नई दिल्ली। देश में आज फिर कोविड-19 पॉजिटिव के 1835 नए मामले आए। इससे अब इस महामारी से संक्रमित लोगों की कुल संख्या 26283 हो गई। इनमें से 19519 व्यक्ति डॉक्टर की निगरानी में है और इस संक्रमण से जूझ रहे हैं जबकि 5939 लोग अब तक ठीक हो चुके हैं । आज इस संक्रमण के शिकार हुए लोगों में से कुल 44 लोगों की मृत्यु हो गई ।
आज मिले नए पॉजिटिव मामले में अकेले महाराष्ट्र से 811 के सामने आए हैं जबकि गुजरात से 256 दिल्ली से 111 हैं। इसी तरह राजस्थान से 49, मध्य प्रदेश से 99, तमिलनाडु से 66, उत्तर प्रदेश से 172, आंध्र प्रदेश 61, तेलंगाना से सात ,वेस्ट बंगाल से 57 ,कर्नाटका से 26, जम्मू और कश्मीर से 40 ,केरल से 7, पंजाब से 10, हरियाणा से 12, बिहार से 28 ,उड़ीसा से 6 ,झारखंड से 8 , अंडमान निकोबार से 4, लद्दाख से 2 और चंडीगढ़ से एक नए मामले सामने आए हैं।
केंद्र सरकार एक तरफ चरणबद्ध तरीके से लॉक डाउन के दूसरे फेस में धीरे-धीरे अलग-अलग क्षेत्रों को राहत देने की कोशिश में जुट गई है तो दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही।
आज भी केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन की अध्यक्षता में जिओ एम की बैठक हुई जिसमें देश के सभी राज्यों में इस संक्रमण से लड़ने के लिए की जा रही तैयारियों का विस्तार से जायजा लिया गया।
इस बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे जिनमें से नीति आयोग के अधिकारी भी थे की ओर से मंत्री समूह के सामने अब तक की सारी तैयारियों एवं किए गए उपायों को प्रेजेंटेशन के माध्यम से समझाने की कोशिश की गई।
बैठक में पीपी किट मास्क की आवश्यकतानुसार आपूर्ति को लेकर मंत्री समूह को आश्वस्त किया गया ।बताया गया कि देश में स्वदेशी कंपनियां ही पीपीई किट और मास्क बनाने का काम बड़े पैमाने पर कर रही हैं । अब प्रतिदिन एक लाख टी पी किट और मास्क बनाने की क्षमता विकसित हो चुकी है।
इसके साथ ही वेंटिलेटर के निर्माण में भी भारतीय कंपनियों ने पूरी ताकत झोंक दी है और अब तक 59000 वेंटीलेटर की डिमांड संबंधित उत्पादक कंपनियों को जारी की गई है जिसकी आपूर्ति शीघ्र ही की जाएगी।
दूसरी तरफ बड़े पैमाने पर देश के सभी राज्यों के डॉक्टरों स्वास्थ्य कर्मियों अन्य मेडिकल स्टाफ और वॉलिंटियर स्कोर मेडिकल केयर का प्रशिक्षण ऑनलाइन दिए जाने पर बल दिया जा रहा है। पूरे देश का मेडिकल प्रोफेशनल और स्टॉप एवं वॉलिंटियर्स का डेटा तैयार करने के लिए एक वेबसाइट लांच की गई है जिसका उपयोग जरूरत पड़ने पर कोई भी राज्य कर सकता है।