चंडीगढ़ : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व विपक्ष के नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने भाजपा सरकार की और से खरीफ की फसलों के MSP में की गई बढ़ोतरी नाकाफी बताया है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि धान पर सिर्फ 2.9% की बढ़ोतरी हुई है जो किसानों के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि खाद,बीज,सिंचाई,तेल,लेबर,कढ़ाई,ढुलाई व महंगाई की दर में बढ़ोतरी इससे कई गुणा ज़्यादा है। सरकार की तरफ से तय रेट पर तो खेती की लागत भी पूरी नहीं हो पाएगी। उन्होंने सरकार से किसानों के लिए उचित बोनस का ऐलान करने की मांग की ।
किसानों का मुद्दा गरमाने लगा है. हरियाणा की मनोहर लाल केंद्र सरकार की इस बात के लिए दुहाई दे रही है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के हित में एमएसपी बढाने से लेकर खाद्य आपूर्ति अधिनियम में बदलाव लाकर किसानों को अपनी फसल अपनी मर्जी से बेचने का अधिकार दे रही. लेकिन प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री हुड्डा ने आज भाजपा सरकार के फैसले पर यह कहते हुए सवाल खडा किया कि सरकार अभी फसलों की ख़रीद बंद ना करे व बचे हुए किसानों को मौक़ा और दे। उन्होंने याद दिलाया कि सरकार ने ख़ुद 30 जून तक ख़रीद जारी रखने का आश्वासन दिया था। उन्होंने सरकार से कहा है कि फसल ख़रीद बंद करने में जल्दबाज़ी की बजाए किसानों की बची हुई पेमेंट के भुगतान और मंडियों में पड़ी फसल के उठान में जल्दबाज़ी दिखाए।
श्री हुड्डा ने सरकार से चने और सरसों की ख़रीद में हुई धांधली की जांच कराने की मांग की । उनका कहना है कि किसान पहले ही टोटे की मार झेल रहा है। ऊपर से सरकारी घपले की मार उसे बर्बादी की कगार पर ले आई है।उनहोंने अपनी मांग को दोहराते हुए जोर दिया कि सरकार को किसानों के साथ हुई हेराफेरी का संज्ञान लेते हुए आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए व किसानों के नुकसान का भुगतान करना चाहिए।
कांग्रेस नेता यह कहते हुए हैरानी जाहिर की कि किसानों और विपक्ष के विरोध के बावजूद प्रदेश सरकार धान के किसानों पर पाबंदी की ज़िद पर अड़ी हुई है। सरकार अब धान की खेती के लिए बरसाती मोगे से नहरी पानी की उपलब्धता की नई नीति लेकर आई है।
उन्होंने आगाह किया कि सरकार धान पर पाबंदी कि ज़िद छोड़े और बरसाती मोगे की नई नीति पर फिर से विचार करे। उन्होंने बल देते हुए कहा कि खरीफ की फसलों के MSP में हुई बढ़ोतरी नाकाफी है। धान पर सिर्फ 2.9% की बढ़ोतरी हुई है।
उनकी नजरों में खाद,बीज,सिंचाई,तेल,लेबर,कढ़ाई,ढुलाई व महंगाई की दर में बढ़ोतरी इससे कई गुणा ज़्यादा हुई जिससे किसान खर्च के बोझ टेल दबा हुआ है। उनका कहना है कि सरकार की तरफ से तय रेट पर तो खेती की लागत भी पूरी नहीं हो पाएगी। सरकार किसानों के लिए उचित बोनस का ऐलान करे।
इससे पूर्व भी श्री हुड्डा ने MSPका मुद्दा उठाया था. उन्होने अपने बयान में कहा था कि बयान एम्प एस पी पर फसल खरीद किसानों का अधिकार है इसे कोई नहीं छीन सकता। ज़िद पर अड़ी सरकार ने धान बुआई पर पाबंदी का फैसला तुरंत वापस नहीं लिया तो लॉकडाउन के बाद 1 जून को कुरुक्षेत्र में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके प्रदेशव्यापी विरोध कार्यक्रम करेंगे। सरकार किसान की हालत और हालात की गंभीरता समझे।
उन्होंने कहा था कि हरियाणा का कोई भी किसान BJP सरकार की थोपी शर्तों को मानने को तैयार नहीं। किसान के हर संघर्ष में हम उनके साथ हैं, वे बेहिचक खेतों में धान बुआई करें। एक ज़िम्मेदार विपक्ष के नाते हम किसान और भूजल दोनों की चिंता करते हुए लगातार सरकार को सकारात्मक सुझाव दे रहे हैं।