया. शिकायतकर्ता संदीप फौगाट के अनुसार सोसाइटी में फ़्लैट मालिकों को लगातर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है लेकिन कई बार बिल्डर व विभिन्न सरकारी अधिकारीयों से गुहार लगाने के बावजूद किसी समस्या का समाधान नहीं किया गया।
आलम यह है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा ग्रेटर नोएडा और अन्य शहरों के बड़े बिल्डरों को फ़्लैट खरीददारों के साथ धोखाधड़ी करने के लिए कड़ी फटकार लागने व सख्त रुख अख्तियार करने के बावजूद गुरुग्राम में ऐसे दर्जनों मामले आज भी देखने को मिल रहे हैं. यहाँ तक कि केंद्र सरकार ने फ़्लैट खरीददारों के हितों की रक्षा के लिए कानून पास किया और हरियाणा जैसे राज्य में हरेरा का भी गठन किया गया लेकिन बिल्डरों की मनमानी और वादाखिलाफी का अनैतिक धंधा बदस्तूर जरी है. ऐसा ही यह मामला है एमार गुड़गांव ग्रीन्स का जिसमें न तो जिला रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसाइटीज, गुरुग्राम संज्ञान ले रहा है और न ही जिला प्रशासन.
जिला रजिस्ट्रार फर्म्स एंड सोसाइटीज, गुरुग्राम को एमार गुड़गांव ग्रीन्स के फ़्लैट मालिकों द्वारा भेजी लिखित शिकायत में बताया गया है कि इलाके की तुलना में एमार बिल्डर द्वारा मेंटेनन्स चार्ज बहुत अधिक (3.65 रु प्रति वर्ग फीट) वसूला गया है। यहाँ तक कि अधिकतर मालिकों को कब्जे के समय 2 साल के अग्रिम सामान्य क्षेत्र रखरखाव शुल्क का भुगतान करने के लिए मजबूर किया गया था। सामान्य क्षेत्र रखरखाव शुल्क के साथ कई मालिकों पर 18% जीसटी भी लगाया गया था। फ़्लैट मालिक संदीप फौगाट का कहना है कि बिल्डर ने सोसायटी के पंजीकरण से पहले इस अग्रिम सामान्य क्षेत्र रखरखाव शुल्क की वसूली कर ली. यही नहीं नियमों को ताक पर रखते हुए बिल्डर ने बैंक खाता सोसाइटी के पंजीकरण के बिना पहले ही खोल लिया था। फ़्लैट ओनर्स ने ब्याज के साथ वसूले गए अग्रिम सामान्य क्षेत्र रखरखाव शुल्क और जी एस टी की राशि वापस करने की मांग की है.
श्री फौगाट के अनुसार एमार गुड़गांव ग्रीन्स रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने लिखित शिकायत में कहा है कि सोसाइटी में वर्तमान सामान्य क्षेत्र रखरखाव सेवाएं अपर्याप्त हैं. मेंटेंनेंस की गुणवत्ता भी ख़राब हैं। बिल्डर द्वारा रखरखाव टीम में अकुशल लोगों की भर्ती की है जो सफाई और बुनियादी रखरखाव के मुद्दों को भी संभाल नहीं सकते हैं। कई बैठकों में बिल्डर से फ़्लैट मालिकों ने मासिक व्यय और बैलेंस सीट दिखाने की मांग की लेकिन उन्होंने नहीं दिखाया. यह हरेरा अधिनियम का सीधा उल्लंघन है। शिकायत में आशंका व्यक्त की गई है कि बिल्डर टीम द्वारा सामान्य क्षेत्र रखरखाव खाते से उक्त राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है. बिल्डर की टीम पर फ़्लैट मालिकों ने भ्रष्टाचार और पैसे के भारी दुरुपयोग का भी आरोप लगाया है।
फ़्लैट मालिक परवीन शेरावत के अनुसार बिल्डर ने सोसायटी को तीन स्तरीय सुरक्षा प्रदान करने का वायदा किया था। वर्तमान सुरक्षा व्यवस्था अपर्याप्त है। पर्याप्त सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। आगंतुकों के लिए कोई प्रतीक्षा क्षेत्र, गेट पर अपर्याप्त सुरक्षा, कई टावरों के लिए केवल एक सुरक्षा गार्ड है. सामान्य क्षेत्र रखरखाव कर्मचारियों द्वारा फ्लैटों में अनधिकृत प्रवेश किया जाता है. यहाँ लगाये गए लिफ्ट अक्सर खरब रहते हैं. सुरक्षा व्यवस्था सुधारने की आवश्यकता के मद्देनजर यहाँ तैनात एक सुरक्षा गार्ड को नाकाफी बताया गया है. सोसाइटी की वास्तुकला को देखते हुए कई टावरों के प्रवेश द्वारों की निगरानी ठीक से संभव नहीं है ।
मेजर राम कुमार की शिकायत है कि क्लब की सदस्यता के लिए सभी सदस्यों द्वारा प्रति व्यक्ति 1.5 लाख का भुगतान करने के बाद भी क्लब हाउस की बुकिंग के लिए बिल्डर शुल्क वसूल रहा है। इस मद में अबतक लगभग 10 करोड़ रुपये ले लिए हैं. लिखित शिकायत में बिल्डर के इस मनमाने कदम पर रोक लागने की मांग की गई है जबकि मालिकों से वसूली गई राशि वापस करवाने को कहा है. उनका कहना है कि बिल्डर अपनी सेल्स टीम के लिए क्लब हाउस का उपयोग कर रहा जो गैरकानूनी है जिस पर रोक लगाने की मांग भी एसोसिएशन ने की है. उन्होंने बताया कि सोसायटी में बने स्विमिंग पूल भी अब तक चालू नहीं हुए हैं.
लोगों का कहना है कि एमार प्रबंधन यहाँ रहने वालों से डीजी बिजली शुल्क 21 रुपये प्रति यूनिट की दर से वसूल रहा जो बहुत अधिक हैं और उपयोग के मुकाबले स्वीकृत इलेक्ट्रिक लोड भी कम है। बिजली के मीटर भी फाल्टी होने की शिकायत की गई है. सोसाइटी में अनियमित बिजली कटौती होने से डीजल जनरेटर चलाना पड़ता है और फ्लेट मालिकों से बिजली का ज्यादा रेट चार्ज किया जाता है।
एमार गुड़गांव ग्रीन्स में एक और फ़्लैट मालिक सुनील ग्रेवाल का कहना है कि एमार प्रबन्धन उस मालिक को सोसायटी की सदस्यता प्रदान नहीं कर रहा है जिसने सबवेंशन प्लान का विकल्प चुना है जबकि उसने 90% राशि का भुगतान किया है और कब्जा लिया है। रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने अपनी शिकायत में यह मुद्दा भी उजागर किया है. उन्होंने बताया कि कई मालिकों ने इस बारे में पहले भी सोसायटी रजिस्टार को शिकायत भेजी थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
बिल्डर इस कदर मनमानी पर उतारू है कि प्रति माह 800-1600 रु की दर से आम क्षेत्र बिजली शुल्क, सामान्य क्षेत्र रखरखाव शुल्क जोकि 3.65 रु प्रति वर्ग फीट है ,पहले से ही फ़्लैट मालिकों से 2 साल के पैसे वसूल लिए गए हैं और अब इसके ऊपर चार्ज करना शुरू कर दिया। सोसायटी के सदस्यों ने बिल्डर के इस अनुचित और गैरकानूनी वसूली पर रोक लगाने की मांग की है.
शिकायत कर्ताओं में संदीप फौगाट के अलावा नितिन हांडा, अमिता सिंह कार्तिक, प्रवीण शेरावत विनोद कुमार सिंह, महेंद्र पाल, डॉक्टर सुरेंद्र अरोड़ा ,मनोज कुमार, गगन विज, सत्य सिंह, नित्य सिंह, पवन कुमार तंवर, राजवीर सिंह , सुनील ग्रेवाल, जवाहर यादव, संजीव जेना, हर्षित अग्रवाल, चंद्रकांत जेधे , कर्नल गोविंद, मेजर राम कुमार, विश्वजीत यादव, तुषार, हनित आहूजा, जेपी तिवारी, विजय वर्मा , एम के बाली, सुरेंद्र कुमार मारवा, ईशान भसीन, शोभित मलिक, मंजू खरायत, पारस सूरी, आयुष नेगी, मनोज महेंद्रू, अजय सिवाच और सूची अरोड़ा भी शामिल हैं.